Gwalior news:ऐसा अधिकारी फील्ड में रहना चाहिए या नहीं, मुख्य सचिव तय करें,भिंड कलेक्टर श्रीवास्तव मुश्किल में, कोर्ट पालन रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं!
कलेक्टर ने कुर्की बेहतर ढंग से करने को कहा। कोर्ट ने इस स्थिति को देख कहा कि कलेक्टर ने कोई सबक नहीं सीखा।
ग्वालियर. हाईकोर्ट ने भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। कहा कि कलेक्टर ने कोई सबक नहीं सीखा है। उनके द्वारा पीडब्ल्यूडी की संपत्ति कुर्क करना दिखावा मात्र है। ऐसा अधिकारी फील्ड में रहना चाहिए या नहीं, मुख्य सचिव खुद तय करें। आदेश की कॉपी मुख्य सचिव को भी भेजी जाएगी। कोर्ट ने अवमानना के लिए दोषी मानते हुए 11 मार्च को 10.30 बजे उपस्थित होने का आदेश दिया है। उन्हें दंड पर सुना जाएगा।
कलेक्टर ने सुभाष सिंह भदौरिया के वेतन बकाया केस में पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश की। बताया कि 31 जुलाई 2023 को पदभार ग्रहण किया। अवमानना याचिका 23 फरवरी- 2024 को सूचीबद्ध की गई। तहसीलदार ने 22 फरवरी 2024 को आरआरसी निष्पादन के लिए प्रकरण पंजीकृत किया। 13 मई को पीडब्ल्यूडी की संपत्ति कुर्क की गई। इसके बाद संपत्ति नीलाम की गई। इससे 20,200 रुपए आए। खर्च काटने के बाद 15,614 रुपए श्रम न्यायालय में जमा कर दिए। चल संपत्ति नीलामी से पर्याप्त धनराशि नहीं आने से आरआरसी निष्पादित नहीं की जा सकी। अब पीडब्ल्यूडी की अचल संपत्ति कुर्क की गई। हाईकोर्ट कलेक्टर के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ।
कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि भिंड कलेक्टर चल संपत्ति की नीलामी में हुए खर्च को वसूल करने में दिलचस्पी रखते थे।