Loksabha election 2024, अकेला बिहारी सब पर भारी, भाजपा में खलबली क्यों-?
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जो तस्वीर सामने आई है उससे यह साफ हो गया कि अब भाजपा अकेले पूर्ण बहुमत में नहीं है और अगर भाजपा की तीसरी बार सरकार बनती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को अपने सहयोगी दलों के साथ तालमेल बनाकर ही राजनीति करना होगा यह तब होगा जब भाजपा की सरकार बन जाती है लेकिन इससे पहले जो चर्चा मतगणना के दौरान से शुरू हुई थी वह अभी खत्म नहीं हुई और वह चर्चा सबसे अधिक उस शख्सियत की होती रही है जो राजनीति के मौसम वैज्ञानिक के तौर पर ख्याति प्राप्त कर चुके हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देखा जाए तो पूरे दिन टीवी चैनलों में जिस तरह से चुनाव परिणाम को लेकर रुझान आ रही थी इस तरह से लगातार एनडीए गठबंधन के सहयोगी नीतीश कुमार को लेकर बराबर चर्चा होती रही राजनीतिक विश्लेषक हो या फिर टीवी चैनल के एंकर हर 15 मिनट में बिहारी बाबू नीतीश कुमार की ही चर्चा करते देखे गए ऐसे में कहा जा सकता है कि एक बिहारी सब पर भारी नजर आ रहा है लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद स्थितियां भी ऐसी निर्मित हो गई है कि अगर बिहारी बाबू नीतीश कुमार फिर से पलटी मारते हैं तो एनडीए की सरकार बनना संभव नहीं दिखता।
इंडिया गठबंधन के सूत्रधार थे बिहारी बाबू।
देखा जाए तो नीतीश कुमार ही लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले इंडिया गठबंधन के नेताओं को एक मंच पर लाने के सूत्रधार थे और इंडिया गठबंधन की पहली बैठक भी उन्हीं की अगुवाई में बिहार के पटना में हुई थी इंडिया गठबंधन के लिए सेतु का काम करने वाले नीतीश कुमार ने कुछ दिनों बाद ही राजनीतिक स्थिति परिस्थिति स्थिति को भांपते हुए इंडिया गठबंधन से अपना नाता तोड़ भाजपा नीत एनडीए में शामिल हो गए और बिहार राज्य की महागठबंधन सरकार गिर गई और फिर भाजपा के सहयोग से बिहारी बाबू नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बन गए यहां एक बात और खास है कि जब भी नीतीश कुमार ने किसी गठबंधन से किनारा किया है तो यह जरूर कहते रहे हैं कि अब इसके बाद कभी पाला नहीं बदलेंगे और ऐसा उन्होंने हर बार कहा है कि मैं दूसरे के साथ जाऊं तो मेरे लिए पाप होगा बहरहाल उनका राजनीतिक अनुभव और राजनीतिक कौशल उनकी सफलता का सूत्र है अब जब नई केंद्र सरकार का गठन होने जा रहा है और नीतीश कुमार एनडीए के पूर्ण बहुमत वाले गठबंधन में भाजपा के साथ हैं तो यह तो नहीं माना जा सकता की नितीश बाबू एनडीए से अलग होंगे लेकिन राजनीतिक गलियारे में नीतीश कुमार के पाला बदलने को लेकर चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है।
भाजपा में नीतीश को लेकर खलबली क्यों-?
जैसा कि पूर्व समय से देखने को मिल रहा है कि नीतीश कुमार राजनीति के ऐसे मौसम वैज्ञानिक हैं की जिधर उनका राजनीतिक भविष्य दिखता है उधर अपना ठिकाना बना लेते हैं उनके इसी अनुभव और पैतरेबाजी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी कहीं ना कहीं चिंतित है और अंदर ही अंदर शीर्ष नेतृत्व में नीतीश कुमार को लेकर खलबली भी मची है चुनाव परिणाम आने के बाद एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है लेकिन अकेले भाजपा बहुमत से लगभग तीन दर्जन सीटें कम है बिहार में जो चुनाव परिणाम सामने आए हैं उसके मुताबिक जनता दल यूनाइटेड 11 सीटें जीत चुकी है और एक पर आगे है तो वहीं भाजपा 10 सीटों पर जीत चुकी है और दो पर आगे चल रही है बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत में नीतीश कुमार की भूमिका अहम है इसके साथ ही एनडीए में नीतीश कुमार का बने रहना उससे भी अहम है टीवी चैनलों पर सबसे ज्यादा चर्चा नीतीश कुमार की ही सुनने और देखने को मिल रही है जाहिर सी बात है कि जब नीतीश कुमार केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने के लिए इतने महत्वपूर्ण है तो भाजपा कैसे चिंता मुक्त हो सकती है इस बात की तस्दीक और पुख्ता तब हो गई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आज बिहार में मिली जीत का श्रेय नीतीश कुमार को दे दिए प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद यह साफ हो गया कि नीतीश कुमार की एनडीए गठबंधन के लिए कितने महत्वपूर्ण है।
नीतीश पर इंडिया गठबंधन डाल रहा डोरे।
मीडिया में चल रही खबरों की माने तो इंडिया गठबंधन के कई नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से चर्चा कर चुके हैं ज्ञात हो कि इंडिया गठबंधन के पूर्व में नीतीश कुमार ही सूत्रधार रहे थे अब जब भाजपा पूर्ण बहुमत में नहीं है तब ऐसे में नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर कोई भी बड़ा उलट फेर कर सकते हैं इसकी भी संभावनाएं प्रबल है हालांकि जेडीयू की तरफ से जो जानकारी दी जा रही है उसमें यही कहा जा रहा है की जेडीयू एनडीए के साथ है लेकिन नीतीश कुमार के राजनीतिक पैतरेबाजी को लेकर यह कहा जा सकता है कि उनके लिए हर कार्य संभव है। लोकसभा चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है नई सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और टीडीपी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की भूमिका भाजपा के लिए काफी अहम हो गई है तो वहीं यह भी चर्चा गर्म है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू इंडिया गठबंधन के उद्धव ठाकरे और शरद पवार के संपर्क में है विपक्षी पार्टियों द्वारा नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर डोरे डाला जा रहा है इस काम को आगे बढ़ाने के लिए इंडिया गठबंधन के सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी आगे आ सकते हैं 5 जून को इंडिया गठबंधन की बैठक होगी उसके बाद यह तय हो जाएगा की इंडिया गठबंधन के साथ नीतीश कुमार आएंगे या फिर एनडीए में ही रहेंगे।