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Rewa news, जिले में MP आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार की नहीं होती जांच पड़ताल गरीबों के हक में डांका डाल रहे भ्रष्टाचारी।

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Rewa news, जिले में MP आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार की नहीं होती जांच पड़ताल गरीबों के हक में डांका डाल रहे भ्रष्टाचारी।

प्रधानमंत्री आवास योजना के दोषी दो सहायक सचिव हुए सेवा से पृथक दर्जनों रोजगार सहायकों के खिलाफ चल रही शिकायत।

रीवा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है यहां नियम विरुद्ध तरीके से अपात्र लोगों को आवास योजना का लाभ दिया गया तो वहीं पात्र हितग्राहियों से मोटी रकम रिश्वत लेने के बाद आवास योजना की राशि निकाली गई है इसके अलावा कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां हितग्राहियों के नाम से राशि तो निकल गई लेकिन उनका घर बनवाने के लिए पैसे उनके हाथ नहीं आए जाहिर सी बात है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पंचायत स्तर से रोजगार सहायक ग्राम पंचायत सचिव जनपद के उपन्यत्री और अनुविभागीय अधिकारी और सीईओ सभी अपनी-अपनी जगह पर जिम्मेदार होते हैं अब सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जो राशि शासन द्वारा दी जा रही है उतनी राशि में महंगाई को देखते हुए घर बनाना बहुत ही कठिन कार्य है किसी तरह गरीब लोग शासन की मदद से अपना दो कमरे का मकान तो खड़ा कर लेते हैं लेकिन अगर इसमें भी भ्रष्टाचार हो जाए तो फिर गरीब हितग्राहियों के सपनों का घर सिर्फ सपना रह जाता है।

कहां हुआ भ्रष्टाचार।

रीवा जिले के मनगवां विधानसभा क्षेत्र जनपद पंचायत गंगेव की ग्राम पंचायत सूरा के रोजगार सहायक को प्रधानमंत्री आवास योजना में की गई गड़बड़ी के लिए दोषी पाए जाने पर जिला पंचायत सीईओ रीवा ने सेवा से पृथक कर दिया है लेकिन आवाज योजना में भ्रष्टाचार सिर्फ सूरा में ही नहीं करीब दो दर्जनों से अधिक ग्राम पंचायत में कुछ इसी तरह से भ्रष्टाचार हुए हैं जहां स्थानीय स्तर पर या तो लोग विरोध नहीं कर पा रहे हैं या फिर शिकायत किए भी हैं तो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच पड़ताल नहीं की जा रही है ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत गढ़ से सामने आया है जहां ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सूची अनुसार हितग्राहियों को राशि आवंटित की गई है लेकिन हितग्राहियों तक जारी की गई पूरी राशि नहीं प्रदान की गई।

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कौन है जिम्मेदार।

प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि के उपयोग की देखरेख शासन के नक्शा और नियम अनुसार बनाने का दायित्व उपयंत्री सहायक रोजगार सहायक और सचिवों के ऊपर था योजना और लक्ष्य की पूर्ति हेतु जिनके घर नहीं बने उनको भी राशि आवंटित कर दी गई गढ़ निवासी सफर मोहम्मद ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए 50% कमीशन ली गई है इसी तरह और कई लोग हैं जिनकी आवास अभी अधूरे पड़े हैं और राशि पूरी आहरित हो चुकी है जो हितग्राहियों के हाथ नहीं आई ग्राम पंचायत गढ़ में ऐसे कई मकान है जहां किसी तरह से छत तो पड़ गई लेकिन मकान में प्लास्टर नहीं हो पाया। यहां तक की कुछ बने हुए पुराने मकानों को दिखाकर प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि कमीशन की भेंट चढ़ गई और कई लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि लेकर दुकान बनवाकर व्यवसाय करने में जुट गए हैं।

भ्रष्ट सिस्टम के आगे लुट रहा गरीब।

देश के प्रधानमंत्री का स्वप्न है कि देश की गरीब आबादी का खुद का उनका मकान होना चाहिए और सरकार की यह अति महत्वाकांक्षी योजना गरीबों के लिए किसी वरदान से काम नहीं है ऐसा नहीं कहा जा सकता कि इस योजना में हर जगह भ्रष्टाचार हुआ है लेकिन इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इस योजना में भ्रष्टाचार नहीं हुआ है अपात्र लोगों को पात्र बताया जाकर प्रधानमंत्री आवास की किस्त जारी करना, किसी अन्य व्यक्ति के पहले से निर्मित पक्के मकान का जिओ टैग कर अन्य व्यक्ति के नाम पर मकान बना हुआ बताया जाना, अन्य हितग्राहियों की फोटोग्राफ्स आवास ऐप में अपलोड किया जाता है अगर प्राप्त शिकायतों की सघनता के साथ जांच पड़ताल की जाए तो अभिलेखों में निर्मित पंचायत स्तर पर विकास कार्य विलुप्त हैं मेड बंधान,तालाब मरम्मत, सड़क, नाली, चबूतरा, वृक्षारोपण जैसे कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं इसी तरह से प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट कुछ पंचायत में चढ़ी है लेकिन भ्रष्ट सिस्टम के सामने गरीब और कमजोर लोग बेअसर हो जाते हैं और भ्रष्टाचारी अपने पद का दुरुपयोग कर गरीबों के हक को लूट रहे हैं।

पीएम आवास में घोटाले पर सूरा और पचोखर रोजगार सहायक की सेवा समाप्त।

सीईओ जिला पंचायत रीवा संजय सौरभ सोनवणे ने दो कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया है रीवा जिले के गंगेव जनपद की सूरा एवं पचोखर ग्राम पंचायत में ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास की किस्त जारी करने पर कार्यवाही की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बताया कि मामले को लेकर शिकायत की गई थी जिस पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेड़े के द्वारा जांच करवाई गई थी और बीते दिन दोनों रोजगार सहायकों को सेवा से पृथक कर दिया गया है अब इस बात की जरूरत है कि जिन ग्राम पंचायतों नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत हो रही है उनकी जांच होनी चाहिए क्योंकि यह योजना भारत सरकार की अब तक की सबसे महत्वपूर्ण योजना में शामिल है जिसका लाभ अंतिम छोर के गरीब बेसहारा लोगों को दिया जाता है औरगरीबों के हक में डांका डालने वाले भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसा जा सके।

 

 

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