NEET: NEET परीक्षा नतीजों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें से ग्रेस मार्क्स, दोबारा परीक्षा और परीक्षा रद्द करने से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी. NEET परीक्षा को लेकर कल दिल्ली हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने कहा है कि NEET काउंसलिंग नहीं रोकी जाएगी. वहीं, एनटीए ने कहा है कि वे हाई कोर्ट में दायर सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर करेंगे–NEET
11 जून की सुनवाई में क्या था फैसला?
इस सप्ताह की शुरुआत में, मंगलवार, 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य याचिका पर अपना बचाव करने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने NEET UG काउंसलिंग 2024 पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कहा कि परीक्षा रद्द कर दोबारा आयोजित करने की मांग पर अगली सुनवाई 8 जुलाई 2024 को होगी.
उचित काउंसलिंग पर भी रोक लगाने की मांग की जा रही
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रहने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज़ और शैंक रोशन मोहिद्दीन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि याचिका छात्रों के हित में दायर की गई है और सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच होने तक NEET UG 2024 की काउंसलिंग पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही दो याचिकाएं लंबित हैं और पेपर लीक के आधार पर परीक्षा रद्द करने का अनुरोध किया गया है. गौरतलब है कि कोर्ट ने पहली याचिका पर सुनवाई करते हुए एनटीए को नोटिस जारी किया था, हालांकि रिजल्ट पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया था.
क्यों नाराज हैं छात्र?
याचिकाकर्ताओं ने NEET-UG परीक्षा 2024 में ग्रेस मार्क्स देने में मनमानी का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ताओं ने संदेह जताया है कि एक परीक्षा केंद्र के 67 परीक्षार्थियों को पूरे 720 अंक मिले हैं. सुप्रीम कोर्ट में दायर नई याचिका में 5 मई को आयोजित NEET-UG परीक्षा के पेपर लीक होने की व्यापक शिकायतों का भी हवाला दिया गया है। इससे पहले भी पेपर लीक के आधार पर परीक्षा रद्द करने की मांग वाली 2 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं. ऐसी ही एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को नोटिस जारी किया था. लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के नतीजों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.