Maihar news:दो प्रभारी सबपे भारी,कलेक्टर दर में भर्ती कर्मचारी आज करोड़ो का है मालिक कैसे?
Maihar news:दो प्रभारी सबपे भारी,कलेक्टर दर में भर्ती कर्मचारी आज करोड़ो का है मालिक कैसे?
मैहर। देवी जी धाम में दो प्रभारी और एक नमूना की जोड़ी ने खूब पैसा कमाया अधिकारी कोई भी हो हुकूमत इनकी चलती है जैसे ये तय कर दे अधिकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इन लोगों की बात को स्वीकार कर उसे अंजाम देता।
जी हां हम बात कर रहे देवी जी धाम में शारदा प्रबंधक समिति के। दो उपयंत्री शैलेन्द्र बहादुर सिंह और चंद्रभूषण पटेल साथ ही इन्हीं का चेला नंदकिशोर पटेल ओएस इन लोगों ने पदस्थ अधिकारियों को खूब उपयोग किया और न जाने कितने अवैध कृत्य कर डाले अभी हाल में ही एक मामला सामने आया जिसमे समिति के प्रशासक ने समिति को आरटीआई के दायरे से बाहर बताते हुए जानकारी देने से मना कर दिया और कहा कि समिति कोई वित्त पोषित संस्था नहीं है शासन द्वारा कोई फंड प्राप्त नहीं होता जबकि वर्ष 2016 तक शासन का इतना पैसा आया कि जानकर आप हैरान हो जाएगा हा शासन के पैसों के इस्तेमाल की जानकारी शासन को देना पड़ता था और कभी फस न जाए इसलिए इन नमूनों ने एक अधिकारी के मदद से शासन का पैसा लेना अस्वीकार कर दिया और पैसा आना बंद हो गया जिसके पूरे प्रमाण है हमारे पास अब सूचना अधिकार में मनमानी करने पर पूर्व प्रशासक को तो 25 हजार का जुर्माना तो राज्य सूचना आयुक्त ने लगा दिया था लेकिन उसके बाद सुधार नहीं आया अब आपको बताए कि सूचना का अधिकार ये लोग इस लिए बंद कर दिया ताकि इनकी चोरी की कहानी बाहर न आ सके दुर्भाग्य तो यह हुआ कि शासन का एक जिम्मेवार अधिकारी (sdm) भी इनकी हा में हा मिलाते चले आए और कानून के विरुद्ध कार्य करने लगे शासन द्वारा प्रदान किए गए पैसों से देवी जी धाम में इन्हीं चोर उपयंत्री के निगरानी में रिटर्निंग बाल,विवेकानंद तिराहा,सुलभ शौचालय ,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य निर्माण कार्य शारदा प्रबंधक समिति ने कराया समिति द्वारा इन चोर उपयंत्री के निगरानी में जितने भी निर्माण कार्य हुआ वह सब तय मानक के विरुद्ध हुआ और सभी निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया कोई भी निर्माण कार्य इन उपयंत्री के निगरानी में हुए कोई भी सही तरीके से नहीं हुआ आप सभी हमारे साथ बने रहिए एक एक करके सारे मामले जनता के समक्ष होंगे अभी सबसे बड़ा भ्रष्टाचार इन लोगों ने स्वस्तिक बिल्डिंग में किया जिसके निर्माण से लेकर आबंटन तक सब फर्जी हुआ।