Rewa news:गर्भवतियों को हेपेटाइटिस बी का नहीं लगा टीका, प्रभारी की रुकेगी वेतन,विभाग ने लिया संज्ञान!
लक्ष्य से आधी जांच 21 नवजातों को लगाया टीका समन्वय नहीं बना पाने के चलते टारगेट अधूरा
केन्द्र सरकार द्वारा चयनित हाई रिस्क ग्रुप के सदस्यों की जांच किए जाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं से समन्वय स्थापित किया जाना था, रीवा में डॉ. वर्मा द्वारा जिले में लापरवाहीपूर्ण कार्य करते हुए जिले में निर्धारित लक्ष्य 2543 के विरुद्ध कुल 1467 हाई रिस्क सदस्यों की ही जांच की गई।
रीवा. जिले में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर विभाग का उदासीन रवैया सामने आया है। इसके चलते विभाग ने खुद संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।
गत माह भोपाल से उपसंचालक एनवीएचसीपी एवं राज्य सलाहकार की टीम ने जिले के कई ब्लॉकों का भम्रण कर समीक्षा की थी। पाया था कि रीवा जिले में टारगेट के अनुसार कार्य नहीं हो रहा है। कई जगहों पर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही सामने आई थी। गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की जांच जरूरी की गई है। सरकारी अस्पतालों में आने वाली महिलाओं की जांच के प्रति विभाग गंभीर नहीं रहा। इसकी वजह से टारगेट का आधा भी परीक्षण नहीं हो पाया। मामले में मुख्यालय ने रीवा के संविदा एपीडिमियोलॉजिस्ट डीपीएमयू डॉ. देवेन्द्र वर्मा का कार्य संतोषजनक नहीं पाने पर नोटिस जारी किया था। इस पर डॉ. वर्मा का जवाब भी संतोषजनक नहीं रहा। अब विभाग ने वर्मा की एक साल की पारिश्रमिक वृद्धि रोकने का आदेश जारी किया है। अधिकारियों ने केवल सरकारी अस्पतालों तक ही लापरवाही नहीं की बल्कि प्राइवेट अस्पतालों के साथ समन्वय बनाकर जांच कराने में भी लापरवाही बरती।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जिले में समस्त गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी जांच की जानी थी। जिले में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (जहां फ्रीज उपलब्ध है) सहित अन्य समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस-बी की जांच में लापरवाही के कारण निर्धारित लक्ष्य 66,721 के विरुद्ध मात्र 29,512 गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की जांच की गई।
स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी जांच किए जाने के बाद जो गर्भवती महिलाएं हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव पाई जाती हैं, उनके नवजात शिशुओं को जानलेवा हेपेटाइटिस बी बीमारी से बचाव के लिए एचबीआईजी का टीका लगाया जाता है। जिले में गर्भवती की जांच लक्ष्य से कम होने से सभी पॉजिटिव गर्भवती की जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी। इस कारण नवजात शिशुओं को निर्धारित लक्ष्य 334 के विरुद्ध केवल 21 को टीका लगाया जा सका।
कैदियों की जांच में भी हीलाहवाली
केन्द्रीय जेल में बंद कैदियों की हेपेटाइटिस जांच करने का भी प्रावधान है। रीवा में अधिकारियों ने लापरवाही की। इस पर प्रभारी अधिकारी की उदासीनता पाई गई है। जिले में 4122 लक्षित कैदियों के विरुद्ध मात्र 1795 कैदियों की हेपेटाइटिस की जांच कराए जाने पर विभाग ने लापरवाही माना है।