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Rewa news:कंट्रोल रूम में खुल रहा एमसीयू कार्यालय, अपराधियों का डाटा होगा सुरक्षित अब आंखों से अपराधियों को पकड़ेगी पुलिस, संपत्ति संबंधी अपराधों में मिलेगी मदद।

Rewa news:कंट्रोल रूम में खुल रहा एमसीयू कार्यालय, अपराधियों का डाटा होगा सुरक्षित अब आंखों से अपराधियों को पकड़ेगी पुलिस, संपत्ति संबंधी अपराधों में मिलेगी मदद।

 

 

 

 

 

 

रीवा. पुलिस अब अपराधियों को हाईटेक तरीके से पकड़ेगी। अब अपराधियों की आंखें ही उनको सलाखों के पीछे पहुंचाएंगी। इसको लेकर पुलिस विभाग तैयारियां कर रहा है। कंट्रोल रूम में नया कार्यालय खोला जा रहा है, जहां अपराधियों की हर बारीक डिटेल दर्ज होगी।

 

 

 

 

 

 

पुलिस विभाग कंट्रोल रूम में एमसीयू कार्यालय खोल रहा है। यहां पुलिस अपराधियों का पूरा डाटा सुरक्षित रखेगी। जो भी अपराधी पकड़े जाएंगे उनकी आंखों का सैंपल, ऊंचाई, फुट प्रिंट, फिंगर प्रिंट सहित तमाम बारीक जानकारियां एकत्र की जाएंगी। इन जानकारियों को डाटा में फीड किया जाएगा। जब भी कोई अपराध होगा, तो पुलिस इनकी मदद से अपराधियों का पता लगाकर उनको पकड़ लेगी। उक्त कार्यालय में आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और जल्द यह कार्यालय काम करने लगा, जिसमें कर्मचारी भी तैनात कर दिए गए हैं। यह कार्यालय पुलिस को संपत्ति संबंधी अपराधियों को पकड़ने में काफी मदद करेगा। अगर एक बार किसी अपराधी का डाटा इसमें फीड हो गया तो वह चाहे किसी भी जिले में वारदात करे, उसको आसानी से पुलिस ट्रेस कर लेगी। कई बार अपराधी दूसरे जिले में जाकर अपराध करते हैं, जिनके बारे में स्थानीय पुलिस को कोई जानकारी नहीं होती। अब यह डाटा उनकी पहचान करने में मदद करेगा।

 

 

 

 

 

 

फिंगर प्रिंट की मदद से गत वर्ष ट्रेस हुए 8 मामले, 25 हजार अपराधियों का डाटा मौजूद
अपराधियों की पहचान करने में फिंगर प्रिंट काफी मददगार साबित होता है और कई बार इसकी मदद से पुलिस अपराधियों का पता लगा लेती है। पुलिस के पास वर्तमान में 25 हजार के लगभग अपराधियों का डाटा फीड है, जो पूरे देश के सर्वर से जुड़ा है। घटनास्थल में फिंगर प्रिंट का इनसे मिलान किया जाता है और उसके आधार पर अपराधियों की पहचान होती है। बीते साल पुलिस ने आठ गंभीर मामलों का खुलासा फिंगर प्रिंट की मदद से किया था, जिससे अपराधियों की पहचान हो पाई।

 

 

 

 

 

 

नए अपराधी बनते हैं पुलिस के लिए चुनौती

पुलिस के लिए नए अपराधी बड़ी चुनौती होते हैं, जो कभी भी पकड़े नहीं गए। ऐसे अपराधियों का कोई डाटा पुलिस के पास नहीं होता है और उनको ट्रेस करने में काफी कठिनाई होती है। कई बार ऐसे अपराधी बड़ी वारदातों को अंजाम दे जाते हैं, जिनका पता नहीं चल पाता। इस समस्या का भी पुलिस हल निकालने का प्रयास कर रही है।

 

 

 

 

 

कंट्रोल रूम में एमसीयू कार्यालय स्थापित किया जा रहा है। इसमें अपराधियों से जुड़ा सारा डाटा सुरक्षित रखा जाएगा। अपराध होने की स्थिति में अपराधियों की पहचान करने में काफी मदद मिलेगी। जल्द इसे शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।

विवेक सिंह, एसपी रीवा

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