Rewa news:गर्भवती की नि:शुल्क जांच में निजी सेंटर्स की नहीं दिलचस्पी अब तक 5 के पंजीयन!
Rewa news:गर्भवती की नि:शुल्क जांच में निजी सेंटर्स की नहीं दिलचस्पी अब तक 5 के पंजीयन!
प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा के तहत हर माह की 9 और 25 तारीख को नि:शुल्क जांच करने का है प्रावधान
महिलाओं ने कहा-योजना ठीक पर इंतजार कराया जा रहा
रीवा .नि:शुल्क सोनोग्राफी की सुविधा प्रारंभ होने पर महिलाओं ने प्रसन्नता जाहिर की है लेकिन व्यवस्था ठीक नहीं होने पर सवाल भी उठाया है। शहर के अनंतपुर की रहने वाली दीपिका बताती हैं कि योजना के बारे में सुनने पर वह एक नामी सोनोग्राफी सेंटर गईं, उसने कहा अभी रजिस्ट्रेशन नहीं। जिला अस्पताल में चक्कर लगाया तो पता एक का नाम वहां जाने पर कहा गया कि अभी नकदी वालों की जांच होगी। इसलिए दूसरी जगह जाकर पैसे देकर कराना पड़ा। बिछिया मोहल्ले की सविता ने बताया कि उन्होंने एक बार जांच कराई है। इसके लिए दो दिन जाना पड़ा।
इन सेंटरों में हो रही नि:शुल्क जांच
शहर में पांच निजी सेंटर ऐसे हैं जहां पर गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क सोनोग्राफी जांच हो रही है। इसमें प्रमुख रूप से आद्या डायग्नोसिस एंड एमेजिनिंग सेंटर, आशी सोनोग्राफी सेंटर, गुप्ता सोनोग्राफी सेंटर, राज स्केनिंग सेंटर, शर्मा सोनोग्राफी क्लीनिक सेंटर आदि हैं।
रीवा. प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क सोनोग्राफी कराए जाने की योजना रतार नहीं पकड़ पा रही है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि निजी सोनोग्राफी सेंटर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अगस्त महीने से शुरू हुई योजना में अब तक शहर के महज पांच सेंटर ही रजिस्टर्ड हो पाए हैं। जबकि, शहर में 40 से ज्याद सेंटर हैं। स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला होने की वजह से विभागीय अधिकारियों द्वारा लगातार निजी सोनोग्राफी सेंटरों के संचालकों के साथ बैठकें कर सभी को योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा जा रहा है। इसके बावजूद इन संचालकों द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। यही कारण रहा है कि अब तक महज पांच की संया में ही सोनोग्राफी सेंटर इपैनल हो पाए हैं। कई संचालकों ने कहा है कि सोनोग्राफी के लिए अधिकृत विशेषज्ञ नया नियुक्त करने के बाद वह पंजीयन कराएंगे।
प्रचार प्रसार का भी अभाव
योजना का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार कम होने की वजह से अभी कम संया में महिलाएं नि:शुल्क जांच का लाभ प्राप्त कर पा रही हैं। सरकारी अस्पतालों में मेडिकल कालेज के गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल और जिला अस्पताल में ही सोनोग्राफी की सुविधा है। अन्य अस्पतालों में भी सुविधा ही प्रारंभ नहीं हो पाई है। मऊगंज जिला जरूर बन गया है लेकिन वहां पर अब तक सोनोग्राफी की सुविधा सरकारी स्तर पर शुरू नहीं हो पाई है। मशीन कुछ समय पहले ही आई है लेकिन विशेषज्ञ नहीं होने की वजह से जांच नहीं हो रही है। स्थानीय लोगों ने कई बार सोनोग्राफी सुविधा प्रारंभ करने के लिए मांग भी उठाई है।
वाहन सुविधा का भी प्रावधान
प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जिला मुयालय तक जांच के लिए आने पर वाहन सुविधा देने का भी प्रावधान है। इसके लिए महिलाएं 108 एंबुलेंस सेवा का भी उपयोग कर सकती हैं। एंबुलेंस की जिमेदारी होगी कि वह सरकारी अस्पताल या फिर इपैनल निजी सोनोग्राफी सेंटर महिला जहां जाना चाहे वहां तक पहुंचाए। साथ ही जांच के बाद उनकी घर वापसी में भी एंबुलेंस सेवा का लाभ दिया जाएगा। कुछ महिलाओं ने इसका उपयोग शुरू किया है लेकिन अधिकांश अपने व्यय पर जांच कराने के लिए रीवा पहुंच रही हैं।
बड़ें सेंटर ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन
रीवा में कई बड़े सेंटर हैं जहां पर सुबह से देर रात तक सोनोग्राफी का कार्य किया जाता है। पुराने सेंटर होने की वजह से इनकी विश्वसनीयता भी लोगों के बीच है, लेकिन इनकी ओर से अब तक रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया गया है। इस कारण अधिकांश महिलाएं सीधे नि:शुल्क जांच कराने के लिए इन सेंटरों में पहुंच जाती हैं, जिन्हें वापस लौटना पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में भीड़ अधिक होने की वजह से सरकार ने सुविधा प्रारंभ की है लेकिन सोनोग्राफी संचालक इसलिए भी पीछे हट रहे हैं, क्योंकि शासन द्वारा निर्धारित राशि का ही भुगतान किया जाएगा और वह भी जांच करने के महीने भर बाद भुगतान की उमीद होती है।
भीड़ रहने पर सप्ताह भर का मिलता है कूपन
सोनोग्राफी सेंटर्स में भीड़ अधिक होने की वजह से व्यवस्था बनाई गई है कि सप्ताह भर का वह कूपन दें और उन्हें बताएं कि 9 और 25 तारीख को यदि जांच नहीं हो पा रही है तो वह किस दिन आएं। इसका महिलाओं को यह लाभ होता है कि अधिक समय तक बैठकर इंतजार नहीं करना पड़ता। जिस दिन का इन्हें समय दिया जाता है उस दिन निर्धारित समय पर पहुंचकर वह नि:शुल्क जांच करा सकती हैं।
स्त्रीरोग विशेषज्ञ की सलाह पर गर्भवती महिलाओं को नि:शुल्क जांच का लाभ दिया जाता है। इसमें सोनोग्राफी की जांच भी शामिल है। पांच सेंटर्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है और जांच शुरू कर दी है। जरूरत पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 108 एंबुलेंस की सुविधा भी मिल रही है। हर महीने के 9 और 25 तारीख को सरकारी अस्पतालों में शिविर भी लगाए जाते हैं।
डॉ. संजीव शुक्ला, सीएमएचओ रीवा