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गुलाम भारत और आजाद भारत में फर्क सिर्फ इतना है कि पहले अंग्रेज लूटते थे अब नेता लूट रहे हैं :एड प्रवीण पाण्डेय।

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गुलाम भारत और आजाद भारत में फर्क सिर्फ इतना है कि पहले अंग्रेज लूटते थे अब नेता लूट रहे हैं :एड प्रवीण पाण्डेय।

 

हाईकोर्ट जबलपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण पाण्डेय ने अपने X में एक फोटो डालकर अपने मन की बात कहते हुए लिखते हैं कि विकसित भारत में अपने मन की बात लिखने के लिए मजबूर हूं उन्होंने फोटो डालकर लिखा कि यह दृश्य प्रत्येक भारतीय को विचलित करेगा दोस्तों देश आजाद क्यों कराया गया कितने लोगों ने अपना जीवन बलिदान किया शहीद हुए आजादी के बाद अपने ही देश के लोग नेता वही हुए जो सामंती सोच रखते हैं एक दो प्रतिशत लोग जो मानवतावादी हैं वह राजनीति में तो थे लेकिन उनके मन का नहीं हुआ अब समस्या इस बात की है राजनीति व्यापार बन चुकी है जिसके पास पैसा है चमचागिरी आती है वही राजनेता है धन लगाओ धन कमाओ की सोच रखने वाले लोग देश के रहनुमा है कानून भी सत्ता के लिए बनाए जा रहे हैं।

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गुलाम भारत और आजाद भारत में सिर्फ इतना अंतर है अंग्रेज जनता से पैसा लुटते थे आजाद भारत में नेता पैसा लूट रहे हैं गुलाम भारत में अंग्रेजों का विरोध करने पर दंड दिया जाता था आजाद भारत में नेताओं का विरोध करने पर हत्या की जाती है सभी कानून अंग्रेजों के बने हुए भारत में आज भी लागू है नेताओं से जनता के बारे में देश के बारे में कोई मतलब नहीं सिर्फ अपने परिवार और अपने सत्ता के लिए सीमित है आजादी नाम मात्र की सिर्फ सत्ता बदलने का अंतर है।

नेताओं के विचार सभी दलों के एक जैसे लूट सको तो लूट यह दृश्य बताता है देश में राजनीतिक परिवर्तन की सख्त आवश्यकता है सत्ता बदलने से काम नहीं चलने वाला विचार बदलने होंगे अब राजनीतिक पूंजी पतियों की दासी हो गई है जनता भी गुमराह होती है गुमराह करने के तरह-तरह हथकंडे अपनाए जा रहे हैं यदि देश में राष्ट्रभक्तों को राजनीति में आने का अवसर नहीं मिला मान लीजिए देश गुलाम है जय हिंद जय भारत।

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