Rewa news कलेक्टर मऊगंज ने शुरू की अभिनव पहल, निराश्रित गौवंशो के लिए खुली कलेक्टर की गौशाला।

Rewa news कलेक्टर मऊगंज ने शुरू की अभिनव पहल, निराश्रित गौवंशो के लिए खुली कलेक्टर की गौशाला।

 

कलेक्टर की गौशाला” गौवंश गोद लेने का अभियान निराश्रित पशुओं को सड़को से हटाकर इन्हें व्यवस्थित करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं इस संबंध में मऊगंज जिले में कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने एक नवाचार शुरू कर दिया है।

इस अभियान का नाम “कलेक्टर की गौशाला” गौवंश गोद लेने का अभियान रखा गया है। जिसके तहत कलेक्टर निवास, मऊगंज में स्थित रिक्त भूमि पर एक अस्थायी गौशाला बनाई गई है, जिसका नाम ” कलेक्टर की गौशाला” रखा गया है।
इस गौशाला में गौवंश को अपने घर खेत खलिहान आदि में रखकर उनको आश्रय देने के इच्छुक लोग गौवंश को गोद ले जा सकेंगे। कलेक्टर की गौशाला में गौशाला की क्षमता अनुरूप लगभग 30-35 निराश्रित गौवंश लाकर रखा जाएगा गौवंश में आने वाले प्रत्येक गौवंश की टैगिंग पशु चिकित्सा विभाग द्वारा की जाएगी. गौवंश में आने वाले प्रत्येक गौवंश का विस्तृत रिकार्ड संधारित किया जाएगा, जिसके अन्तर्गत एक रजिस्टर में तथा कम्प्यूटर में प्रत्येक गौवंश के आने की तिथि, गौवंश का विवरण, गौवंश का टैगिंग क्रमांक तथा फोटो चस्पा किया जाएगा। इसी प्रकार जो व्यक्ति जिस गौवंश को गोद लेगा, उस व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नम्बर तथा फोटो भी इस रिकार्ड में संधारित किया जाएगा। इस प्रकार हर गौवंश का पूरा रिकार्ड सतत् उपलब्ध रहेगा । गौशाला से गौवंश गोद लेने वाले व्यक्ति को कलेक्टर के हस्ताक्षर युक्त एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जिसमें यह उल्लेख होगा कि संबंधित व्यक्ति द्वारा स्वेच्छा से गौवंश को गोद लिया गया है तथा इस गौवंश का पूरा पालन-पोषण तथा देखभाल संबंधित व्यक्ति द्वारा किया जाएगा तथा यह संकल्प रहेगा कि संबंधित व्यक्ति गोद लिए गए गौवंश को पुनः निराश्रित नहीं छोड़ेगा .इस प्रकार प्रतिदिन कुछ गौवंश कलेक्टर की गौशाला से गोद लिए जाएंगे तथा कुछ निराश्रित गौवंश नगरीय निकाय तथा पंचायतों आदि के द्वारा कलेक्टर की गौशाला में लाए जाएंगे। अर्थात कोई भी गौवंश कलेक्टर की गौशाला में स्थायी रूप से निवास नहीं करेगा । गोद लेने वाले व्यक्तियों का सम्मान कलेक्टर द्वारा किया जाएगा।

अभियान का लाभ :-

1. निराश्रित गौवंश लगातार गौशाला में लाए जाएंगे तथा लोगों द्वारा गोद लिए जाकर इन्हें स्थायी आश्रय दिया जाएगा। इस प्रकार सड़कों, शहरी क्षेत्रों आदि से निराश्रित पशुओं की संख्या में धीरे-धीरे कमी आएगी |

2. हर गौवंश की टैगिंग की जाएगी तथा स्थायी रिकार्ड संधारित किया जाएगा जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि गोद लिए गए गौवंश को पुनः निराश्रित नहीं छोडा गया है।
3. हर गोद लिए गए गौवंश के लिए संबंधित व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा ताकि भवष्यि में उस व्यक्ति को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

4. इस अभियान के कारण अनेक लोग अपने गौवंश को निराश्रित छोड़ने से बचेंगे ताकि उनका गौवंश कलेक्टर की गौशाला में न चला जाए।

अभियान की कार्य प्रणाली :।

1. “कलेक्टर की गौशाला” (गौवंश गोद लेने का अभियान ) अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना है।
2. समाज के सभी लोगों को यथा किसान, व्यापारी, समाज सेवी, स्वयं सेवी संगठन, छात्र/छात्राएँ, जनप्रतिनिधि गण आदि को इससे जोड़ने का प्रयास किया जाना है ।

3. अभियान के प्रचार-प्रसार के साथ लोगों से यह आग्रह किया जाएगा कि वे अपने खुद के गौवंश आदि को निराश्रित न छोड़े तथा इन्हें बांध कर रखें यदि चरने के लिए भेजना है तो किसी चरवाहे के साथ भेजें ताकि वे सड़को पर सार्वजनिक स्थानों पर
तथा खेतों आदि में घूमते हुए कोई नुकासान न करें।

अभियान का प्रथम चरण :-

प्रथम चरण में मऊगंज शहर के 5-7 किलोमीटर दूर तक के क्षेत्र के निवासियों से आग्रहकिया जाएगा कि वे स्वेच्छा से आगे आकर गौवंश को गोद ले तथा वे स्वयं अथवा उनके साथ
का कोई सहायक व्यक्ति गौवंश को उनके निवास स्थान / खेत आदि तक ले जाने का कार्य करेगा। आवश्यकता होने पर नगर परिषद अथवा पंचायतों के कर्मचारी भी ऐसे गौवंश को संबंधित
व्यक्ति के स्थान तक पहुंचाने में सहयोग करेंगे। इसमें 5-7 किलोमीटर तक की सीमा इसलिए रखी गई है क्योंकि इससे अधिक दूरी तथा गौवंश को बिना वाहन के ले जाना कठिन होगा ।

अभियान का द्वितीय चरण :-

अभियान के द्वितीय चरण में अन्य स्थानों पर भी ” कलेक्टर की गौशाला” कैम्प का आयोजन किया जाएगा जहाँ पूर्व निर्धारित स्थान पर अस्थायी बाड़ा बनाकर गौवंश रखे जाएंगे तथा निर्धारित तिथि पर लोगों को गौवंश गोद दिए जाएंगे ।

9. गोद लेने के इच्छुक लोगों की पहचान विभिन्न जनप्रतिनिधियों, शासकीय अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, धार्मिक तथा अध्यात्मिक व्यक्ति तथा संगठन, स्वयं सेवी संगठनों, पत्रकारों, स्कूल / कॉलेज आदि के माध्यम से की जाएगी तथा इनकी सूची
Scanned with OKEN S इस पूरी प्रक्रिया में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के वार्ड तथा पंचायत स्तर के कर्मचारियों
की भूमिका महत्वपूर्ण होगी यथा पटवारी, राजस्व निरीक्षक, सचिव, जीआरएस, वार्ड प्रभारी आदि ।

10. स्कूल कॉलेज आदि में छात्र / छात्राओं को शिक्षको के माध्यम से प्रतिदिन इस संबंध में अवगत कराया जाएगा तथा इन्हें निम्नानुसार प्रोत्साहित किया जाएगा

Exit mobile version