Singrauli: स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज के निमार्ण हेतु आध्यात्मिक सशक्तिकरण आवश्यक

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Singrauli: राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अवधेश प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के उप क्षेत्रीय मुख्यालय तपोवन कंपलेक्स विंध्य नगर, सिंगरौली में आज एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में नगर के प्रतिष्ठित पत्रकार एवं मीडिया कर्मी उपस्थित थे। इस पत्रकार वार्ता का मूल उद्देश्य था ब्रह्माकुमारीज की वार्षिक थीम आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज के विषय में सबको अवगत कराना–Singrauli

पत्रकारों को संबोधित करते हुए ब्रह्मा कुमारीज की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अवधेश दीदी ने आध्यात्मिक सशक्तिकरण के बारे में पत्रकारों को समझाते हुए कहा कि आध्यात्मिकता का अर्थ है आत्मा के मौलिक गुणों शान्ति, प्रेम, आनंद, पवित्रता और शक्ति को बढ़ाना तथा सर्व को एक परमपिता परमात्मा की सन्तान भाई – भाई समझना । आध्यात्मिक सशक्तिकरण के बिना स्वर्ग या रामराज्य केवल कल्पना ही है, उसे वास्तविकता में परिणित नहीं किया जा सकता। अध्यात्म का मतलब होता है, अध्ययन और आत्मा। जो एनर्जी, जो शक्ति आत्मा के अध्ययन के लिए लगाई जाती है उसको ही अध्यात्मिक शक्ति बोलते हैं। आध्यात्मिकता को आम तौर पर किसी व्यक्ति की अंतिम या पवित्र अर्थ और जीवन में उद्देश्य की खोज के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त इसका अर्थ व्यक्तिगत विकास , धार्मिक अनुभव , अलौकिक क्षेत्र या परलोक में विश्वास या किसी के अपने आंतरिक आयाम को समझना या तलाश करना हो सकता है। ज़िंदगी में आनेवाली स्थितियों को सामना करने के लिए अध्यात्म मानसिक स्तर पर तो आपको मज़बूत बनाता ही है। लेकिन, साथ ही यह शरीर के इम्यून सिस्टम को इंफेक्शन्स और वायरल बीमारियों से बचाने में भी सहायता करता है। दरअसल, अध्यात्म हमारे नर्वस सिस्टम पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। आप जो भी कार्य करते हैं, अगर उसमें सभी की भलाई निहित है, तो आप आध्यात्मिक हैं। अगर आप अपने अहंकार, क्रोध, नाराजगी, लालच, ईर्ष्या और पूर्वाग्रहों को गला चुके हैं, तो आप आध्यात्मिक हैं। बाहरी परिस्थितियां चाहे जैसी हों, उनके बावजूद भी अगर आप अपने अंदर से हमेशा प्रसन्न और आनंद में रहते हैं, तो आप आध्यात्मिक हैं । स्वच्छ मानसिकता के आधार पर ही समग्र स्वास्थ्य संभव होता है।

सही अर्थों में स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों आयामों पर खरा उतरता है। ऐसे व्यक्ति स्वस्थ समाज, राष्ट्र और विश्व समुदाय का निर्माण करते हैं। विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय सदैव आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित रहा हैं।हमारे मन के अंदर जो नकारात्मकता एवं व्यर्थ का बोझ है वही हमारे खराब मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य का कारण है। यह नकारात्मकता हमारे स्वयं के विचारों के कारण पैदा होती है। इसको समाप्त भी हम स्वयं की संकल्प शक्ति को परिवर्तन करके कर सकते हैं। तभी हम स्वयं भी हल्के, शुद्ध एवं स्वस्थ रहेंगे और समाज में फैली नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मकता में परिवर्तन भी कर सकते हैं।

उन्होने कहा कि आज हमारे स्वास्थ्य में गिरावट का कारण 90प्रतिशत मानसिक तनाव है और आध्यात्मिकता हमें तनाव प्रबंधन सिखाती है। अत: संपूर्ण स्वास्थ्य में आध्यात्मिकता का महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा ही हम एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना कर सकते हैं। अगर समाज में हर एक व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से सशक्त होगा तो उनके हर संकल्प जो समाज कल्याण से परिपूर्ण होंगे वह अवश्य ही पूरे होंगे और हम एक बेहतर समाज की स्थापना कर सकेंगे। एक स्वस्थ एवं स्वच्छ की समाज की स्थापना कर सकेंगे जिसे ही हम रामराज्य के रूप में देखते हैं। तो आईये हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि इस वर्ष हम अपने जीवन में आध्यात्मिकता को महत्व देकर अपने आपको सशक्त बनाएंगे और आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज की स्थापना करेंगे।

आज के पत्रकार वार्ता में करीबन 100 से अधिक पत्रकार सम्मिलित थे ,जिसमें भोपाल से बी.के लीला बहन ने बहुत ही सुंदर ढंग से मंच संचालन किया, बी.के रेखा बहन ने ज्ञान युक्त बातों से सभी को रिफ्रेश किया, बीके शोभा बहन क्षेत्रीय संचालिका ने सभी को राजयोग मेडिटेशन कराया, मंच पर आसीन भाजपा मंडल अध्यक्ष रामकुमार गुप्ता, नरेंद्र सिंह तोमर, उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने अपनी शुभकामनाएं सभी के बीच रखी व अन्य पत्रकार नरेंद्र मिश्रा प्रदेश अध्यक्ष ,सैफी अब्बास, संतोष शुक्ला व सभी पत्रकारों को पट्टा पहना कर सौगात देकर स्वागत सम्मान किया गया।

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