रीवा

Rewa news, वनमाली सृजन पीठ की साहित्यिक संगोष्ठी हुई संपन्न, सृजनात्मता के लिए चिंतन जरूरी- डॉ प्रमोद जैन

Rewa news, वनमाली सृजन पीठ की साहित्यिक संगोष्ठी हुई
संपन्न, सृजनात्मता के लिए चिंतन जरूरी- डॉ प्रमोद जैन।

रीवा। कविता कहानियों से सराबोर साहित्यिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कवि,लेखक साहित्यकार डॉ प्रमोद जैन ने कहा कि वर्तमान की युवा पीढ़ी अत्यंत जागरूक है और युवा भर नहीं बल्कि हर व्यक्ति में सृजनशीलता होती है लेकिन कविता – कहानियों के लेखन के लिए जिस चिंतन और धैर्य की आवश्यकता होती है,उसकी कमी से हर व्यक्ति रचनाकार नहीं बन पाता है। संगोष्ठी में प्रसिद्ध कवियित्री डॉ वर्षा सिंह ने कविताओं तथा राष्ट्रीय स्तर की कथाकार श्रीमती सपना सिंह ने कहानी का पाठ किया।

आईसेक्ट विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय के सभागार में वनमाली सृजन पीठ के तत्वावधान में आयोजित साहित्यिक संगोष्ठी में संयोजक डॉ मुकेश येंगल ने विषय प्रवर्तन के साथ पीठ एवं विश्वरंग के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार के सम्बंध में जानकारी साझा की। वही आईसेक्ट के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण तिवारी ने राष्ट्रव्यापी आईसेक्ट , स्किल यूनिवर्सिटी, व टैगोर विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया।

संगोष्ठी में आनंदम् संगीत समूह के विवेक सिंह, इंजी अमित पिडिहा, नीलू तिवारी, विकास सोनी, कुसुम सिंह, आईसेक्ट संस्थान के दीपक पाठक, हेमा मिश्रा, राकेश द्विवेदी, अंकित गौतम, अनिल कुमार सहित रिएक्ट संस्था, राज्य आनंद संस्थान आदि के बड़ी संख्या मे सदस्य उपस्थित रहे। संगोष्ठी के समापन अवसर पर आईसेक्ट के अधिकारी प्रवीण तिवारी ने डॉ प्रमोद जैन, डॉ वर्षा सिंह, श्रीमती सपना सिंह एवं डॉ मुकेश येंगल को स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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