रीवा

Rewa news, विवादित अवैध निर्माण कार्य की जांच करने पहुंचे नायब तहसीलदार ने विवाद की स्थिति देखते हुए निर्माण कार्य में लगाई रोक।

Rewa news, विवादित अवैध निर्माण कार्य की जांच करने पहुंचे नायब तहसीलदार मौके पर विवाद की स्थिति को देखते हुए निर्माण कार्य में लगाई रोक।

सामाजिक कार्यकर्ता शिवाकांत चतुर्वेदी ने नायब तहसीलदार, तहसीलदार ,त्यौंथर एसडीएम और रीवा कलेक्टर के प्रति जताया आभार।

 

रीवा जिले के तहसील त्यौंथर के राजस्व निरीक्षक मंडल रायपुर सोनौरी व पटवारी हल्का बारीकला व ग्राम पंचायत बारीकला का है। मामला यह है कि अम्बिका चतुर्वेदी व उनके पुत्र के द्वारा ग्राम पंचायत बारीकला के अपने आराजी क्रमांक 471/1/1/1 रकवा 1.67 एकड़ में से कुछ माह पहले ही 12 दिशमिल 75/70 जमीन की उत्तरी सीमा तालाब के किनारे से 55 फूट दक्षिण तक सड़क से छोड़कर रजिस्ट्री लीलावती पति संपति मिश्र निवासी बारीखुर्द को करवाकर पैसा पाते ही मौके पर बिना अपनी जमीन का सीमांकन कराए और उचित सीमा के निर्धारण कराए मनमानी तौर पर दक्षिण सीमा में जबरदस्ती आवेदक योगेंद्र चतुर्वेदी के भूमि के सीमा से बिलकुल सटा के कई कमरा के घर का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया जब योगेंद्र चतुर्वेदी और उनके भाईयो के द्वारा मना किया गया और बताया गया की मेरे भाई मणिप्रसाद चतुर्वेदी के द्वारा सभी लोगो के सीमांकन के लिए दिनांक 01/05/2024 को आवेदन दिया गया है जब तक सीमांकन होकर सीमा का निर्धारण नही हो जाता है जब तक कार्य बंद रखे या आपको ज्यादा जल्दी हो तो सीमांकन आप ही करा ले या फिर तालाब के किनारे उतरी सीमा से निर्माण कार्य करे तो अनावेदक द्वारा सीधा मना कर दिया गया जो करना हो करते रहो और मैं यही काम करेगे धमकी देते हुए सपरिवार कटमाशा रखकर जबरदस्ती कार्य निर्माण शुरू कर दिया गया उसके बाद आवेदक योगेंद्र चतुर्वेदी ने सोनौरी चौकी में सूचना देकर दिनांक 17/05/2024 को नायब तहसीलदार के समक्ष समस्त मामले की शिकायत करते हुए सीमांकन की कार्यवाही पूर्ण होने तक तत्काल कार्य निर्माण पर रोक लगाने का आवेदन दिया गया था।

इस मामले में नायब तहसीलदार के द्वारा हल्का पटवारी और आर आई को सीमांकन के लिए निर्देश दिया गया जिसके बाद हल्का पटवारी छविलाल सिंह और आर आई सूर्यभान आदिवासी के द्वारा दिनांक 19/05/2024 को मौके पर आकर केवल विवादित मामले यानी अनावेदक अंबिका चतुर्वेदी के द्वारा मौके पर किए कब्जा की जांच की गई तो पाया गया की उनको आराजी क्रमांक 471/1/1/1 में केवल 1.67 एकड़ ही हिस्सा चाहिए लेकिन जांच करने के बाद हल्का पटवारी और आर आई के द्वारा बताया गया की आपके द्वारा कब्जा की गई भूमि काफी अधिक लगभग साढ़े तीन एकड़ है और अनावेदक को हल्का पटवारी के द्वारा बताया गया की आप मौके पर उतरी सीमा में काबिज है और दक्षिण सीमा में कैसे नक्शा तरमीम करवा लिए तो उनके द्वारा कोई ठोस जवाब नही दिया गया साथ ही मौके पर अनावेदक के द्वारा यह भी बताया गया की एक नही तीन लोगो को मेरे द्वारा संबंधित भूमि की रजिस्ट्री भी करवाई जा चुकी है बात यह है की जब अनावेदक अंबिका चतुर्वेदी का हिस्सा ही जितना रजिस्ट्री रोड से लगी हुई करवा दी गई नही बनता तो कैसे हो गई रजिस्ट्री जो की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही का विषय है।

वही हल्का पटवारी के द्वारा कहा गया था आप सभी लोग अलग अलग से नक्शा तरमीम और सीमांकन का आवेदन दे दीजिए जिससे सभी का अलग अलग बटवारा हो जाय जिसके बाद आवेदको के द्वारा दिनांक 29/05/2024 को सभी लोगो के नक्शा तरमीम का भी आवेदन दिया जा चुका है ।लेकिन जांच के बाद ना तो हल्का पटवारी के द्वारा मौके पर स्थल पंचनामा और रिपोर्ट बनाई गई और ना ही आर आई के द्वारा उसके बाद जब आवेदकों के द्वारा जांच रिपोर्ट के संबध में आर आई सूर्यभान आदिवासी से बात की जाय तो कभी यहां तो कभी वहा कभी फोन ना रिसीव करना और अन्य कई तरह से आला बाला जवाब दिया जाता रहा जिसके बाद हल्का पटवारी से बात की गई रिपोर्ट के संबध में तो उनके द्वारा कहा गया की जब आर आई साहब के द्वारा नही लगाई जाएगी तो मैं ही बनाउगा उसके बाद उनके द्वारा आपसी विवाद को देखते हुए नायब तहसीलदार से मौका की जांच के लिए निवेदन किया गया ।

वही सामाजिक कार्यकर्ता शिवाकांत चतुर्वेदी के द्वारा उपरोक्त समस्त मामले से नायब तहसीलदार बीडी रैदास ,तहसीलदार त्योंथर राजेश तिवारी, त्यौंथर एसडीएम संजय जैन ,रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल से समस्त मामले से अवगत कराकर अनावेदकगण द्वारा कराए जा रहे अवैध तरीके से निर्माण कार्य को समस्त मामले के निपटारा होने तक तत्काल कार्य पर रोक लगाने की माग की गई जिस पर दिनांक 27/06/2024 को मौके पर जांच करने नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक रायपुर सोनौरी सूर्यभान आदिवासी,हल्का पटवारी छविलाल सिंह को लेकर पहुंचे जिस पर मौके पर मामले के संबध में हल्का पटवारी से और आवेदक एव अनावेदकगणों से जानकारी मामले के संबध में ली गई जिस पर हल्का पटवारी और आर आई के द्वारा जो पूर्व में दिनांक 19/05/2024 को जांच की गई थी उसके आधार पर हल्का पटवारी के द्वारा बताया गया की श्रीमान अनावेदक के द्वारा कब्जा की गई भूमि काफी अधिक लगभग साढ़े तीन एकड़ है और इनको हिस्सा सिर्फ 1.67 ही चाहिए और इनके द्वारा नक्शा तरमीम भी कब्जा के विपरीत दिशा दक्षिण में करवा लिया गया है जो की गलत है उसके बाद नायब तहसीलदार के द्वारा अनावेदक से भी जानकारी ली गई तो उनके द्वारा भी यही बताया गया मैं लगभग 40 साल से उत्तरी सीमा तालाब के किनारे से काबिज हु जिसके बाद नायब तहसीलदार ने समस्त मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्त मामले के निपटारा होने तक आपसी विवाद को देखते हुए मौके पर ही हल्का पटवारी से पंचगणों,आवेदक ,अनावेदक के उपस्थिति में पंचनामा तैयार कराकर तत्काल अनावेदक अंबिका चतुर्वेदी को कार्य बंद करने का निर्देश दिया गया और हल्का पटवारी से तत्काल प्रतिवेदन मगाकर स्थगन आदेश भी जारी करने के लिए कहा गया साथ ही समस्त मामले के निपटारा करने के लिए समस्त पक्षकारों से निराकरण संबंधी दस्तावेज मगाकर तत्काल निराकरण करने के लिए भी कहा गया और पक्षकारों को मामले के निपटारा होने तक शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी सुझाव दिए जिस पर आवेदक गणों के द्वारा नायब तहसीलदार और हल्का पटवारी के प्रति आभार प्रकट किया गया।

वही अनावेदक अंबिका चतुर्वेदी और उनके पुत्र रविशंकर चतुर्वेदी के द्वारा बताया गया की लीलावती के अलावा अन्य दो और रजिस्ट्री हाल ही में सड़क से करवा दी गई है अब तुम लोग रहना देगे तुम लोगो को हिस्सा हम। जिसके संबध में आवेदक गणों के द्वारा कहा जा रहा है की जब अनावेदक अंबिका चतुर्वेदी और उनके पुत्र रविशंकर चतुर्वेदी के द्वारा पहले लीलावती पति संपति कुमार को 75/70 उत्तरी सीमा तालाब के किनारे से 55 फूट तालाब के किनारे से छोड़कर रजिस्ट्री करवा दी गई । उसके बाद जब अनावेदक गणों को लगा की अब हमारा हिस्सा तो सड़क से लगा हुआ बहुत कम बच रहा है तो गोपनीय तरीके से जाकर अनावेदक के द्वारा अपने सगे दोनो नाती प्रवेश चतुर्वेदी और नीलेश चतुर्वेदी को 15/05/2024 को 80/60 और 80/60 की फर्जी तरीके से बिना अपने कब्जा के स्थान पर नक्शा तरमीम अन्य रिकॉर्ड दुरुस्त करवाए करवा दी गई । और दक्षिण सीमा में स्वयं का घर भी जबरदस्ती निर्माण शुरू करवा दिया गया । जब मामले के संबध में मौके के कब्जा की हल्का पटवारी और आर आई के द्वारा जांच कर भी अनावेदक को स्पष्ट कर दिया गया की आपके द्वारा कब्जा की गई भूमि काफी अधिक लगभग साढ़े तीन एकड़ है और आप का हिस्सा तालाब के किनारे सड़क से लगा हुआ लगभग 140 फूट ही बनता है शेष भूमि आवेदक गणों के हिस्से की है और आपके द्वारा कब्जा के विपरीत नक्शा तरमीम भी करवा लिया गया है।

इस मामले में आवेदकों का कहना है की इसी तरह से अनावेदक अंबिका चतुर्वेदी और रविशंकर के द्वारा फर्जी तरीके से सभी खसरा नंबरों जिसमे खसरा क्रमांक 475,476 ,477 में एक पक्षीय फर्जी तरीके से नक्शा तरमीम करवा लिया गया है जो की जांच कर कार्यवाही का विषय है। उसके बाद भी अनावेदक के द्वारा जबरदस्ती उसी स्थान पर निर्माण कराने की हर तरह से प्रयास कर रहा है। वही आवेदकों का कहना है की जब 40 साल से अधिक से अनावेदक के द्वारा मेरे आराजी की भूमि अवैधानिक कब्जा कर खेती कर उससे होने वाला लाभ निजी उपयोग में लेते चला आ रहा है जिसके एवज में हम लोगो को हर्जाने की राशि अनावेदक से दिलवाई जाय हल्का पटवारी से प्रतिवेदन मगाकर कब्जा से बेदखल किया जाय और फर्जी तरीके से करवाई गई रजिस्ट्री की भी तत्काल जांच कराकर अनावेदक के खिलाफ 420 व अन्य राजस्व भू संहिता की धाराओं के तहत अपराधिक मामला दर्ज कराकर तत्काल शक्त से शक्त दंडात्मक कार्रवाई करने की भी मांग समस्त जिम्मेदार वरिष्ट अधिकारियों से उठाई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button