रीवा

Rewa news:मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की आदेशों की उड़ाई जा रही है धज्जियां।

Rewa news:मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की आदेशों की उड़ाई जा रही है धज्जियां।

 

 

 

मोहन सरकार के वादे निकले खोखले

रीवा कलेक्टर और त्यौंथर एसडीएम से ग्रामीणों ने लगाई गुहार

शिक्षा व्यवस्था हुई गड़बड़ प्रशासन नहीं कर रही है कार्यवाही आखिर क्या है मामला

बच्चे पढ़ाओ या ना पढ़ाओ अध्यापिका अपनी मर्जी से ही विद्यालय जाएगी इतना आसान थोड़ी है ट्रांसफर करना यह हम नहीं कह रहे हैं शिक्षा विभाग विभागीय अधिकारी बोल रहे हैं।रीवा के विधानसभा त्यौंथर में शासकीय प्राथमिक पाठशाला पटहट कला आदिवासी टोला विद्यालय का मामला है।

एक अतिरिक्त प्रभार अध्यापिका की दबंगई खुलेआम सामने आ रही है फिर भी शिक्षा विभाग त्योथर दिखावे की करता है कार्यवाही।सूत्रों की माने तो शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कर रहे हैं अध्यापिका का सहयोग  सूत्रों की जानकारी अनुसार अतिरिक्त प्रभार अध्यापिका पहुंचा रही है त्यौंथर कार्यालय में मोटी रकम।

आदिवासी और केवट वा अन्य वर्ग के बच्चों को नहीं मिल रही है शिक्षा क्या वह गरीब है कमजोर है इसलिए ऐसा हो रहा है।

प्रशासन बना है मौन इतना कुछ हो जाने के बावजूद भी कार्यवाही नहीं हो रही है ग्रामीणों ने कई बार धरना प्रदर्शन किया है और विद्यालय गेट के सामने भी बैठ गए और अध्यापिका की कमियां आए दिन सामने आ रही है लेकिन विभागीय अधिकारी सहयोग कर रहे हैं।

सोया हुआ है शिक्षा विभाग त्यौंथर कार्यवाही करने का नाम नहीं ले रहा है अध्यापिका अपने मनमर्जी से विद्यालय पहुंच रही हैं आज नहीं जब से अध्यापिका किरण पांडे की विद्यालय में नियुक्ति हुई तब से आज तक यही रवाया चल रहा है 1:00 2:00 3:00 विद्यालय आना ग्रामीणों ने आवाज भी उठाया लेकिन दिखावे की कार्यवाही हुई और अंदर साठ गांठ कर लिया गया इसलिए अध्यापिका के उपर ना कोई कार्यवाही हो रही ना ही हटाया जा रहा है ना ही निलंबित किया जा रहा है वहीं विभागीय अधिकारी का कहना है कि इतना आसान नहीं है कि हम ट्रांसफर कर दें अध्यापिका की लगातार मनमर्जी सामने आ रही है सोशल मीडिया में आए दिन वीडियो फोटो वायरल हो रहा है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करते हैं और अध्यापिका को बचा रहे हैं
आखिर कितना बड़ा सौदा हो गया है जो अध्यापिका को लगातार शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बचा रहे हैं।

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