रीवा

विश्व फिजियोथैरेपी दिवस 8 सितंबर पर विशेषडॉ. बी.एल.मिश्रा

विश्व फिजियोथैरेपी दिवस 8 सितंबर पर विशेषडॉ. बी.एल.मिश्रा

एम.डी.(मेडिसिन)
से.नि.क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें रीवा संभाग रीवा

 

 

 

 

 

 

REWA news स्वस्थ जीवन के सुचारू रूप से संचालन हेतु मनुष्य के मस्तिष्क, समस्त अस्थियों, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं व लिगामेन्ट्स का क्रियाशील व यथा गतिशील होना आवश्यक है। हमारे चिकित्सक एवं विशेषज्ञ जब बीमारी का इलाज पूर्ण करते हैं तो कभी-कभी कुछ अवशेष लक्षण जैसे दर्द व अस्थियों, मांसपेशियों तंत्रिकाओं व लिगामेन्ट्स को सपोर्ट की आवश्यकता होती है। इन तकलीफों का निदान फिजियोथैरेपिस्ट (भौतिक चिकित्सक )द्वारा किया जाता है जो कुछ दिनों से लेकर कई माह तक स्वस्थ होने में समय लग सकता है। यह एक संबद्ध स्वास्थ्य पेशा है। इसमें प्रशिक्षित फिजियोथैरेपिस्ट व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही तरीके से सक्रिय करते हैं। इससे शरीर की गतिशीलता ,शक्ति व कार्य में सुधार होता है । विश्व फिजियोथेरेपी दिवस एक वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम है जो 1996 से लगातार प्रतिवर्ष सितंबर माह के 8 तारीख को मनाया जाता है। विश्व के अनुमानित 6 लाख से अधिक भौतिक चिकित्सकों के सम्मान एवं उनके द्वारा किए जा रहे अति महत्वपूर्ण कार्यों के समाज में जागरूकता हेतु यह दिवस मनाया जाता है । फिजियोथैरेपिस्ट चिकित्सकों की टीम में कार्य करते हैं जिसमें रोगी की गतिशीलता ,कार्य क्षमता व स्वास्थ्य के बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसमें कई तरह की तकनीक का इस्तेमाल होता है जैसे स्वास्थ्य शिक्षा , व्यायाम व मैन्युअल थेरेपी आदि । यह पद्धति अस्पताल, क्लिनिक ,नर्सिंग होम, पुनर्वास केन्द्रों या मरीज के घर में होती है। विश्व फिजियोथैरेपी दिवस वर्ष 2024 की थीम है _”कमर दर्द व इसके प्रबंधन और बचाव में फिजियोथेरेपी का योगदान”। वैश्विक स्तर पर कमर दर्द विकलांगता का सबसे बड़ा कारण है।

 

फिजियोथेरेपी से लाभ –

 

चिकित्सा विशेषज्ञ डा बी एल मिश्रा ने बताया कि 21वीं सदी में फिजियोथेरेपी के बिना संपूर्ण स्वास्थ्य अधूरा है। इससे प्रमुख लाभ हैं _शरीर की फिटनेस बढ़ाने में मदद ,प्रमुख अंगों (कंधे, गले,कलाई ,घुटनों,ऐंडी, गठिया, कमर दर्द व हिप्स )को दर्द से राहत मिलती है। खास बात यह है कि इसमें राहत बिना किसी औषधि के मिलती है। जटिल बीमारियों _ लकवा ,पार्किंसन बीमारी, साइटिका, स्लिप डिस्क, पोलियो , टेनिस एल्बो , मोटापा ,अल्जाइमर, मल्टीपल स्क्लेरोसिस के इलाज, दमा, महिलाओं में गर्भावस्था ,स्तनपान, बिस्तर गीला करना ,मीनोपाज आदि जटिलताओं के लिए भी भौतिक चिकित्सक सहयोग करते हैं । इस चिकित्सा पद्धति से तनाव और चिंता दूर होती है ,ऊर्जा मिलती है तथा दिल व दिमाग स्वस्थ रहते हैं । हम सबको यह समझने की आवश्यकता है कि फिजियोथैरेपी हमारे जीवन को अंधेरे से उजाले में लाता है।

 

 

फिजियोथेरेपी से नुकसान-

 

फिजियोथैरेपी उपचार के दौरान कभी-कभी अंगों के दर्द हो सकते हैं। साथ ही जोड़ों के मांसपेशियों, लिगामेंट व ऊतकों में खिंचाव के कारण सूजन हो सकता है। फिजियोथैरेपी चिकित्सा आम आदमियों तक गरीबी के कारण नहीं पहुंच पाता है।

 

अपेक्षाएं _

 

वर्तमान समय की मांग है कि फिजियोथैरेपी को एक अनिवार्य चिकित्सा पद्धति मानकर समस्त स्वास्थ्य संस्थानों मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक विस्तार किया जाए और फिजियोथेरेपिस्ट की पदस्थापना किया जाए। स्वास्थ्य संस्थानों में नियमित रूप से फिजियोथैरेपी को योग व मेडिटेशन से लिंक कर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि हमारे बुजुर्ग, युवा, खिलाड़ी, महिलाएं व बच्चे शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हो सकें।

 

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