रीवा

Rewa news:विंध्य क्षेत्र के इकलौते शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में वित्तीय अनियमितता आई सामने।

Rewa news:विंध्य क्षेत्र के इकलौते शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में वित्तीय अनियमितता आई सामने।

 

 

 

 

रीवा-खबर विंध्य क्षेत्र से रीवा शहर के हृदय स्थल इकलौते इंजीनियरिंग महाविद्यालय से है जहां प्राध्यापकों तथा कर्मचारियों के पेंशन फण्ड में पिछले सात सालो से की जा रही वित्तीय अनियमितता सामने आई है यह अनियमितता राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग में दूसरी सबसे बड़ी वित्तीय अनियमितता है, जिसका संबंध यहां कार्यरत प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों से है अभी कुछ महीने पहले ही राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला सुर्ख़ियों में रहा है और अब उसी विश्वविद्यालय से संबद्ध रखने वाली इंजीनियरिंग महाविद्यालय में हो रही वित्तीय अनियमितता से तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए ख़तरे की घंटी है। इस महाविद्यालय में लगभग 30 की संख्या में ऐसे प्राध्यापक और कर्मचारी है जिनकी नियुक्ति 2005 के बाद हुई है और इन्हें मध्यप्रदेश शासन की अंशदाई पेंशन योजना की नई नीति का लाभ मिलता है जिस नीति के अंतर्गत उनके वेतन से दस प्रतिशत की कटौती कर चार प्रतिशत राशि शासन द्वारा मिलाकर कुल चौदह प्रतिशत की राशि इनके एकाउंट में जोड़ी जाती है। यह टोटल राशि प्राध्यापको एवम कर्मचारियों के एन पी एस एकाउंट में प्रति माह भेजने का वित्त विभाग को निर्देश है। मध्यप्रदेश शासन के कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ राशि को स्वयं निवेश करने की सुविधा भी शासन द्वारा दी गई है। परंतु इसके विपरीत महाविद्यालय द्वारा प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों की प्रति माह की कटौती और शासन द्वारा मिलाई गई राशि को प्रत्येक माह ना भेजकर तीन महीने से लेकर आठ महीनों तक कॉलेज के एक बचत एकाउंट में होल्ड करने के बाद भेजा जाता है, ऐसा लगातार पिछले सात आठ वर्षों से किया जा रहा है। अब उच्च स्तरीय जाँच के बाद ही पता चलेगा कि ऐसा वित्तीय घोटाला क्यों किया जा रहा है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बी के अग्रवाल द्वारा इस पूरे घटनाक्रम को गलत बताया गया है साथ ही उन्होंने बताया की प्राध्यापकों एवंम कर्मचारियों की शिकायत की जांच हेतु टीम गठित की गई है जो एक अक्तूबर तक जांच पूर्ण हो जाएगी।

वाइट: इंजीनियरिंग कालेज रीवा प्राचार्य डॉ बी के अग्रवाल।
वाइट: इंजीनियरिंग कालेज के प्राध्यापक एवम जांच टीम अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद तिवारी।

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