रीवासिटी न्यूज

Rewa news:इंजीनियर्स ने दी आंदोलन की चेतावनी, शासन से भेजे गए जांच दल के साथ मौके पर नहीं गए,कहा-सीधे निलंबन ठीक नहीं!

Rewa news:इंजीनियर्स ने दी आंदोलन की चेतावनी, शासन से भेजे गए जांच दल के साथ मौके पर नहीं गए,कहा-सीधे निलंबन ठीक नहीं!

 

 

 

 

 

 

 

 

 

रीवा. प्रदेश भर में सड़कों की गुणवत्ता का परीक्षण कराने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने नई व्यवस्था बनाई है। जिसके विरोध में जिले भर के इंजीनियर उतर आए हैं। जांच दल के साथ कहीं पर भी मौका मुआयना के लिए इंजीनियर नहीं गए बल्कि वापस लौटे जांच अधिकारियों के साथ चर्चा कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि इंजीनियरों को अपना पक्ष रखने का अवसर देने के पहले ही निलंबित करने की व्यवस्था का विरोध किया है और कहा है कि यदि रीवा में भी यह अपनाया गया तो जिले भर के इंजीनियर एक साथ विरोध दर्ज कराएंगे।

 

 

 

 

 

 

 

जांच दल के सदस्यों ने इंजीनियरों के प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर वह सीधे कोई नया प्रावधान नहीं कर सकते बल्कि उनकी मंशा से शासन को अवगत कराएंगे। राजनिवास में जांच अधिकारियों से मिलने पहुंचे इंजीनियरों ने कहा कि प्रगतिरत कार्यों का निरीक्षण करने के बाद कमियों में सुधार का अवसर दिया जाए और उसका पालन प्रतिवेदन स्थानीय अधीक्षण यंत्री या कार्यपालन यंत्री से लेने के बाद कोई कार्रवाई हो। परफार्मेंस गारंटी के कार्यों में कमियों को सुधारने ठेकेदार को मौका मिलना चाहिए न की इंजीनियरों को सीधे निलंबित करना चाहिए। यह भी मांग उठाई गई है कि संसाधनों की उपलब्धता पर भी ध्यान दिया जाए। इंजीनियरों के प्रतिनिधि मंडल में आए विजय शुक्ला, प्रदीप सिंह आदि ने बताया कि गुणवत्ता परीक्षण से किसी को आपत्ति नहीं है। कहीं पर यदि कोई कमी पाई जाए तो संबंधित को भी अपना पक्ष रखने का अवसर देना चाहिए। सीधे निलंबित करने के नियम से हर उपयंत्री निलंबित हो जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

इन सड़कों की जांच करने पहुंचे अधिकारी

लोक निर्माण विभाग ने नई व्यवस्था के तहत प्रावधान किया है कि प्रदेशभर में सड़कों की गुणवत्ता का परीक्षण कराया जाएगा। इसमें संबंधित जोन के बजाए दूसरे जोन से वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाएगा। इसके लिए हर महीने की पांच और 20 तारीख को निरीक्षण करने का प्रावधान बनाया गया है। किस सड़क का मूल्यांकन होगा इसकी जानकारी रेंडमाइजेशन के जरिए एक दिन पहले होती है। जांच करने के दूसरे दिन संबंधित अधिकारियों को प्रतिवेदन मुयालय को देना होता है। किसी सड़क या अन्य निर्माण में कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित सहायक यंत्री और उपयंत्री को निलंबित किया जाएगा। यह प्रक्रिया जांच के तीन दिन के भीतर की जानी है। जिसमें इंजीनियर को अपना पक्ष रखने तक का अवसर नहीं दिया जा रहा है। रीवा जोन में पहली बार जांच टीम आने का विरोध किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

भोपाल से आए जांच दल में एमपीआरडीसी के चीफ इंजीनियर राकेश जैन और एनडीबी के डायरेक्टर बीपी बौरासी रीवा पहुंचे। इन्हें जांच करने के लिए निपनिया से मुकुंदपुर मार्ग, सिरमौर से राजगढ़ मार्ग, जवा में पीआईयू द्वारा बनाए जा रहे भवन, सेमरिया में निर्माणाधीन भवनों के साथ ही सीधी जिले में एमपीआरडीसी की भैसरहा-भरतपुर सड़क का निरीक्षण करने की जिमेदारी सौंपी गई थी। नियम है कि जांच के दौरान स्थानीय विभागीय अधिकारी भी मौके पर रहेंगे लेकिन रीवा के सभी इंजीनियरों ने दो दिन का सामूहिक अवकाश ले रखा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button