Satna news:जिपं अध्यक्ष के बिगड़े बोल- चुनाव में वोट दिया था कि राशि मांग रहे हैं, नाराज सदस्यों का वॉक आउट!

Satna news:जिपं अध्यक्ष के बिगड़े बोल- चुनाव में वोट दिया था कि राशि मांग रहे हैं, नाराज सदस्यों का वॉक आउट!

 

 

 

 

 

 

 

सतना . जिला पंचायत के सामान्य सम्मेलन में शुक्रवार को उस वक्त स्थिति हंगामाई हो गई जब जिपं अध्यक्ष रामखेलावन कोल ने सदन की आसंदी से विवादित बोल कह दिए। उन्होंने सदस्यों से कहा कि ‘चुनाव में वोट दिया था जो अब राशि की मांग कर रहे हैं।’

 

 

 

 

 

 

 

 

दरअसल कई जिपं सदस्य विकास कार्यों के लिए राशि का वितरण वार्डों में समानुपातिक नहीं होने का विरोध कर रहे थे। पिछली बैठक में भी इन सदस्यों ने सदन के बाहर बैठ कर विरोध जताया था। इस बार भी बैठक की शुरुआत में ये सदस्य बाहर रहे। इसके बाद काली पट्टी बांध कर सदन में पहुंचे और राशि के समानुपातिक वितरण किए जाने की चर्चा प्रारंभ की। जिपं सीईओ ने कहा कि राशि वितरण जिपं अध्यक्ष करते हैं। इस पर जब नाराज सदस्य अध्यक्ष से मुखातिब हुए तो अध्यक्ष ने विवादित बात कह दी। इसके बाद नाराज सदस्य सदन से बाहर चले गए।

 

 

 

 

 

 

 

 

बैठक शुरू होते ही किया बहिष्कार

जिला पंचायत के सामान्य सम्मेलन की पिछली बैठक में पूरे एजेंडे नहीं होने पर शेष एजेंडे पर चर्चा के लिए अगली बैठक 28 फरवरी को आयोजित की गई थी। जैसे ही यह बैठक शुरू हुई तो पिछली बैठक में विरोध जताने वाले सदस्य एकता सिंह, जाह्नवी यादव, सावित्री त्रिपाठी, विमला कोल, लक्क्ष्मी मवासी, मंजुलता सिंह और पूजा गुर्जर के प्रतिनिधि के तौर पर वरुण गुर्जर ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। ये सभी अध्यक्ष के कक्ष में ही बैठे रहे।

 

 

 

 

 

 

 

 

माथे पर काली पट्टी बांध सदन में पहुंचे

लगभग एक घंटे बाद ये सभी सदस्य माथे पर काली पट्टी बांध कर सदन में प्रवेश किए और आसंदी के सामने खड़े होकर अपनी मांग रखी। उसमें कहा गया कि 15वें वित्त का मद सिर्फ 5 सदस्यों के क्षेत्रों में किया जा रहा है। इसका समानुपातिक वितरण नहीं किया जा रहा है। एजेंडे में अध्यक्ष कुछ चिन्हित सदस्यों के ही बिन्दु शामिल करते हैं और उन्हीं सदस्यों की चर्चा कार्यवाही विवरण में दर्ज होती है। इसके बाद सदस्य वहीं जमीन पर बैठ गए। स्थिति संभालते हुए जिपं सीईओ ने कहा कि 15वां वित्त की राशि सदस्यों को जारी नहीं होती है, जो भी प्रस्ताव जिपं अध्यक्ष देते हैं उनके अनुसार आगे के निर्णय लिए जाते हैं। इसके बाद सदस्य जिपं अध्यक्ष से मुखातिब होकर इस पर जवाब चाह रहे थे। तभी अध्यक्ष रामखेलावन कोल ने आसंदी से कहा कि आपने वोट दिया है जो राशि की मांग कर रहे हैं। यह सुनने के बाद वहां विरोध की स्थिति बन गई। नाराज सदस्यों ने आसंदी के सामने ही नारे लगाने शुरू कर दिए। हालांकि सीईओ की समझाइश के बाद नारेबाजी बंद कर दी। लेकिन कुछ देर बाद ये सदस्य बाहर चले गए। बाहर जाकर इन्होंने अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाया। कहा कि अध्यक्ष पदीय गरिमा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं। चुनाव के बाद वे पक्ष विपक्ष के नहीं होते हैं बल्कि सभी के होते हैं। लेकिन उन्होंने आज अपनी मंशा जाहिर कर आसंदी का अपमान किया है। इसके बाद इन लोगों ने अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी भी की।

 

 

 

 

 

 

 

सदन के अंदर भी विरोध

15वें वित्त की राशि के असमान वितरण को लेकर सदन से बाहर रह कर कई सदस्य विरोध तो कर ही रहे थे सदन के अंदर भी कई सदस्य इसे लेकर मुखर रहे। सदस्य हरीशकांत ने कहा कि किस वार्ड को कितनी राशि गई है इसकी जानकारी दी जाए। यहां हालात यह है कि एक सदस्य को 40 लाख रुपए दिए जा रहे हैं तो एक को कुछ भी नहीं मिल रहा है। इस मुद्दे को लेकर जिपं सीईओ ने समझाया कि राशि वार्ड वार नहीं दी जाती है बल्कि इसकी कार्ययोजना बनती है। कार्ययोजना अनुसार वितरण की जानकारी दे देंगे। इस मुद्दे को लेकर सदस्य हरीशकांत की बैठक प्रभारी सीपी तिवारी से बहस की भी स्थिति बन गई।

 

 

 

 

 

 

 

 

हमारी उपयोगिता क्या

सुदुर सड़क के मुद्दे पर जिपं सीईओ ने बताया कि इस बार नियम बदले हैं। एक जनपद को एक करोड़ की अनुमति है और एक मार्ग के लिए 20 लाख से ज्यादा लागत नहीं होनी चाहिए। चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि सुदुर सड़क के लिए प्रस्ताव सांसद, विधायक, मंत्री, उप मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री, पंचायत राज मंत्री से भी मिले हैं। इस पर सदस्य संजय सिंह ने कहा कि फिर हमारी उपयोगिता क्या है। जब हमसे प्रस्ताव नहीं लिया जा रहा है। सांसद विधायक तो अपने सदन से काम दिलवाएं। सदस्य ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि सुदूर सड़कों का चिन्हांकन व अनुमोदन सदन में बिना चर्चा के नहीं हो।

 

 

 

 

 

 

 

जिपं सीईओ ने कहा होगी जांच

उपाध्यक्ष सुष्मिता सिंह ने प्रधानमंत्री रोड के घटिया निर्माण की बात कहते हुए जांच की मांग की। इस दौरान सदस्य संजय सिंह ने कहा कि उनके क्षेत्र में घटिया सीमेंट का इस्तेमाल निर्माण कार्यों में हो रहा है। कौहारी में अवैध रूप से निर्मित डस्ट वाली सीमेंट बिकती है। जो मूल रेट से 100 रुपए कम में मिलती है। सभी पंचायतों में इसी से काम हो रहा है। जिपं सीईओ ने इसकी जांच कराने कहा।

 

 

 

 

 

 

 

जलसंकट की अभी से कार्ययोजना बनाएं

बैठक में ज्यादातर सदस्यों ने कहा कि ग्रीष्मकाल आ रहा है। कई पंचायतों में जल संकट की स्थिति बन जाती है। बहुत से हैंडपंप खराब हैं, मोटर जली हैं। इसका सत्यापन करवा कर जलसंकट वाले गांवों को चिन्हित कर उनकी कार्ययोजना बनाई जाए। जयंती तिवारी ने भी अपने क्षेत्र के जल संकट ग्रस्त गांवों की जानकारी दी। जिपं सीईओ ने जल्द ही इस पर समीक्षा बैठक आयोजित किए जाने की बात कही।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

लोकायुक्त या अन्य एजेंसी से करवाएंगे जांच

जिपं सदस्य देवदत्त सोनी ने गणवेश वितरण में व्यापक अनियमितता की जानकारी देते हुए जांच की मांग की। जिपं सीईओ ने कहा कि यह मामला जनसुनवाई में भी आया है। गंभीर मामला है। इसकी जांच के लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। जिसमें शासन स्तर की टीम से जांच करवाने या फिर लोकायुक्त या अन्य एजेंसी से जांच के लिए लिखा जाएगा। संजय सिंह ने पाथर कछार विद्यालय की छत के निकट तक आ गई विद्युत लाइन का मुद्दा उठाया और कहा कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिपं सीईओ ने इसे दिखवाने की बात कही। शौचालयों की राशि हितग्राहियों को नहीं मिलने का भी मामला उठाया गया।

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