Rewa news:नगर निगम स्पीकर, आयुक्त सहित कई कोर्ट में तलब!
Rewa news:नगर निगम स्पीकर, आयुक्त सहित कई कोर्ट में तलब!
पूर्व में कोर्ट के नोटिस पर दिए गए जवाब से याचिकाकर्ता ने जताई थी असंतुष्टि
यह है आरोप
रीवा . नगर निगम परिषद की बैठक में नियम विरुद्ध निर्णय लिए जाने के आरोप से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने एक बार फिर नोटिस जारी कर संबंधितों से जवाब मांगा है। इस पर आगामी तीन जनवरी के पहले जवाब देना है।
मेयर इन काउंसिल के सदस्य धनेंद्र सिंह बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि एमआइसी द्वारा प्रस्तुत किए गए एजेंडों के विपरीत नगर निगम स्पीकर और तत्कालीन आयुक्त ने गलत तरीके से तीन एजेंडों को जोड़कर उसमें निर्णय पारित करा दिया है। इससे नगर निगम को भविष्य में आर्थिक क्षति होने की आशंका है। मामले में कोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को उक्त मांग पर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था। कहा गया था कि 30 जून 2024 के पहले शासन इस मामले में कार्रवाई कर स्थिति स्पष्ट करें। जब निर्धारित समय पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई तो एमआइसी सदस्य धनेंद्र सिंह बघेल ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। इस पर नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव, तत्कालीन नगर निगम आयुक्त एवं वर्तमान में सिवनी की कलेक्टर संस्कृति जैन, नगर निगम के स्पीकर व्यंकटेश पांडेय एवं नगर निगम के परिषद सचिव एमएस सिद्दीकी को नोटिस जारी किया गया। उक्त लोगों की ओर से कोर्ट में अपना जवाब भी प्रस्तुत किया गया। इस जवाब से याचिकाकर्ता असंतुष्ट हैं।
प्रशासकीय आधार पर नहीं हुई कार्रवाई
मेयर इन काउंसिल के सदस्य धनेन्द्र सिंह का कहना है कि परिषद की बैठक में संया बल के आधार पर नियम विरुद्ध निर्णय लेने के मामले में कार्रवाई की मांग की गई थी। जिसमें परिषद अध्यक्ष से लेकर नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को भी पत्र लिखा गया था। महापौर ने भी शासन को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया था। जब प्रशासकीय आधार पर कार्रवाई नहीं हुई तब कोर्ट की शरण में जाना पड़ा।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि मेयर इन काउंसिल में आए प्रस्ताव को संशोधनों के साथ प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए वापस लौटाया गया था। परिषद के 9वें साधारण समिलन की जब बैठक हुई तो अध्यक्ष की अनुमति लेकर आयुक्त ने तीन प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिन्हें बहुमत के आधार पर पास भी कर दिया गया। जिन प्रस्तावों को लेकर महापौर एवं कांग्रेस पार्षदों की आपत्ति थी उसमें प्रमुख रूप से हाउसिंग बोर्ड द्वारा विकसित किए गए रतहरा के तालाब और पंचमठा धाम के नए निर्माण कार्य अधूरे होने के बावजूद रखरखाव के लिए हस्तांतरण किया किया। इसके साथ ही सिरमौर चौराहे में बनाई गई 84 नई दुकानों के आधिपत्य से जुड़ा मामला शामिल था। महापौर एवं एमआईसी की मांग थी कि पहले यह तय हो कि दोनों नए कार्यों से निगम को क्या लाभ होगा और दुकानों के आवंटन में नियमों का पालन हुआ है या फिर नहीं।