MP news, बीते वर्ष बैंक गारंटी फर्जीवाड़ा होंने के बाद अब शराब कारोबारियों को जमा करनी होगी ई-बैंक गारंटी,

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MP news, बीते वर्ष बैंक गारंटी फर्जीवाड़ा होंने के बाद अब शराब कारोबारियों को जमा करनी होगी ई-बैंक गारंटी।

प्रदेश में कई जगह हुआ था बैंक गारंटी फर्जीवाड़ा मामला सामने आने के बाद आबकारी विभाग ने नियमों में किया बदलाव।

रीवा संभाग में हुए फर्जीवाड़ा का सामाजिक कार्यकर्ता एड बी के माला ने किया था खुलासा।

मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों के फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के मामले सामने आने के बाद अब शासन ने नियमों में बदलाव कर दिया है फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब शराब ठेकेदारों को पहले ई-बैंक गारंटी जमा करनी होगी। सरकार के नए नियम से 3600 से अधिक दुकानों के आवंटन से सरकार के खजाने में अनुमानित 4 हजार करोड़ रुपए जमा होंगे गौरतलब है कि फर्जी बैंक गारंटी देकर पिछले साल पांच जिलों के ठेकेदारों ने सरकार को लगभग 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया था। कई ठेकेदारों ने ठेका लेते समय फर्जी बैंक गारंटी लगाई थी। अब शराब का ठेका लेने के बाद तीन दिनों के अंदर ही सरकार के खजाने में बैंक गारंटी की राशि जमा करने की अनिवार्यता होगी सामाजिक कार्यकर्ता एड बी के माला ने बताया कि भोपाल, जबलपुर ,कटनी, रीवा, बैढ़न सहित अन्य जिलों में भी फर्जी बैंक गारंटी के मामले उजागर हुए थे जिनमें रीवा संभाग में हुए बैंक गारंटी फर्जीवाड़ा का उन्होंने खुलासा किया था।

ऐसे हुआ था फर्जीवाड़ा।

इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता एड बी के माला ने बताया कि फर्जी बैंक गारंटी लगाकर शराब ठेकेदार धड़ल्ले से शराब उठाते रहे और दुकानों का संचालन करते रहे और सरकार को चूना लगाते रहे इस फर्जीवाड़ा में शराब कारोबारी ही नहीं बैंक कर्मचारी और आबकारी विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे हैंबीते वर्ष अधिवक्ता बीके माला ने तत्कालीन कमिश्नर रीवा संभाग से शिकायत कर मामले की जांच की मांग की थी। इसके अलावा एक शिकायत प्रमुख सचिव वाणिज्य कर विभाग से भी की गई थी जिसमें बैढ़न के सहकारी बैंक और अन्य बैंक से बनी बैंक गारंटी से करीब 500 करोड़ का फर्जीवाड़ा हुआ था बीके माला ने कहा कि दिल्ली में शराब नीति पर सरकार और ईडी काम कर रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश में हुए इस फर्जीवाड़ा में नाम मात्र की कार्यवाही हुई है।

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