Maihar news:अल्ट्राटेक के विरुद्ध अब क्षेत्र का युवा लड़ेगा लड़ाई!
Maihar news:अल्ट्राटेक के विरुद्ध अब क्षेत्र का युवा लड़ेगा लड़ाई!
जिला ब्यूरो डॉ.राजकुमार गौतम
मैहर ।क्षेत्र में स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री के प्रबंधन के खिलाफ क्षेत्रीय युवाओं और प्रभावित ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। भदनपुर, सरलानगर, पटेहरा, पिपरा और देवरी पंचायतों के सैकड़ों युवाओं ने एक बार फिर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने का फैसला किया है। इनका आरोप है कि अल्ट्राटेक प्रबंधन की नीतियां जनविरोधी और शोषणकारी हैं।
क्षेत्रीय युवाओं का आक्रोश और आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि अल्ट्राटेक प्रबंधन की कार्यशैली किसी उपनिवेशवादी नीति से कम नहीं है। उन्होंने इसे अंग्रेजों की व्यापारिक नीतियों से तुलना करते हुए कहा कि यह उद्योग भी स्थानीय संसाधनों और श्रम का शोषण कर मुनाफा कमा रहा है, लेकिन बदले में क्षेत्र को कुछ नहीं दे रहा। उनका कहना है कि जैसे अंग्रेजों ने जयचंदों के सहयोग से देश पर कब्जा जमाया था, वैसे ही अब कुछ स्थानीय लोग और अधिकारी इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था का समर्थन कर रहे हैं।
ज्ञापन सौंपने के प्रयासों की अनदेखी
ग्रामीणों ने तीन साल पहले अल्ट्राटेक प्रबंधन को ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। इसके बाद करीब एक साल बाद मैहर के एसडीएम को भी ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आरटीआई में मांगी गई जानकारी में निवर्तमान एसडीएम यह बताने में असमर्थ रहे कि इन ज्ञापनों पर क्या पहल की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन के कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने खुलकर अल्ट्राटेक का पक्ष लिया है।
मुख्य मांगे और समस्याएं
1. पर्यावरण प्रदूषण: फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं और कचरे से गांवों में प्रदूषण बढ़ रहा है।
2. स्थानीय रोजगार का अभाव: फैक्ट्री प्रबंधन बाहरी लोगों को रोजगार दे रहा है, जबकि क्षेत्रीय युवाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
3. किसानो को मुआवजा: प्रभावित किसानों की मांगों पर अमल किया जाए।
4. सामाजिक उत्तरदायित्व की अनदेखी: फैक्ट्री ने सीएसआर गतिविधियों के तहत क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किया।
जिला कलेक्टर को सौंपा जाएगा ज्ञापन
युवाओं ने घोषणा की है कि अब वे सीधे जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे और अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस बार भी उनकी मांगों की अनदेखी की गई, तो वे सोशल मीडिया के माध्यम से जन जागरण अभियान चलाएंगे और आंदोलन को व्यापक रूप देंगे।
उद्योग के लोग देते है धमकी
ग्रामीणों का आरोप है कि किसानों को उद्योग के लोग सीधे धमकी देते है यहां तक पूरे तंत्र राजनेता और अधिकारियों को जेब में रखने की बात कहते है!
संघर्ष का संदेश
ग्रामीणों का कहना है कि यह संघर्ष केवल अल्ट्राटेक के खिलाफ नहीं है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई है। उनका मानना है कि यदि अब भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो क्षेत्रीय स्तर पर एक क्रांति का बिगुल बजाया जाएगा।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और अल्ट्राटेक प्रबंधन इन आरोपों और ज्ञापन पर क्या कदम उठाते हैं, और क्या क्षेत्रीय युवाओं की मांगें पूरी होती हैं या नहीं।