Rewa news:आर्थिक विकास को धर्म और आध्यात्म के संस्कार ही सार्थक बनाएंगे : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला
संकल्प शक्ति एवं तनाव मुक्त प्रबंधन पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
हमारे मन में जैसे विचार होंगे वैसे ही मष्तिष्क को ऊर्जा मिलेगी : बीके सूरज भाई
रीवा .कमिश्नर कार्यालय में संकल्प शक्ति एवं तनाव मुक्त प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। ब्राम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के विचारक एवं प्रेरक वक्ता बीके सूरज भाई ने वर्चुअल माध्यम से संभाग के सभी अधिकारियों को प्रेरक मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल होकर उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि ब्राम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा लोगों को मानसिक रूप से सुदृढ़ करने तथा नशामुक्ति के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। रीवा संभाग के सभी अधिकारियों को आज प्रेरक मार्गदर्शन देकर आपने बहुत अच्छा कार्य किया है। आपके मुख्यालय माउंट आबू में ध्यान केन्द्र में चेतना की अनूठी अनुभूति होती है। देश तेजी से विकास करके आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर है। आर्थिक विकास को धर्म और आध्यात्म के संस्कार ही सार्थक बनाएंगे। आमजनता को धर्म, आध्यात्म और मानवीय संवेदना से जोड़कर ब्राम्हकुमारी विश्वविद्यालय बहुत अच्छा कार्य कर रहा है।
अधिकारियों को मार्गदर्शन देते हुए बीके सूरज भाई ने कहा कि हमारे अंदर मन और बुद्धि दो महत्वपूर्ण शक्तियाँ हैं। अंतर्मन की शक्ति को जागृत करके हम शत्रु को मित्र बना सकते हैं और जीवन की कठिनाईयों को हल कर सकते हैं। मनोबल सशक्त होने पर हमारा परिवार भी सुखी होगा। मन और बुद्धि पर नियंत्रण के साथ ही हमारा चित्त शांत हो जाएगा। शांत चित्त से हम सही निर्णय करेंगे। पूरी दुनिया में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। हमें अपने मन को इस परिवर्तन को स्वीकार करने के लिए तैयार करना है। हम प्राय: उन परिस्थितियों को लेकर परेशान हो जाते हैं जिन पर हमारा कोई वश नहीं होता है। परिस्थितियों से समन्वय बनाने और उसके अनुकूल कार्य करने की क्षमता का विकास करना चाहिए। हम तनाव और क्रोध में जब निर्णय करेंगे तो वह सही नहीं होगा। मन में नकारात्मक भाव हैं अथवा अशांति है तो निर्णय को कुछ देर के लिए टाल देना चाहिए। मन जब शांत होगा तब हमेशा निर्णय सही होगा।
हमारे चारों ओर सकारात्मक और नकारात्मक विचार हैं। हम सदैव यह सोचें कि हम सर्वशक्तिमान ईश्वर की गुणी और संस्कारवान संतान हैं। हमारे पास बड़े से बड़ा कार्य करने की क्षमता है। हम जब सकारात्मक विचार करते हैं तो मष्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और शरीर तथा मन को प्रसन्नता का अनुभव होता है। इसी तरह नकारात्मक विचार से मन और शरीर दोनों को हानि होती है। यदि हम बीमार हुए और यह मानकर कि बीमारी आई है तो चली भी जाएगी सकारात्मक भाव से दवा लेते हैं तो उसका दुगना असर होता है, लेकिन कितनी भी अच्छी दवा हो हम दुखी मन से सेवन करेंगे तो वह आधा ही असर करेगी। हमारी परिस्थितियाँ सुख और दुख का अनुभव हमारे विचारों पर ही आधारित हैं। सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले अपने आप को जागृत करें। हम ईश्वर की सर्वशक्तिमान संतान हैं। हमारा जीवन सुखी होगा। हमारी हर कठिनाई दूर होगी। इन विचारों का कुछ देर तक मनन करें। स्वयं को भाग्यवान मानें। जिस तरह शरीर को ऊर्जा देने के लिए नाश्ता और भोजन किया जाता है उसी तरह मन को भी ऊर्जा देने के लिए सकारात्मक विचार दें। सुबह उठने के बाद एक से डेढ़ घंटे तक मोबाइल और अखबार से दूर रहें। हमारे विश्वविद्यालय में संकल्प शक्ति से रोगों के उपचार का सफल प्रयोग किया गया है। तनाव, अवसाद और एंजायटी जैसी मानसिक समस्याएं दवाओं से हल नहीं हो सकती हैं। इनका सही हल केवल आध्यात्मिक शक्ति से ही संभव है। मन में सदैव अच्छे विचार रखें। अपने बच्चों को भी यह विश्वास दिलाएं कि उनका भविष्य उज्ज्वल है। जिस समस्या का हम समाधान नहीं कर पा रहे उसे लिख कर शिव बाबा को समर्पित कर दें। अपने मन को उससे मुक्त कर लें। शिव बाबा समस्या का निदान अवश्य करेंगे। हर व्यक्ति मन के विचारों को दो भागों में बांटकर रखे। नौकरी या अन्य कार्य करते हुए कर्मक्षेत्र में उसको जिन स्थितियों से गुजरना पड़ता है उसका असर घर परिवार पर न पड़ने दें। कार्यक्षेत्र का तनाव घर लेकर न आएं।
कार्यक्रम में ब्राम्हकुमारी संस्था की क्षेत्रीय संचालक बहन बीके निर्मला ने कहा कि आज विन्ध्य क्षेत्र के अधिकारियों ने हम सब से जुड़कर आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने जो प्रयास किया है वह सराहनीय है। इसके लिए रीवा संभाग के कमिश्नर बधाई के पात्र हैं। हमारी संस्था में आकर और माउंट आबू जाकर भी कोई भी व्यक्ति दो-तीन दिनों की अवधि का राजयोग का प्रशिक्षण ले सकता है। कार्यक्रम में कमिश्नर बीएस जामोद ने प्रेरक उद्बोधन देने के लिए बीके सूरज भाई तथा ब्राम्हकुमारी संस्थान के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, संभागीय अधिकारी तथा जिला अधिकारी शामिल हुए।