निरीक्षक गोकुलनंद पाडेय का स्थानांतरण सीआईडी कार्यालय रीवा में हुई पदस्थापना

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निरीक्षक गोकुलनंद पाडेय का स्थानांतरण सीआईडी कार्यालय रीवा में हुई पदस्थापना

 

 

 

 

 

रीवा-मनगवां थाना प्रभारी रहे गोकुलानंद पांडे  राजनीति के शिकार हुऐ और पुलिस मुख्यालय भोपाल  स्थानांतरण होने के लिए रिलीव कर दिया गया था वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर राजनीतिक दबाव इस तरह था की आनंन फानन तरीके से देखते देखते रिलीव कर दिया गया था थाना प्रभारी गोकुलानंद पांडे एक ईमानदार छवि वाले पुलिस में सेवाएं दे रहे थे इनके कार्यकाल में दलालों की दलाली में पूर्ण रूपेण से अंकुश लग गया था दलालों की रोजी-रोटी ठप होने के कगार पर पहुंच गया थी जिसके चलते दलालों में इतनी बौखलाहट थी जिसके चलते साजिश पूर्ण तरीके से एक नेता के इशारे पर पुलिस मुख्यालय भोपाल से स्थानांतरण आदेश हुआ और पुलिस थाना मंनगवा से पुलिस मुख्यालय भोपाल के लिए कर दिया गया इसके पूर्व इन्हीं साजिश कर्ताओं के द्वारा स्थानांतरण पुलिस अधीक्षक कार्यालय से करवाया गया किंतु क्षेत्रीय विधायक के हस्ताक्षेप के बाद निरस्त हो गया था मामला ठंडा होने के बजाय राजनीतिक सरगर्मियां और बढ गई दलाल अपनी प्रतिष्ठा को मानकर सत्ता पक्ष के एक नेता के इशारे पर स्थानांतरण की गाज पुलिस मुख्यालय भोपाल से थाना प्रभारी गोकुलानंद पांडे के ऊपर गिरी इस स्थानांतरण के बाद  राजनीतिक माहौल में गर्माहट इतनी तेजी के साथ बढी की साजिश रचने वाले विरोधियों को जहां स्थानांतरण कराने में उन्हें सफलता मिली वहीं आज इस बात का पता चलने पर के तत्कालीन थाना प्रभारी गोकुलानंद पांडे सीआईडी कार्यालय संभाग रीवा में स्थापना हुई है जो इस बात की राजनीतिक गलियारों में श्री पांडे का स्थानांतरण 14 जुलाई 024 को हुई और रीवा के लिए प्रतिस्थापन 2 सितंबर 024 को पुलिस मुख्यालय भोपाल से जारी आदेश के परिपालन में रीवा सीआईडी कार्यालय में पदस्थ किया गया है लिहाजा इस मामले में भोपाल से रीवा प्रदेश स्थापना आदेश जारी होने पर क्षेत्रीय विधायक नरेंद्र प्रजापति के इस पहल का आम लोगों साथ-साथ भाजपा के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला है वहीं पर दूसरी ओर जिन दलालों के माध्यम से साजिश के शिकार हुए पांडे को रीवा स्थानांतरण होने पर साजिश करने वाले लोग मुंह पर माटी खाने वाली कहावत चरितार्थ साबित हुई है इतना ही नहीं बल्कि जिन लोगों ने तत्कालीन निरीक्षक को हटाने के लिए एड़ी चोटी की सारी ताकत लगाने के बाद सफल हुए किंतु दस दिन भी नहीं बीता और फिर श्री पांडे रीवा पदस्थ हो गए हैं श्री पांडे का भोपाल से रीवा स्थानांतरण होने की खबर जैसे फैली वैसे ही साजिश करने वाले दलालों को नागवार गुजर रही है किंतु कुछ विरोधी साजिश कर्ताओं को छोड़कर भाजपा के बाकी घटक दलों में उत्साह देखा गया और श्री पांडे को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

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