MP के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने भ्रष्टाचार के आरोपित OSD को हटाया मीडिया में चलने के बाद लिया संज्ञान।

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MP के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने भ्रष्टाचार के आरोपित OSD को हटाया मीडिया में चलने के बाद लिया संज्ञान।

 

मध्य प्रदेश सरकार में पंचायत, ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल के ओ एस डी की नियुक्ति के बाद ओएसडी के भ्रष्टाचार में आरोपी होने की खबर तूल पकड़ रही थी विगत तीन दिनों से मीडिया में चल रही खबरों को लेकर सरकार गिर रही थी ऐसे में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने सख्त कदम उठाते हुए ओएसडी को हटाने का आदेश जारी किया है प्रहलाद पटेल ने खुद इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी है कि ‘श्रम मंत्रालय भोपाल ने जिन महानुभाव को मेरे साथ अस्थायी तौर पर अटैच किया था उन पर लोकायुक्त जाँच के समाचार के बाद यह पुनः अस्थायी व्यवस्था की गई है। लेकिन मेरा स्पष्ट मत है कि विभाग के प्रमुख ज़िम्मेदारी लेकर स्क्रीनिंग करें ताकि स्थायी या अस्थायी व्यवस्था पूर्णतः निर्दोष रहे।’ इस तरह प्रहलाद पटेल ने स्पष्ट कर दिया है कि विभाग को जिम्मेदारी से पूरी स्क्रीनिंग करते हुए ही कोई कदम उठाना चाहिये उन्होने नाराजगी जताई है और विभाग को जिम्मेदारी से काम करने की सलाह दी है।

यह था पूरा मामला

ज्ञात हो कि श्रम विभाग के मंत्री प्रहलाद पटेल का ओएसडी इंदौर में उप श्रमायुक्त लक्ष्मीप्रसाद पाठक को बनाने का आदेश जारी किया था लक्ष्मीप्रसाद पाठक के खिलाफ लोकायुक्त में भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज है उनके खिलाफ आरोप सही होने पर विभाग से अभियोजन की स्वीकृति भी मांगी गई है। इस संबंध में नवंबर 2023 में लोकायुक्त ने श्रम सचिव को पत्र लिखकर न्यायालय में अभियोजन प्रस्तुत करने के लिए स्वीकृति मांगी थी इसकी स्वीकृति अब तक नहीं मिली है। इस बीच श्रम विभाग ने आदेश जारी कर पाठक को अपने वर्तमान कार्य के साथ श्रम मंत्री की निजी स्थापना में ओएसडी बना दिया था।

प्रह्लाद पटैल ने कराया आदेश निरस्त।

ओएसडी का विवादित मामला सामने आने के बाद श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने उनकी न्युक्ति के आदेश को निरस्त करा दिया। अभी शासन ने अस्थाई रूप से बैतूल में श्रम पदाधिकारी धम्मदीप भगत को वर्तमान कार्य के साथ-साथ श्रम मंत्री की निजी स्थापना में ओएसडी पदस्थ किया है न्युक्ति आदेश निरस्त के इस आदेश को श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने सोशल मीडिया पर साझा कर लिखा कि श्रम मंत्रालय भोपाल ने जिन महानुभाव को मेरे साथ अस्थायी तौर पर अटैच किया था, उन पर लोकायुक्त जांच के समाचार के बाद पुन: अस्थायी व्यवस्था की गई है

 

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