Rewa news:जिले में 20 गौशालाओं का रुका निर्माण, टारगेट पूरा करने के निर्देश!
6 साल से गौशालाओं का निर्माण, सड़कों पर आराम फरमा रहे मवेशी
रीवा. जिले में आवारा मवेशियों की बढ़ती संख्या के बीच इन्हें संरक्षित करने के लिए बनाए जा रहे गौशालाओं का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। बीते छह वर्षों से जिलेभर में गौशालाओं का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर से जिलेभर में खेत और सड़कों पर बड़ी संख्या में आवारा मवेशियों का डेरा है।
खेत में जहां फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सड़कों पर दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण भी बनते जा रहे हैं। लगातार गांवों में जरूरत के हिसाब से गौशालाओं का निर्माण कराए जाने के लिए उच्च स्तर से अधिकारी निर्देश जारी कर रहे हैं। गत दिवस प्रमुख सचिव ने प्रदेशभर के गौशालाओं के निर्माण की समीक्षा के दौरान रीवा-मऊगंज जिले के कार्यों पर नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि जितने भी अधूरे कार्य हैं उन्हें जल्द पूरा किया जाए।
मनरेगा योजना के तहत गांवों में गौशाला निर्माण की प्रक्रिया अब से छह वर्ष पहले प्रारंभ हुई थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में इसे शामिल किया था। पहले चरण में 202 गौशालाओं की स्वीकृति जिले में मिली थी। उस दौरान दावा था कि 800 से अधिक पंचायतों में यह निर्माण कराया जाएगा ताकि हर पंचायत में गौशाला स्थापित हो और वहां आवारा मवेशियों को संरक्षित किया जा सके। सरकार कुछ महीने के बाद बदलते ही यह योजना उदासीनता का शिकार हो गई और लंबे समय तक निर्माण की गति पंचायतों में ठप रही। अब फिर से इस कार्य में तेजी लाई गई है।
चरणबद्ध तरीके से होगा विकसित
सीईओ ने अधूरे कार्य पूरे करने के दिए निर्देश
जिले में गौशाला की ऐसी है प्रगति
जनपद स्वीकृत पूर्ण
गंगेव 13 11
जवा 31 28
रायपुर कर्चुलियान 14 13
रीवा 10 09
सिरमौर 31 31
त्योंथर 19 16
हनुमना 38 35
मऊगंज 32 38
नईगढ़ी 14 11
इन स्थानों पर अधूरे हैं कार्य
रीवा जिले में 118 और मऊगंज जिले में 84 गौशालाओं की स्वीकृति है। जहां कई जगहों पर निर्माण कार्य पूरे हुए हैं लेकिन इसमें 20 ऐसे स्थान हैं जहां पर निर्माण कार्य भूमि या अन्य विवादों की वजह से शुुरू ही नहीं हो पाए हैं या फिर अधूरे में निर्माण रोक दिया गया है। जिसमें गंगेव जनपद क्षेत्र में दो, जवा में तीन, रायपुर कर्चुलियान में एक, रीवा में एक, त्योंथर में तीन स्थानों पर निर्माण अधूरा है। सिरमौर जनपद क्षेत्र ही ऐसा रहा है जिसने अपने टारगेट को पूरा किया है। हनुमना में3, मऊगंज में चार और नईगढ़ी में भी तीन स्थानों पर निर्माण अधूरे हैं।
पशु गणना की प्रक्रिया हुई प्रारंभ
पशुओं की गणना का कार्य पांच वर्ष के अंतराल में होता है। इस बार भी तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। पशुपालन और डेयरी विभाग के संयुक्त संचालक डॉ राजेश मिश्रा के मुताबिक शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पशु गणना होगी। रीवा जिले में 147 गणना करने वाले कर्मचारियों, 29 सुपरवाइजर्स को तैनात किया गया है। इसी तरह मऊगंज जिले में 52 कर्मचारी, 10 सुपरवाइजर्स गणना का कार्य पूरा कराएंगे।
भ्रष्टाचार के दाग भी अफसरों पर लगे
रीवा जिले में गौशाला निर्माण विवादों में भी रहा है। इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए हैं। जिसमें तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखेड़े पर आरोप था कि उन्होंने अपने करीबियों को गौशाला निर्माण कराने का ठेका दिलवाया था और बिना निर्माण के ही राशि भी आहरित हो गई थी। कई पंचायतों के सरंपच-सचिवों ने भी शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें किसी तरह की जानकारी गौशाला निर्माण की नहीं है। यहां पर किस एजेंसी द्वारा निर्माण कराया जा रहा है इसकी भी जानकारी नहीं है। विवाद बढ़ा तब तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने भी आरोपों की जांच कराई और बाद में आरोप लगाने वाले सरपंचों ने निर्माण कराने की सहमति दी और कहा कि उनकी सहमति पर ही गौशाला निर्माण हो रहा है। बिना निर्माण के ही जो कार्य अधूरे छोड़े गए थे उसमें कई पूरे भी कराए गए।
बसामन मामा के बाद हिनौती में गौ अभयारण्य बनाया जा रहा है। इसके लिए पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव को सरकार ने अस्वीकार कर दिया है और कहा है कि प्रदेश के दूसरे हिस्से में पहले के स्वीकृत कार्य जब तक पूरे नहीं हो जाएंगे तब तक किसी भी नए प्रोजेक्ट को स्वीकृति नहीं मिलेगी। बड़े गौ अभयारण्य का प्रस्ताव वापस होने के बाद कलेक्टर ने कहा है कि इसे मनरेगा एवं अन्य मदों की राशि से चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। शुरुआती दौर में 75 लाख रुपए के कार्य प्रारंभ किए गए हैं। जबकि पांच से छह करोड़ के बीच राशि खर्च होगी।
जिला पंचायत सीईओ सपना त्रिपाठी ने कहा है कि अधिकांश गौशालाएं जो पहले से स्वीकृत हैं उनका निर्माण पूरा हो चुका है। अब कुछ ही स्थानों पर निर्माण अधूरे हैं, जिन्हें जल्द ही पूरा कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। कुछ स्थानों पर तकनीकी तौर पर अड़चनें थी अब उन्हें भी पूरा कर लिया गया है। सीईओ ने कहा कि कुछ दिन पहले ही जिले भर के अधिकारियों के साथ गौशाला निर्माण की समीक्षा हुई थी, जिनसे जल्द पूरा कराते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।