Rewa news:डिगवानी के सुलगते शेरो के समूह में दुष्यंत की धार है- कुलगुरू आचार्य
एक और दुष्यंत में मंचीय शेरो का खजाना है -नरेन्द्र प्रजापति
डिगवानी की पुस्तक में वर्तमान परिवेश झलकता है -डॉ0 दिनेश कुशवाहा
देश में छपने वाली पुस्तको में पहला शेरो का संग्रह है-एन.पी.पाठक
डिगवानी की पुस्तक एक और दुष्यंत समाज को दिशा देने वाली है-डॉ0 प्रणय
डिगवानी के छपे शेरो की सोच में ऊॅचाई और गहराई दोनो है – डॉ0 चन्द्र
वरिष्ठ साहित्यकारो की उपस्थिति में हुआ पुस्तक विमोचन समारोह
रीवा . विन्ध्य काव्य साहित्य परिषद कलम परिवार के तत्वाधान में स्थानीय होटल स्टार के सभागार में कलम परिवार के संस्थापक एवं दुष्यंत कुमार को अपना आराध्य गुरू मानने वाले नारायण डिगवानी ‘‘दुष्यंत’’ की पुस्तक सुलगते शेरो का संग्रह ‘‘एक और दुष्यंत’’ को गुरूदक्षिणा के रूप में समर्पित करने वरिष्ठ साहित्यकारों की उपस्थिति में विमोचन समारोह का यादगार आयोजन हुआ। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि डॉ0 राजकुमार आचार्य कुलगुरू अ0प्र0सिंह वि0वि0 रहे। अध्यक्षता मनगंवा के लोकप्रिय विधायक एवं साहित्यप्रेमी नरेन्द्र प्रजापति ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकारो में डॉ0 दिनेश कुशवाहा विभागाध्यक्ष हिन्दी, डा0 एन.पी. पाठक पूर्व कुलगुरू अ0प्र0सिंह वि0वि0, डॉ0 चन्द्रिका प्रसाद चन्द्र, डॉ0 प्रणय, डॉ0 रश्मी शुक्ला, डॉ0 प्रमोद जैन, शायर रफीक रीवानी के साथ संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ0 राहुल मिश्रा, शांतिधाम के संचालक बी.के.प्रकाश नाटय लेखक योगेश त्रिपाठी, डॉ0 राजनारायण तिवारी, वरिष्ठ गीतकार रामसरोज द्विवेदी, शांतिदूत ने अपनी यादगार उपस्थिति दर्ज कराई। मंच संचालन संयोजक भृगुनाथ पाण्डेय भ्रमर एवं अध्यक्ष नागेन्द्र मिश्रा ‘‘मणी’’ ने किया। अतिथियो के माल्यार्पण के पश्चात वाणी वंदना से उभरती कवियत्री स्नेहा त्रिपाठी ने कार्यक्रम की शुरूआत की। स्वागत उदबोधन कार्यकारी अध्यक्ष ममता नरेन्द्र सिंह ने दिया तथा सभी अतिथियों को विमोचन स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये। जिसमें सुरेश विश्नोई अमित द्विवेदी राम कृष्ण द्विवेदी, उमेश मिश्रा विहान सुमित माँजवानी ने सहयोग प्रदान किया।
बतौर मुख्य अतिथि की आसंदी से कुलगुरू डॉ0 आचार्य ने अपने उद्गार व्यक्त किये उन्होने कहा नारायण डिगवानी दुष्यंत के सुलगते शेरो के संग्रह में अमर रचनाकार गीतकार दुष्यंत कुमार जैसी समाज की दशा सुधारने एवं दिशा देने वाली क्रांतिकारी धार है जो आने वाले समय में मंचो पर उदघोषित होने के लिये पाठको के हाथो में आज सौपी जा रही है। ये संग्रह इन्टरनेट के माध्यम से समूचे विश्व में पहुचेगा। बात जिसकी दूर तलक जायेगी पुस्तक के एक शेर से उन्होने कवि का परिचय दिया। लोहा माना है दुनिया ने, सदा कलम की धार का, सच लिखा है जब भी उसने, खूनी तलवार का, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री प्रजापति ने कहा एक और दुष्यंत संग्रह में मंचीय शेरो का खजाना है उन्होने एक शेर चुन के सुनाया गर अंधेरा बहुत है तुम्हारी जिन्दगी में साथियो, आगे बढ़ो सूरज भी दूर नही है, तुम्हारे हाथो से। बतौर विशिष्ट अतिथि पधारे डॉ0 कुशवाहा ने डिगवानी जी की रचना धर्मिता की प्रशंसा करते हुये कहा कि उनकी पुस्तक में आज के हालात एवं वर्तमान परिवेश की झलक है। पूर्व कुलगुरू डॉ0 पाठक ने बताया कि समूचे देश में छपने वाली पुस्तको में डिगवानी का प्रथम शेरो का व्यक्तिगत संग्रह है जबकि आज तक गजलो एवं शेरो के संकलन संग्रह ही पाठको के सामने आये है। डॉ0 चन्द्र ने संग्रह को परिभाषित करते हुये कहा कि डिगवानी के छपे शेरो की सोच में आकाश की उचाई और सागर की गहराई दोनो है। वरिष्ठ गीतकार डॉ0 प्रणय ने बधाई देते हुये कहा कि डिगवानी जी की पुस्तक ‘‘एक और दुष्यंत’’ के शेरो में छलावो की बाढ़ में घिरते समाज को दिशा देने वाली ध्वनि है जिसकी गूॅज लंबे समय तक लोगों को जगाने का महान कार्य करेगी। बतौर विशिष्ट अतिथि अपनी उपस्थिति दर्ज कराने विध्य का नाम रोशन करने के लिये अन्य सभी अतिथियो ने भी कलम परिवार को साधुवाद के साथ दुष्यंत की परम्परा को आगे बढ़ाने डिगवानी जी को अपनी बधाई प्रेषित की।
विमोचन समारोह में उपस्थिति दर्ज कराने वाले साहित्य प्रेमियो में डॉ0 अरूणा पाठक, इन्द्रा अग्निहोत्री, डॉ0 सुनीता पाण्डेय, हसमत रीवानी, इंजी. एल.एम. सिंह, राधेश्याम साहू, पत्रकार मुकुन्द प्रसाद मिश्रा, मुकेश पाटकर, महेश सिंह पत्रकार, विजय थावानी, दीपक दुर्गिया, पत्रकार संतोष नामदेव, संजय तिवारी मुन्नू, सुरेश राय, सुशील कुंगवानी, पप्पू कनौजिया, बंसीधर बाधवानी, मनोहर रूपलानी, पूर्व प्राचार्य राजेन्द्र सिंह, कवि अरूण मिश्रा, सुखेन्द्र सिंह, दीपक सिंह, रामयश ताम्रकार, मो0 जावेद सौदागर, नरेन्द्र प्रताप सिंह, कवि भ्रमर, मधुकेश आदि के साथ डिगवानी केे परिवारजन शामिल रहे।
नारायण डिगवानी
कलम परिवार के संस्थापक-संरक्षक