जबलपुर

MP news, देश की न्‍याय व्‍यवस्‍था ने दी भारत को विश्‍व में अलग पहचान – मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव।

MP news, देश की न्‍याय व्‍यवस्‍था ने दी भारत को विश्‍व में अलग पहचान – मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव।

महाधिवक्‍ता कार्यालय द्वारा मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव एवं मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस सुरेश कुमार कैत का किया गया अभिनंदन।

जबलपुर। न्‍यायपालिका भारतीय लोकतंत्र की प्रहरी है। देश की न्‍याय व्‍यवस्‍था की विश्‍व में भारत को अलग पहचान देती है और गौरव भी बढ़ाती है। न्‍यापालिका ने कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले लियें हैं जो आज भी अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए हैं। यही हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है। यह उद्बोधन मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर में महाधिवक्‍ता द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में दिया। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्‍याय पालिका यह तीनो लोकतंत्र के अहम हिस्‍से हैं। कानून निर्माण का काम कार्यपालिका करती है तो उसकी व्‍याख्‍या करने का काम न्‍यायपालिका द्वारा किया जाता है।

समारोह में मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत का अभिनंदन किया गया। इसके साथ ही विधि जगत को 50 वर्ष से अधिक सेवा देने वाले वरिष्‍ठ अधिवक्‍ताओं का अभिनंदन पत्र देकर सम्‍मान भी समारोह में किया गया। न्‍यायाधीश श्री सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष एड. राधेलाल गुप्ता, हाईकोर्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एड संजय अग्रवाल, उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एड धन्य कुमार जैन, जिला अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष एड मनीष मिश्रा एवं सीनियर एडवोकेट काउंसिल के महासचिव एड आदित्य धर्माधिकारी समारोह में मंचासीन थे।

मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने समारोह को संबोधित करते हुए आगे कहा कि यह उनका सौभाग्‍य है कि मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश के साथ महाधिवक्‍ता कार्यालय द्वारा उनका अभिनंदन किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि समय के साथ कई बदलाव आते हैं, बदलते हुए युग में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना यही हमारी न्‍याय पालिका की पहचान है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि देश की न्‍याय व्‍यवस्था ने ऐसे कई फैसले लिये है जिनमें योग्‍यता के साथ-साथ नैतिकता और जीवन मूल्‍यों को भी तरजीह दी गई है। महाभारत काल में पांडवों और कौरवों में यही अंतर था कि पांडव जीवन मूल्‍य एवं नैतिकता समाहित किये हुए थे। ठीक उसी तरह कर्ण की योग्‍यता किसी से कम नहीं थी किन्‍तु अपने प्रतिशोध की भावना एवं जीवन मूल्‍यों के अभाव ने उसे पतन की ओर अग्रसर किया।

मुख्‍य न्‍यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत ने कहा कि उन्‍हें यहां आये तीन माह से ज्‍यादा समय हो गया है। इसके पूर्व उन्‍होंने दिल्‍ली हाईकोर्ट, तेलंगाना और अन्‍य हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दी है। उस सेवाकाल की अवधि में जितना सम्‍मान प्राप्‍त हुआ उससे भी अधिक सम्‍मान मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश के रूप में मिला है। यहां आने के बाद वरिष्‍ठ एवं सेवानिवृत्‍त न्‍यायाधीशों से न्‍यायिक व्‍यवस्‍था को और बेहतर बनाने के सुझाव लिये हैं। प्रदेश सरकार का भी हमें भरपूर सहयोग मिलेगा, इसके लिए पूर्णत: आशान्वित है।

न्‍यायाधीश श्री सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी ने कहा कि न्‍यायपालिका द्वारा लिये जाने वाले निर्णयों से लोगों में न्‍याय पालिका के प्रति विश्‍वास बढ़ा है। कार्यक्रम में मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव, मुख्‍य न्‍यायाधीश मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय श्री कैत एवं अन्‍य अधिवक्‍ताओं द्वारा श्री सतीशचंद्र दत्‍त, श्री राजेन्‍द्र प्रसाद जायसवाल, श्री रवीशचंद्र अग्रवाल, वी रमेशराव, श्री रविनंदन सिंह, श्री गणेश नारायण पुरोहित, त्रिलोचन सिंह रूपराह, इम्तियाज हुसैन, वीएस श्रोतीय एवं श्री मोहनलाल जायसवाल को अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्‍मानित किया।

समारोह के प्रारंभ में महाधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह ने अपने उद्बोधन में मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस सुरेश कुमार कैत का स्‍वागत किया। उन्‍होंने समारोह को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव को राज्‍य के प्रत्‍येक नागरिक के विकास के लिए समर्पित बताया। महाधिवक्‍ता ने कहा कि प्रदेश के छः संभागों में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 2.50 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होना मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के प्रदेश के विकास को गति प्रदान करने के प्रयासों का परिणाम है।

महाधिवक्ता श्री सिंह ने कहा कि मुख्य न्यायधीश जस्टिस सुरेश कुमार कैत डॉ भीमराव अंबेडकर के ध्येय वाक्य “अप्प दीपो भवः” अर्थात स्वयं को प्रकाशित करो तो अंधेरा स्वतः नष्ट हो जाएगा का अनुसरण कर उच्च शिक्षा की प्राप्ति की है। उन्होंने समाज की सेवा करने के लिए अधिवक्ता को व्यवसाय के रूप में स्वीकार किया है। महाधिवक्ता ने मुख्यमंत्री डॉ यादव और मुख्य न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत के मध्य शैक्षणिक समानता पर प्रकाश भी डाला और मुख्यमंत्री डॉ यादव के अधिवक्ता के रूप में पंजीबद्ध होने की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि दोनों ने कठिन परिश्रम के उपरांत जिन ऊंचाइयों को प्राप्त किया है, वह हम सभी के लिए प्रेरणास्पद है।

इस अवसर पर उन्होंने मंच पर उपस्थित अतिथियों और कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य नागरिकों का स्वागत भी किया। महाधिवक्‍ता द्वारा मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस सुरेश कुमार कैत के अभिनंदन के लिए आयोजित इस समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्‍जवलन कर किया गया। अभिनंदन समारोह का संचालन उप महाधिवक्‍ता हरप्रीत सिंह रूपराह ने किया तथा कार्यक्रम के समापन पर आभार प्रदर्शन उप महाधिवक्‍ता श्री विवेक शर्मा ने किया। समारोह में मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायधीशगण, अधिवक्‍तागण एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

 

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