रीवा वार्ड 5 उपचुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू, पूर्व पार्षद के भाई ने किया आरोपों का खण्डन।
रीवा वार्ड 5 उपचुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू, पूर्व पार्षद के भाई ने कर दिया आरोपों का खण्डन।
रीवा में नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत के उपचुनाव आगामी 11 सितंबर को होने हैं। जिला प्रशासन उपचुनाव की तैयारी में पुरजोर तरीके से लगा हुआ है तो वहीं चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशी भी अपने दलबल के साथ चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
अधिसूचना जारी होने के बाद माना जा रहा था कि यह उपचुनाव है और बिना किसी उठापटक के संपन्न हो जाएंगे।
परंतु रीवा में चुनाव हो और सियासी घमासान ना मचे ऐसा भला कहां मुमकिन है। और इस उप चुनाव में भी बिल्कुल ऐसा ही होता नजर भी आ रहा है। नगर निगम रीवा अंतर्गत वार्ड 5 में पार्षद पद के लिए आगामी 11 सितंबर को मतदान होना है जहां दोनों ही प्रमुख दलों ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने जहां अमित द्विवेदी बेटू को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वही भाजपा ने युवा चेहरे एक साधारण पार्टी के कार्यकर्ता राजीव शर्मा पर अपना दांव खेला है। दोनों ही प्रमुख दलों ने जमकर प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है क्योंकी मतदान को बहुत ही कम दिन बचे है।
इसी बीच भाजपा से बागी हुए पूर्व पार्षद जिन्हें 2 दिन पहले ही भाजपा जिला उपाध्यक्ष बनाया गया था वह भी पार्षद पद के लिए चुनाव मैदान में उत्तर पड़े हैं अरुण तिवारी उर्फ मुन्नू पूर्व में पार्षद भी रहे हैं बता दें कि अरुण तिवारी मुन्नू ने भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने पर नाराज होकर बगावत का रास्ता चुना है और निर्दलीय रूप से वार्ड क्रमांक 5 से प्रत्याशी बनकर मैदान में उतर चुके हैं उन्होंने आरोप लगाया की भाजपा की टिकट पिछड़ा वर्ग को देने की बात चल रही थी इसके साथ ही उन्हें भी टिकट के लिए आश्वासन दिया गया था लेकिन टिकट किसी और व्यक्ति को दे दिया गया है
भाजपा संगठन पर लगे आरोपों का खंडन करते हुए पूर्व पार्षद दिवंगत संजू सिंह के बड़े भाई ने पूर्व पार्षद अरुण तिवारी मुन्नू के द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है उन्होंने कहा कि अरुण तिवारी बीते विधानसभा चुनाव में खुद संदिग्ध थे और पार्षद चुनाव में मेरे भाई से पराजित हुए थे भाजपा की टिकट से चुनाव नहीं जीत पाए थे चुनाव जीतने लायक उन्हें पार्टी ने नहीं समझा तो टिकट दूसरे को दी गई जहां तक बात रही पिछड़ा वर्ग को टिकट देने की तो भाजपा के शीर्ष नेताओं से लेकर जिला संगठन के नेताओं मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सभी ने स्वयं कई बार मुझसे बात किया की चुनाव लड़िये आपको टिकट देंगे लेकिन बीती घटना से अभी हम उबर नहीं पाए हैं हमने चुनाव लड़ने से मना कर दिया और राजीव शर्मा को टिकट देने की पैरवी भी की थी राजीव शर्मा सर्वसम्मति से भाजपा संगठन और स्थानीय वार्ड के भाजपा कार्यकर्ताओं की सहमति से पार्षद पद के उम्मीदवार बनाए गए हैं टिकट को लेकर पूर्व पार्षद अरुण तिवारी द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।