रीवा

Rewa news दीपावली त्योहार पर मिलावट और प्रदूषण का कहर: स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट, प्रशासन की अनदेखी पर सवाल।

Rewa news दीपावली त्योहार पर मिलावट और प्रदूषण का कहर: स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट, प्रशासन की अनदेखी पर सवाल।

 

रीवा: दीपावली के त्योहार पर रीवा और मऊगंज जिलों में मिलावटी खाद्य पदार्थों और घटिया पटाखों की खूब बिक्री हुई खाद्य पदार्थों में मिलावट से एक तरफ जहां लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया तो वहीं दूसरी तरफ पटाखों से जमकर प्रदूषण फैलाया गया जो जनजीवन पर संकट फैलाने से कम नहीं बताया जाता है कि दोनों जिलों के शहर मुख्यालय से लेकर गांव गांव तक सड़क किनारे खुले में बिकने वाली मिठाइयों में मिलावटी खोवा, सूजी, आलू और मूंगफली का पाउडर धड़ल्ले से इस्तेमाल किया गया है है, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। त्योहार पर स्वास्थ्य के नाम पर की जा रही यह मिलावट, गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है, देखा गया कि कुछ दुकानों में बिना मिलावट के भी मिठाइयां बिक रही थीं तो वहीं कुछ दुकानों में उचित दाम से अतिरिक्त दाम में मिठाइयां बेची जा रही थी त्योहार के चलते ग्राहक मिलावटी खाद्य पदार्थ खरीदे जिससे आने वाले समय में उसके दुष्प्रभाव देखने के लिए मिल सकते हैं।

यह सब खाद्य विभाग की उदासीनता के चलते ही संभव हो पाया है खाद्य विभाग की निष्क्रियता से ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावटी मिठाइयों के विक्रय को बढ़ावा मिला है। बताया जाता है कि कुछ मिठाइयां तो एक महीने पहले से ही बना ली जाती हैं, जबकि विशेषज्ञों के अनुसार, मिठाई 24 घंटे के भीतर ही खाने योग्य रहती है। जनता की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि त्योहारों पर मिलावटखोरी पर कड़ा अंकुश लगाया जाए और दोषी विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि त्योहार की मिठास को स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित रखा जा सके।

वहीं दूसरी ओर, दीपावली के दौरान घटिया गुणवत्ता के पटाखों और कालाबाजारी ने प्रदूषण का स्तर और बढ़ा दिया है। प्रशासन की अनदेखी से हवा की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरण संरक्षण के सभी दावे इस पर्व पर विफल नजर आए हैं।

जनता की ओर से प्रशासन से आग्रह है कि दीपावली के दौरान बिकने वाली खाद्य सामग्रियों और पटाखों पर सख्त निगरानी रखी जाए। यह आवश्यक है कि त्योहारों की खुशियों के साथ-साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो। दीपावली सिर्फ रौशनी और उल्लास का पर्व नहीं है, बल्कि इसे सेहत और स्वच्छता के साथ मनाना ही इसकी असली भावना को जीवित रखेगा।

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