Rewa news:निलंबन से बहाल प्रभारी को पुनः सौंपा गया गोविंदगढ़ समिति का प्रभार!

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Rewa news:निलंबन से बहाल प्रभारी को पुनः सौंपा गया गोविंदगढ़ समिति का प्रभार!

 

 

 

 

 

सहकारिता सिस्टम पर भारी सहायक समित प्रबंधककार्य प्रणाली पर उठ रही अंगुलियां

रीवा । बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति गोविन्दगढ़ के निलंबित प्रभारी समिति प्रबंधक अनिल चतुर्वेदी को न सिर्फ बहाल किया गया अपितु पदस्थापना भी गोविंदगढ़ समिति में कर दी गई है। प्रभारी समिति प्रबंधक चतुर्वेदी के पावरफुल होने का नतीजा है उनकी एक माह में बहाली। श्री चतुर्वेदी को समिति में जनित अनियमितताओं के लिए 10 सितम्बर 2024 को प्रशासक विकास माठे द्वारा निलंबित किया गया था। बहाली का आदेश भी प्रशासक विकास माठे ने जारी किया है। निलंबन से बहाली का आदेश 10 अक्टूबर 24 को जारी हुआ है। निलंबन से बहाली किसी भी कर्मचारी का अधिकार है,किन्तु जानकारों की मानें तो निलंबन से बहाली के उपरांत संबंधित को उसी स्थान पर पदस्थ नहीं किया जा सकता है जहां से कर्मचारी को निलंबित किया गया था। परंतु जिस महकमे में अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ हो रही है वहां कुछ भी नामुमकिन नहीं है। अनिल चतुर्वेदी का मूलपद सहायक समिति प्रबंधक का बताया जाता है किन्तु विभागीय कृपा से उच्च पद के प्रभार की मलाई छान रहे हैं,आमतौर पर देखा गया है कि जब किसी कर्मचारी को विभाग के किसी उच्च अधिकारी का संरक्षण प्राप्त होता है तो मनमानी की पराकाष्ठा कर जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रभारी समिति प्रबंधक चतुर्वेदी के निलंबित होने पर समिति के प्रबंधकीय उत्तरदायित्व के लिये प्रशासक द्वारा विक्रेता राजेश यादव को अधिकृत कर दिया गया था। प्रशासक माठे द्वारा उक्त उत्तरदायित्व राजेश यादव से लेकर अनिल चतुर्वेदी को सौंप दिया गया है। सहायक समिति प्रबंधक चतुर्वेदी को कैडर समिति प्रबंधक पदस्थ होने या आगामी आदेश तक के लिए प्रबंधकीय उत्तरदायित्व सौंपने का आदेश 23 अक्टूबर 24 को जारी किया गया है। इस पूरे प्रकरण में समिति के प्रशासक विकास माठे ने जिस तरह से तत्परता दिखाई है, उससे उनकी भूमिका व कार्यप्रणाली को संदेह भरी नजरों से देखा जा रहा है?

भोपाल तक हो चुकी शिकायत
गौरतलब है कि सहकारी निरीक्षक विकास माठे जो गोविंदगढ़ समिति में प्रशासक नियुक्त हैं, के खिलाफ सेमरिया विधायक अभय मिश्रा पूर्व में आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल को शिकायती पत्र लिखकर उनके द्वारा की जा रही अनियमितताओं की जांच कराये जाने की मांग कर चुके हैं। विधायक द्वारा माठे पर प्रशासक पद का दुरूपयोग, वित्तीय अनियमितता करने एवं शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया गया था। सेमरिया समिति के विक्रेता मनोज विश्वकर्मा को वर्ष 2016 से 2023, 6 हजार के मान से किये गये भुगतान तथा सहायक समिति प्रबंधक चतुर्वेदी के बार-बार निलंबन और उसके बाद बहाली के खेल में प्रशासक माठे की भूमिका की ओर विधायक द्वारा जरिए शिकायत पत्र आयुक्त सहकारिता म.प्र. भोपाल का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जांच की मांग की गई है। एक माह से अधिक का वक्त गुजर गया है किन्तु अभी तक सहकारिता आयुक्त ने कोई भी एक्शन नहीं लिया है। चर्चा तो यह है कि सहायक समिति प्रबंधक चतुर्वेदी की सेटिंग विंध्यांचल भवन भोपाल तक है इसलिए हो सकता है कि विधायक के शिकायती पत्र पर कोई विचार ही न किया जाय? कहना अनुचित नहीं होगा कि सहायक समिति प्रबंधक चतुर्वेदी पूरे सहकारिता सिस्टम पर भारी हैं, जिसका लाभ प्रशासक विकास माठे को भी मिल रहा है?

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