रीवा

Rewa news: सिविल अस्पताल सिरमौर में कर्मचारी के साथ हुए मारपीट मामले में BMO के द्वारा माफी नामा के बाद शांत हुआ मामला!

Rewa news: सिविल अस्पताल सिरमौर में कर्मचारी के साथ हुए मारपीट मामले में BMO के द्वारा माफी नामा के बाद शांत हुआ मामला!

 

 

 

 

 

 

 

 

सिविल अस्पताल के ड्रेसर ने अस्पताल में गुंडागर्दी से लेकर चोरी कराने तक का लगाया गंभीर आरोप,

यदि विभागीय जांच हो जाए तो कई लाखों के अमानत में खयानत व भ्र्ष्टाचार का मामला हो सकता है उजागर..?

रीवा जिले के सिरमौर सिविल अस्पताल से बड़ी ख़बर निकल आ रही है कि विगत दिनों अस्पताल कर्मचारी (ड्रेसर) से हुई मारपीट मामले में BMO द्वारा चेरऊरी विनती व माफ़ी नामा के बाद मामला शांत हो गया है,
आपको बता दें कि सिविल अस्पताल सिरमौर में पदस्थ कर्मचारी राकेश प्रजापति जो ड्रेसर है उनके साथ BMO का भतीजा जो अस्पताल में प्राइवेट गार्ड बनकर रहता है जो पूरी अस्पताल अपने दम पर चला रहा है, उसने पहले गंदी गालिया दी, जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया फिर अपने आदमियों के साथ मारपीट की, जिस घटना के बाद मामले कि शिकायत पीड़ित कर्मचारी ने BMO से कि लेकिन उन्होंने कोई रूचि नहीं ली!
इसके बाद पीड़ित कर्मचारी जो मारपीट करने वाले युवक निखिल शुक्ला के विरुद्ध थाने में रिपोर्ट करनी चाही तो उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई!
जब मामला मीडिया में आया इसके बाद पुलिस हरकत में आई और घटना क्रम के बारे में जानकारी ली!
जिसके बाद सिरमौर सिविल अस्पताल के BMO सहित अन्य कर्मचारी जो हाथ जोड़े विनती भाव करने कर्मचारी के पास गए और माफ़ी नामा कराकर मामले को शांत कर दिया!
राकेश प्रजापति के अनुसार..
बीएमओ प्रशांत शुक्ला एवम प्रमिला श्रीवास्तव के गिड़गिड़ाने माफी मांगने, काफी मान मनौवल लिखित सर्त देने, एवम ऐसे कृत्य को दोबारा न दोहराने की बात को मानकर आग को ठंडा किया गया!
ड्रेसर राकेश प्रजापति ने बताया कि सिविल अस्पताल में जितनी चोरिया, गुंडई, होती हैं सब बीएमओ के गुर्गों के द्वारा की जाती है, दूसरा कोई कैसे जानेगा की कौन सामग्री कहां कैसे है, फिलहाल सिविल अस्पताल सिरमौर में पदस्थ ड्रेसर के साथ हुए अभद्रता एवम शासकीय रिकार्ड फाड़ने का मामला अब शांत दिखाई दे रहा है,

जब सैया भए कोतवाल- तो डर काहे का
जानकारी के अनुसार सिरमौर सिविल अस्पताल में BMO जो अपने भाई/ भतीजो को नौकरी पर रखकर अस्पताल चलवा रहे है!
बीएमओ सिरमौर जो अपने शासकीय दायित्वों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं, इनकी इस तरह से चर्चा में बने रहना अब शौख बन गया है या फिर बदनसीबी कहे इस बात को तो बीएमओ ही जाने!

इनके अधीनस्थ सिरमौर क्षेत्र कि अधिकांस शासकीय अस्पताले जो दो दो तालाओं से सोभायमान होने के साथ साथ अधीनस्थ डॉक्टर निजी क्लीनिको में मुहमांगी फीस वसूलते देखे जा सकते हैं, जिस कारण कई गांवो में स्थापित उप स्वास्थ्य केंद्र जहाँ ताला लटका रहता है, डॉक्टर व कर्मचारी घर बैठे सरकारी तनख्वाह लील रहे है, जिन्हें कोई देखने सुनने वाला नहीं है,
वही सिविल अस्पताल में छोटे कर्मचारियों पर BMO व उनके भतीजों का बड़ा दवदबा हमेशा से बना हुआ है, छोटे कर्मचारियों के साथ अभद्रता करना हो या शासकीय रिकार्ड फाड़ना इनके गुर्गे ऐसे कृत्य करने से जरा भी गुरेज नहीं करते, और आये दिन इनके गुर्गे कर्मचारियों को डराने धमकाने का भी काम करते है,
सिरमौर सिविल अस्पताल में फैली आराजकता व गुंडागर्दी कब समाप्त होगी कुछ कहना जल्दबाजी ही होगी,
वही स्थानीय नागरिकों ने मीडिया के माध्यम से जिला कलेक्टर का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।

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