Rewa news:नहर परियोजनाओं में ‘भ्रष्टाचार’ का मामला पहुंचा विधानसभा,जिम्मेदार अधिकारियों से हो वसूली!

Rewa news:नहर परियोजनाओं में ‘भ्रष्टाचार’ का मामला पहुंचा विधानसभा,जिम्मेदार अधिकारियों से हो वसूली!

 

 

 

 

 

 

 

 

विधायक के सवाल के बाद विभाग से मांगी गई जानकारी

रीवा. जलसंसाधन विभाग की कई नहर परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर हुई आर्थिक अनियमितता का मामला विधानसभा पहुंच गया है। सेमरिया के कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए दोषियों से वसूली और एफआईआर दर्ज कराए जाने की मांग उठाई है। इसके बाद अब विधानसभा ने जलसंसाधन विभाग से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है। मामले में विधानसभा में सरकार जवाब कब देगी अभी तारीख तय नहीं हुई है। विभाग से त्वरित रूप से जानकारी मांगी गई है।

 

 

 

 

 

 

गंगा कछार के मुख्य अभियंता के साथ ही अधीक्षण यंत्री से भी जानकारी चाही गई है। विधायक ने अपने पत्र के जरिए कहा है कि रीवा संभाग के विभिन्न जिलों में जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों के निर्माण में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर निर्माण कार्य कराए बगैर राशि आहरित की गई है। मेनटेना कम्पनी द्वारा अनुबंधित कार्यों का उल्लेख करते हुए इनके द्वारा कराए गए कार्यों की गुणवत्ता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र के संबंध की जानकारी के साथ संबंधित को भुगतान की गई राशि व अनुबंध की शर्तों के पालन पर राशि भुगतान अनुसार कार्य की भौतिक स्थिति का सत्यापनकर्ता अधिकारियों के पद नाम का उल्लेख के साथ राशि के व्यय एवं भुगतान विवरण के साथ इनसे संबंधित शिकायतों की स्थिति भी बताने की मांग की गई है। परियोजना प्रशासन कमांड क्षेत्र विकास प्रबंध प्रकोष्ठ रीवा के कई पत्र जारी किए गए हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की गई है। पूर्व में कई शिकायतें भी आई हैं पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई है।

 

 

 

 

 

 

 

इन क्षेत्रों में कराया गया है कार्य
विधायक ने अपने सवाल में उल्लेख किया है कि निर्माणाधीन परियोजनाएं प्रस्तावित सिंचाई प्रणाली (प्रेशराइज्ड एवं नॉन प्रेशराइज्ड दोनों) के तहत रीवा जिले के सेमरिया, त्योंथर, पहड़िया सूक्ष्म दबाव परियोजना, सिरमौर सूक्ष्म परियोजना, लोनी सूक्ष्म उद्वहन सिंचाई परियोजना रीवा, झिन्ना सूक्ष्म परियोजना सतना, सभी प्रेशराइज्ड पाइप योजना के तहत कार्य कराने के लिए राशि जारी कर कार्य प्रारंभ कराए गए लेकिन कार्यों में अनुबंध की शर्तों का पालन कर संविदाकारों द्वारा कार्य नहीं कराए गए। जिनकी जांच एवं दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

 

 

 

 

 

 

नहरों एवं नालियों के निर्माण कार्य में बिना काम कराए ही भुगतान करने में कई वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका भी सवालों में है। मांग उठाई गई है कि तत्कालीन मुख्य अभियंत्री, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री और उपयंत्री मापदंड ड्राइंग एवं नियमों के तहत कार्यों का सत्यान कराए जाने के लिए उत्तरदायी हैं। जिन अधिकारियों ने जिम्मेदारियों का पालन नहीं कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है उन सबके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है।

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