रीवा

Rewa news: बैकुंठपुर नगर में संचालित शासकीय महाविद्यालय का हाल बेहाल

Rewa news: बैकुंठपुर नगर में संचालित शासकीय महाविद्यालय का हाल बेहाल

 

 

 

 

 

भारी अव्यवस्था व गंदगी के बीच चल रहा बैकुंठपुर महाविद्यालय

शिक्षकों व छात्र छात्राओ को नहीं है बैठने की सही व्यवस्था

दरी में बैठकर कॉलेज कि पढ़ाई कर रहे छात्र छात्राएं

महाविद्यालय के प्राचार्य व्यवस्थाओ में नहीं दें रहे है कोई ध्यान

रीवा जिले के बैकुंठपुर कस्बे में शासकीय महाविद्यालय तो संचालित करा दिया गया है, लेकिन महाविद्यालय का हाल बेहाल है।

जी हाँ आपको बता दें कि शासकीय महाविद्यालय बैकुंठपुर जो भारी अव्यवस्था एवं गंदगी के बीच संचालित हो रहा है,
महाविद्यालय कि दुर्दशा यह है कि वो सिर्फ दो कमरों में चल रहा है, जहाँ न तो शिक्षकों को बैठने कि कोई उचित व सही व्यवस्था है, वही छात्र व छात्राओ के पठन पाठन के लिए कोई सही बैठक व्यवस्था नहीं कि गई है, छात्र छात्राएं जो दरी में बैठकर पढ़ाई करते हुए नजर आए।

बैकुंठपुर महाविद्यालय में न तो बैठक व्यवस्था है, न पानी कि व्यवस्था है, न ही टॉयलेट प्रसाधन कि कोई व्यवस्था है, भारी अव्यवस्था व गंदगी के आलम में महाविद्यालय चल रहा है।

कॉलेज के शिक्षकों व छात्र छात्राओ से जब हमने बातचीत कि तो बड़ी गंभीर समस्याएं खुलकर सामने आई,

कॉलेज के शिक्षक ने बताया कि महाविद्यालय का संचालन एक वर्षो से हो रहा है, यहां B.A./ B.SC का कोर्स कराया जाता है, महाविद्यालय में लगभग 40 से 50 छात्र व छात्राएं अध्ययन रत है, लेकिन उन्हें बड़ी असुविधाओ का सामना करना पड रहा है, बैकुंठपुर में संचालित शा. महाविद्यालय जो किराए के दो कक्षो में चल रहा है, यहां शिक्षकों कि संख्या 5 से 6 बताई गई है, जिसमे 3 पुरुष शिक्षक व 3 महिला शिक्षिकाए है, व 2 अन्य और कर्मचारी है, महाविद्यालय में कुल 8 लोगों का स्टॉफ बताया गया है,

दो कमरों में संचालित बैकुंठपुर शासकीय महाविद्यालय में नहीं है कोई व्यवस्था..?

आपको बता दें कि शासकीय महाविद्यालय बैकुंठपुर जो सिर्फ दो कमरों में संचालित है, महाविद्यालय कि कोई बिल्डिंग नहीं है, नगर परिषद बैकुंठपुर कि बिल्डिंग में किराए से संचालित बताई गई है।
जरा अंदाजा लगाईए कि जब कॉलेज खोलने के लिए कोई सही बिल्डिंग नहीं है तो व्यवस्था क्या रहेगी, यही हाल बैकुंठपुर महाविद्यालय का है, जहाँ न छात्रों के बैठने के लिए कोई सही व्यवस्था है, न शिक्षको को बैठने कि सही व्यवस्था है।
शिक्षकों ने अपनी समस्याएं बताते हुए कहा कि उन्हें बड़ी कठिनाईयों के साथ काम करना पड रहा है, महाविद्यालय के कार्य हेतू रजिस्टर कि व्यवस्था हो य अन्य स्टेशनरी य कम्प्यूटर वर्क हो सब बाहर से स्वयं के व्यय से काम चलाना पड़ रहा है, न ढंग का कार्यालय है न बैठने के लिए सही फर्नीचर है, काम चलाऊ व्यवस्था बनाकर कार्य किया जा रहा है, अभी तक शासकीय महाविद्यालय के नाम से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिसके कारण बड़ी कठिनाइयो के साथ शिक्षकों को काम करना पड़ रहा है।

बैकुंठपुर शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य नहीं दे रहे है कोई ध्यान

जी हाँ शासकीय महाविद्यालय बैकुंठपुर में दो प्राचार्य कि नियुक्ति है, जिसमे विज्ञान संकाय के प्राचार्य डॉ. अमित शुक्ला है तो वही कला संकाय में प्राचार्य डॉ. आरती सक्सेना कि नियुक्ति है, लेकिन ये महाविद्यालय में कब आते है इसकी कोई जानकारी नहीं है।

आपको बताते चले कि.. एक तरफ जहाँ केंद्र व राज्य कि सरकारे विकास के बड़े बड़े दावे करती नहीं थकती, चाँद और मंगल ग्रह में घर बनाने कि तैयारी में है, वही जमीन में ऐसे हालात देखकर आप क्या कहेँगे,
फिलहाल शासकीय महाविद्यालय बैकुंठपुर कि दुर्दशा में कब तक में होगा बदलाव, कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि जिस हालात व भारी अव्यवस्थाओ के बीच संचालित है शासकीय महाविद्यालय बैकुंठपुर उस दुर्दशा का आखिर कौन है जिम्मेदार..? यह एक सोचनीय विषय बन गया है।

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