Rewa news, आवारा पशुओं से परेशान किसान और वाहन चालक किस काम की गौशालाएं।

Rewa news, आवारा पशुओं से परेशान किसान और वाहन चालक किस काम की गौशालाएं।

विराट वसुंधरा / यज्ञ प्रताप सिंह

रीवा । जिले में आवारा पशुओं की बड़ी समस्या इस समय देखने को मिल रही है आवारा मवेशियों से एक तरफ जहां किसानों की चिंताएँ लगातार बढ़ रही हैं। किसानों ने कई बार जिला कलेक्टर, स्थानीय नेताओं और विधायकों से इस समस्या के समाधान नहीं हुआ है जिले की गौशालाओं की स्थिति में कोई सुधार भी देखने को नहीं मिल रहा है किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे की गंभीरता से अवगत कराया है। इसके बावजूद, गौशालाओं की व्यवस्थाओं में सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस वजह से आवारा पशुओं का आतंक बरकरार है, और किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, आवारा पशुओं के कारण किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए दिन-रात निगरानी करनी पड़ रही है। उनके पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही समय कि वे अपनी फसलों को इन पशुओं से बचा सकें। इस स्थिति ने किसानों की आजीविका पर संकट ला दिया है।

ग्राम पंचायतों में बनी गौशालाओं में आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्थाओं की कमी के कारण, पशुओं को वहां रखने में दिक्कतें आ रही हैं। नतीजतन, पशु फिर से खेतों में आ जाते हैं और किसानों की मेहनत पर पानी फेर देते हैं। किसानों का आरोप है कि स्थानीय नेता और विधायक केवल आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है। गौशालाओं में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के कारण हालात बदतर हो गए हैं, और प्रशासन की निष्क्रियता ने किसानों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है, रीवा जिले के किसान अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जिला कलेक्टर और जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही गौशालाओं की व्यवस्थाओं में सुधार करेंगे, ताकि उनकी फसलें बचाई जा सकें और उनकी आजीविका सुरक्षित हो सके।

इसके साथ ही बरसात के दिनों में लगभग सभी मुख्य सड़कों पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है आवारा मवेशी सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग काल के गाल में समा रहे हैं बड़े वाहनों से कुचलकर एक तरफ जहां पशु मर रहे हैं तो वहीं दो पहिया वाहन चालक मवेशियों से टकराकर घायल हो रहे हैं और मौत भी हो रही है गांव में बनी गौशालाओं की हालत यह है कि ना तो सरपंच और सचिव इस बात का ध्यान दे रहे हैं कि आवारा मवेशियों को सुरक्षित किया जाए और ना ही अब तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाया गया है आवारा मवेशी किसानों और राहगीरों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं।

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