Rewa news, इस पुलिस अधिकारी ने बता दिया कि भारतीय दंड संहिता से क्यों और कैसे बेहतर है भारतीय न्याय संहिता।
Rewa news, इस पुलिस अधिकारी ने बताया भारतीय दंड संहिता से क्यों और कैसे बेहतर है भारतीय न्याय संहिता।
रीवा। भारत देश में अंग्रेजों का बनाया कानून भारतीय दंड संहिता खत्म करके भारत सरकार ने जनता को शीघ्र और पारदर्शी न्याय दिलाने भारतीय न्याय संहिता लागू कर दिया है 1 जुलाई को संशोधित धाराओं के तहत पूरे देश में कई थानों में आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जा चुके हैं रीवा जिले में रीवा जोन के आईजी डीआईजी और पुलिस अधीक्षक ने अपने मार्गदर्शन में नए संशोधित कानून का जिले के समस्त थाना प्रभारीयों को और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाया है 1 जुलाई को मनगवां एसडीओपी डॉ कृपा शंकर द्विवेदी ने गढ़ थाना पहुंचकर मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा दंड संहिता में संशोधन सुधार करते हुए भारतीय न्याय संहिता नाम रखा गया है इसके पूर्व जहां भारतीय दंड संहिता का उल्लेख था पूर्व में कुल भारतीय दंड संहिता में 511 धाराओं का उल्लेख और विधान था वर्तमान भारतीय न्याय संहिता में कुल 358 धाराएं रखी गई है जब यह संविधान की रचना हुई थी उसे कल कालांतर में अपराध और आपराधिक घटनाओं का कारण अलग था वर्तमान समय में संचार क्रांति के कारण अपराधों की संख्या में विभिन्न प्रकार के अपराध हुए हैं जिसमें सर्वाधिक साइबर अपराध हैं वहीं दूसरी तरफ धाराओं में 376 को परिवर्तन करते हुए 64, धारा 354 को परिवर्तन करते हुए 74 किया गया है इसके साथ ही पुलिस में सूचना धारा 155 /154 के तहत दर्ज की जाती थी वहीं अब परिवर्तन करते हुए 155 को 174 और 154 को 173 किया गया है।
जनता को कानूनी लाभ लेने सरलता के लिए ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने का भी विधान रखा गया है किंतु ऑनलाइन रिपोर्ट कर्ता को तीन दिवस के अंदर संबंधित थाने में पहुंचकर सूचना की पुष्टि और हस्ताक्षर करना पड़ेगा ना पहुंचने की स्थिति पर उस ऑनलाइन एफआईआर पर कार्यवाही नहीं होगी वर्तमान समय पर जहां भारत सरकार की योजना सन् 2023 से विचाराधीन थी और लोकसभा राज्यसभा तथा राष्ट्रपति अनुमोदन उपरांत बृहद रूपरेखा तैयार कर दिनांक 1/7/ 2024,12:00 बजे रात्रि से कानून लागू हो गया जहां थानों में नई धारा के तहत प्रकरण पंजीबद्ध होने शुरू हो गए सबसे अधिक रास्ते में चल रहे लोगों के गले से चेन खींचने गांव में मावलिंचिंग करना आतंकवादी कार्य में संलिप्त होना देशद्रोह का कार्य करना कपटपूर्ण शादी का झांसा देकर शोषण करना ऐसे अपराधों धाराओं को संशोधित किया गया है वहीं दूसरी तरफ इसमें सर्वाधिक बालिकाओं बच्चों विकलांगों को विशेष सुविधा के तहत जांच विवेचना दौरान किसी व्यक्ति को अनावश्यक थानो में नहीं बुलाया जाएगा बल्कि संबंधित पीडि़त फरियादी जहां भी चाहे अपना कथन दर्ज करा सकते हैं।
अभी तक शिकायतें आती थी कि झूठे आरोपों पर फंसाया गया है झूठी सामग्रियां जप्त की गई है वर्तमान संशोधन कानून में यह भी उल्लेख किया गया है कि संचार क्रांति के कारण किसी भी घटना की वीडियो ग्राफी और साक्ष्य की वीडियो ग्राफी तैयार की जाए जिससे आरोपित व्यक्तियों को प्रकरण निराकरण पर किसी भी तरह से दंड दिलाने में कोई कठिनाइयां उत्पन्न ना हो इसको लेकर 1 जुलाई 2024 को दोपहर बाद 4:00 बजे थाना प्रांगण में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस डॉ कृपा शंकर द्विवेदी थाना प्रभारी गढ़ विकास कपीश सुखेंद्र सिंह एचडी वर्मा सहायक उप निरीक्षक के.एल.बागरी थाने के स्टाफ प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह आरक्षक अभिषेक पाण्डेय आशुतोष मिश्रा देवेंद्र सिंह बलराम यादव आज पुलिस स्टाफ के साथ ही स्थानीय थाना क्षेत्र के गांव के आसपास के गणमान्य नागरिक स्थानीय जनप्रतिनिधि बैठक में सम्मिलित हुए जहां थाना प्रभारी गढ़ अनुविभागी अधिकारी द्वारा यह कहा गया कि आप सभी इन कानून का प्रचार प्रसार करें जिससे भारत सरकार की योजनाएं धरातल पर सभी को प्राप्त हो और सभी इसका फायदा उठाएं।
वहीं दूसरी तरफ सरकार में ऐसे पुराने कानून के कारण जहां आरोपी बच जाते थे अब उन्हें बचाने का कम ही अवसर प्राप्त होगा जहां साक्ष्य कारणों के कारण साथ देने में डरते थे अब सच रिकार्ड सहित रहेगा जिससे कोई व्यक्ति झूठ या अपने कहे हुए बातों में परिवर्तन करने में काफी दिक्कतें होगी जनता से अब जनप्रतिनिधियों से संबंधित अधिकारियों ने सहयोग की अपेक्षा की है आज 24 घंटे में भारत सरकार की योजना पुलिस या अन्य माध्यमों से जनता और गांव तक पहुंच चुकी है खास तौर पर वह व्यक्ति जो अखबार टीवी तक नहीं पहुंच पाते हैं उन तक भी यह बात अधिकारियों द्वारा पहुंचाई गई।
अब IPC (भारतीय दंड संहिता), की धारा नही अब इन्हें BNS (भारतीय न्याय सहिंता) लागू के तहत लागू हो चुकी है। जो इस प्रकार हैं।
01. 302 IPC = 103 BNS
02. 304(A) IPC = 106 BNS
03. 304(B) IPC = 80 BNS
04. 306 IPC = 108 BNS
05. 307 IPC = 109 BNS
06. 309 IPC = 226 BNS
07. 286 IPC = 287 BNS
08. 294 IPC = 296 BNS
09. 509 IPC = 79 BNS
10. 323 IPC = 115 BNS
11. R/W 34 IPC = 3(5) BNS
12. R/W 149 = R/W 190 BNS
13. 324 IPC = 118(1) BNS
14. 325 IPC = 118(2) BNS
15. 326 IPC = 118(3) BNS
16. 353 IPC = 121 BNS
17. 336 IPC = 125 BNS
18. 337 IPC = 125 BNS(A)
19. 338 IPC = 125 BNS(B)
20. 341 IPC = 126 BNS
21. 353 IPC = 132 BNS
22. 354 IPC = 74 BNS
23. 354(A) IPC = 75 BNS
24. 354(B) IPC = 76 BNS
25. 354(C) IPC = 77 BNS
26. 354(D) IPC = 78 BNS
27. 363 IPC = 139 BNS
28. 376 IPC = 64 BNS
29. 284 IPC = 286 BNS
30. 286 IPC = 288 BNS
(Fine – 5000/-)
31. 290 IPC = 292 BNS
(Fine – Rs 1000/-)
32. 294 IPC = 296 BNS
33. 447 IPC = 329 (3) BNS
34. 448 IPC = 329 (4) BNS
35. 392 IPC = 309 BNS
36. 411 IPC = 317 BNS
37. 420 IPC = 318 BNS
38. 382 IPC = 304 BNS
39. 442 IPC = 330 BNS
40. 445 IPC = 330 BNS
41. 447 IPC = 330 BNS
42. 448 IPC = 331 BNS
43. 494 IPC = 82 BNS
44. 498(A) IPC = 85 BNS
45. 506 IPC = 351 BNS
46. 509 IPC = 79 BNS
(Petty Basic Offences)
47. 9(I), 9(II) = 112 BNS