भोपाल. विधायक से सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री बने शिवराज सिंह को विधायकी छोड़नी होगी। ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी सांसदी खतरे में आ जाएगी। संविधान में प्रावधान है कि कोई भी जनप्रतिनिधि लंबे समय तक एक साथ सांसद, विधायक नहीं रह सकता। एक पद छोड़ने के लिए 14 दिन की समय सीमा निर्धारित है।
शिवराज बुदनी से विधायक और विदिशा से सांसद हैं। वे 4 जून को सांसद चुने गए थे। सूत्रों का कहना है कि शिवराज सोमवार या मंगलवार को बुदनी विधानसभा से इस्तीफा दे सकते हैं। लोकसभा चुनाव में शिवराज ने विदिशा से धमाकेदार जीत दर्ज की है। कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा को 8 लाख से ज्यादा वोटों से हराया। यह प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जीत रही। इंदौर में भाजपा के शंकर लालवानी ने 10 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीता था, लेकिन यहां कांग्रेस उमीदवार मैदान में नहीं था।
यदि कोई जनप्रतिनिधि विधायक रहते हुए सांसद या फिर सांसद रहते हुए विधायक चुना जाता है तो वह लंबें समय तक दोनों पदों पर नहीं रह सकता। उसे निर्वाचित होने के 14 दिन के अंदर एक पद से इस्तीफा देना होगा। ऐसा नहीं करने पर उसकी उस सदन से सदस्यता समाप्त हो जाएगी, जिसमें वहबाद में सदस्य बना है।
देवेन्द्र वर्मा, संविधान विशेषज्ञ एवं पूर्व प्रमुख सचिवछत्तीसगढ़ विधानसभा