Gwalior news:अधिकारी ऑफिस में बैठ खुद को शेर समझते हैं, किसी की सुनते भी नहीं, दंड पर सुनवाई के लिए 11 मार्च को रहना होगा हाजिर!
कलेक्टर रुचिका चौहान शुक्रवार सुबह 10:30 न्यायालय पहुंचीं। कोर्ट ने आदेश का पालन नहीं कराए जाने पर फटकार लगाई।
ग्वालियर. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अवमानना याचिका में कलेक्टर रुचिका चौहान को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने सवाल पूछते हुए कहा है कि अधिकारी ऑफिस में बैठकर खुद को शेर समझते हैं। किसी की सुनते नहीं हैं। कोर्ट को भी नहीं गिन रहे। कोर्ट ने सवाल किया कि प्रकरण में आपने क्या कार्रवाई की। इस पर कलेक्टर ने कहा कि तहसीलदार को तलब किया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की सेंट्रल पार्क के सामने वाली संपत्ति को कुर्क किया गया है। कोर्ट ने कलेक्टर रुचिका चौहान को अवमानना के लिए दोषी मानते हुए दंड पर सुनवाई के लिए 11 मार्च को तलब किया है।
दरअसल, रामकुमार गुप्ता को पीडब्ल्यूडी में उपयंत्री के पद पर वर्गीकृत किया गया था। वर्गीकृत किए जाने के बाद वेतन की राशि का भुगतान नहीं किया। इसको लेकर लेबर कोर्ट ने 17 लाख 61 हजार रुपए की आरआरसी जारी कर दी, लेकिन विभाग ने राशि का भुगतान नहीं किया। इसको लेकर रामकुमार ने याचिका दायर की।
सात साल बीते
याची के अधिवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने तर्क दिया कि 2018 में आरआरसी पालन का आदेश दिया, पर विभाग ने कार्रवाई नहीं की। 2018 से अवमानना याचिका भी दायर की गई। कलेक्टर ने आरआरसी का पालन नहीं कराया। सात साल बीत गए हैं।