वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक निर्भरता के लिए मोदी सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला।
भारत देश में इस समय देखने को मिल रहा है कि 60 साल उम्र के बाद वरिष्ठ नागरिकों को उपार्जन के अवसर नहीं मिलने से उनकी आर्थिक निर्भरता प्रभावित हो रही है वरिष्ठ नागरिकों के सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर केंद्र की मोदी सरकार अब बड़ा फैसला करने जा रही है सरकार मान रही है कि बुजुर्गों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए उन्हें प्रोत्साहन देने की जरूरत है वरिष्ठ नागरिकों के पेंशन की मदद के दायरे को और बढ़ाना चाहिए इसके साथ ही बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए सस्ते हेल्थ इंश्योरेंस की व्यवस्था भी होनी चाहिए। बुजुर्गों की देखभाल संबंधी उत्पादों को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए। रिवर्स मार्गेज स्कीम के तहत उन्हें अधिक नकदी मुहैया कराई जाए इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। रिवर्स मार्गेज के तहत बुजुर्ग अपनी संपत्ति को बैंक के पास रखकर एक निश्चित अवधि के लिए फिक्स्ड रकम ले सकते हैं सामाजिक रूप से सुरक्षित करने के लिए उनमें कानूनी जागरूकता लाने के साथ सामुदायिक मदद के प्रोत्साहन की भी जरूरत है।
क्या कहता है नीति आयोग
वरिष्ठ नागरिकों को लेकर देश के नीति आयोग का कहना है कि
वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं में जो कमी है, उसे पूरा करके बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उदाहरण के तौर पर आयोग ने बताया है कि पूरे देश में लगभग 78 प्रतिशत बुजुर्गों के पास पेंशन की कोई सुविधा नहीं है इसके साथ ही केवल 18 प्रतिशत बुजुर्गों के पास ही स्वास्थ्य बीमा की सुविधा है माना जा रहा है कि बुजुर्गों में डिमेनशिया जैसी मानसिक बीमारी से पीडि़त होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके कारण लगभग 20 प्रतिशत बुजुर्ग किसी न किसी रूप में मानसिक रूप से पीड़ित और प्रताड़ित हैं इसके साथ ही परिवार में लोगों की संख्या कम होने से वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करने वालों की भी कमी होती जा रही है नीति आयोग ने इस संबंध में सरकार की मदद के लिए पूरा मसौदा जारी किया है। मसौदे में बुजुर्गों को मुख्य रूप से चार सेक्टर स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक व डिजिटल रूप से सुरक्षित करने की सिफारिश की गई है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए दूसरे देशों में है बेहतर व्यवस्था।
भारत देश के मुकाबले दूसरे ऐसे कई देश हैं जहां वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न सुविधाएं और व्यवस्थाएं दी गई है
नीति आयोग ने अपने मसौदे में जापान, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, सिंगापूर, ब्रिटेन जैसे कई देशों में बुजुर्गों को दी जाने वाली आर्थिक व स्वास्थ्य सुरक्षा का मॉडल भी दिया है क्योंकि भारत देश में भी धीरे-धीरे सभी सेक्टर डिजिटल होते जा रहे हैं इसलिए वित्तीय सुरक्षा से लेकर अन्य सुविधाओं को हासिल करने के लिए भी बुजुर्गों को डिजिटल रूप से जागरूक करना होगा।