Satna news:15वें वित्त आयोग के अनुदान में बड़ा फर्जीवाड़ा इस तरह होता है खेल।
Satna news:15वें वित्त आयोग के अनुदान में बड़ा फर्जीवाड़ा इस तरह होता है खेल।
नियमों की अनदेखी और सरकारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना
फंड लो के खेल को इस तरह से समझा जा सकता है। किसी पंचायत में 15वें वित्त का अगर 10 लाख रुपए है तो इसमें से 6 लाख रुपए टाइड फंड के काम में तथा 4 लाख रुपए अनटाइड फंड के काम में लगाया जा सकता है। गड़बड़झाला करने वाली पंचायतों ने इस नियम के तहत पहले टाइड फंड का मूल काम 3 लाख का जो किया उसकी राशि ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से निकाला। इसके बाद सप्लीमेंट्री कार्ययोजना बना कर उसमें अनटाइड फंड के काम भी शामिल कर लिए। इन कामों के तहत पंचायत में अनटाइड मद के 6 लाख के काम करवा लिए। जबकि उनके पास इसके लिए 4 लाख ही है। लिहाजा 2 लाख रुपए की भरपाई करने के लिए टाइड फंड में बचे 3 लाख रुपए में से 2 लाख रुपए को पंचायत दर्पण पोर्टल में ट्रांसफर करके यहां से राशि आहरित कर ली। इससे ग्राम स्वराज पोर्टल में टाइड फंड की राशि शेष दिखती रही और पंचायतें अनियमितता से बची दिखती रही।
सतना. जिले में 15वें वित्त आयोग के अनुदान के उपयोग में बड़ा खेल हुआ है। कई पंचायतों ने इस फंड का नियम विरुद्ध तरीके से इस्तेमाल करते हुए उसे 14वें वित्त के तहत खर्च कर दिया है। इस गड़बड़ी के लिए पंचायतों ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का सही उपयोग न करके राशि को अन्य पोर्टलों के माध्यम से खर्च किया।
राज्य सरकार ने 15वें वित्त की राशि के लिए स्पष्ट नियम बनाए हैं, जिसके तहत कार्ययोजना बनाकर टाइड फंड में 60% और अनटाइड फंड में 40% राशि खर्च करनी होती है। टाइड फंड में पेयजल, स्वच्छता और जल संरक्षण जैसे कार्य शामिल हैं, जबकि अनटाइड फंड में गौशाला, सड़क और पुल निर्माण के काम होते हैं। पंचायतों ने टाइड फंड की राशि को पंचायत दर्पण पोर्टल में ट्रांसफर करके अन्य कार्यों में खर्च किया, जिससे ई-स्वरोजगार पोर्टल पर राशि शेष दिखती रही, जबकि वास्तव में वह खर्च हो चुकी थी। इस तरह के फर्जीवाड़े रामपुर बाघेलान जनपद की ग्राम पंचायतों में भी देखने को मिले हैं, जहां रघुनाथपुर, हिनौती, सोहावल, हाटी, तिहाई और अन्य पंचायतों ने नियमों की अनदेखी की है। जानकारों का मानना है कि ऐसे खेल कई अन्य पंचायतों में भी हो रहे हैं।
हम इसकी जांच करवा रहे हैं। जल्द ही जांच पूरी होने परवास्तविक व्यय की जानकारी पंचायत राज संचालनालय को भेजेंगे। साथ ही दोषियों पर कार्रवाई भी की जाएगी। – संजना जैन, जिपं सीईओ
नुकसान यह हो रहा
इस फर्जीवाड़े से नुकसान यह हो रहा कि टाइड फंड में राशि बची दिखने से भारत सरकार आगे की राशि जारी नहीं करती है। अब इस मामले को राज्य शासन स्तर पर गंभीरता से लिया गया है। जिला स्तर पर टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही वास्तविक आय-व्यय की जानकारी चाही गई है।