Rewa MP: 530 वर्षों से क्योंटी में लगता है 4 दिनों तक मकरसंक्रांति पर ऐतिहासिक मेला लाखों लोग होते हैं शामिल।।

Rewa MP: 530 वर्षों से क्योंटी में लगता है 4 दिनों तक मकरसंक्रांति का ऐतिहासिक मेला लाखों लोग मेले का उठाते हैं आनंद।

मकर संक्रांति पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है इस त्यौहार में लगने वाली मेले का अपना एक अलग महत्व है हम आज इसी मेल से जुड़ी एक ऐसी जानकारी सजा कर रहे हैं जो सदियों से परंपरा बनी हुई है और लोग अभी तक उसे आधुनिक युग में भी निभा रहे हैं यह स्थान मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थित है जहां जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर पर्यटक और धार्मिक स्थल क्योटी जलप्रपात है यह जलप्रपात भारत देश का 24 वा सबसे ऊंचा झरना वाला जलप्रपात है इस जलप्रपात से कई पौराणिक और ऐतिहासिक मान्यताएं जुड़ी हैं इन्हीं में से एक मान्यता क्योटी जलप्रपात में लगने वाले मेले को लेकर है यहां पर प्रतिवर्ष 14 जनवरी से 18 जनवरी तक बृहद मेले का आयोजन किया जाता है इस मेले में दूर दराज से व्यापारी आते हैं और अपनी दुकान सजाते हैं इस मेले में प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं और मेले का आनंद लेते हैं।

530 वर्षों से आयोजित हो रहा है मेला।

प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटक और धार्मिक स्थलों में से एक क्योटी जलप्रपात में मकर संक्रांति के अवसर पर प्रतिवर्ष 14 जनवरी से 18 जनवरी तक बृहद मेले का आयोजन किया जाता है प्रशासनिक आंकड़े के अनुसार यहां लगभग तीन से चार लाख लोग इस मेले में सम्मिलित होते हैं जहां महिलाएं पुरुष युवा मेले का आनंद उठाते हैं क्योटी मेला में रीवा जिले के अलावा भी दूसरे जिलों से भी व्यापारी आते हैं और अपनी दुकान सजाते हैं मेले में झरने का खुशनुमा दृश्य के साथ ही प्राचीनतम मंदिर और किला है यहां मुख्य आकर्षण का केंद्र रहता है बताया जाता है कि सन 1495 में राजा नागवन देव जब किले में आए तब से मेले का आयोजन किया जाने लगा और अब तक पारंपरिक तौर पर मेला आयोजित होता है।

मेले का मुख्य आकर्षण।

क्योटी मेला पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तो है ही यहां पर मेले में मिलने वाली वस्तुएं काफी दुर्लभ मानी जाती हैं हालांकि आधुनिक युग में प्लास्टिक और धातुओं से निर्मित वस्तुओं का प्रचलन काफी हो गया है इसके बावजूद भी देहात में बनाए जाने वाले बर्तन ऑन और दैनिक उपयोग की वस्तुओं में बांस के बर्तन भेड़ के बाल वाले गरम कंबल, महिलाओं के श्रंगार की सामग्री कपड़े, पूजा पाठ की सामग्री सहित अन्य हस्त शिल्प वाली वस्तुएं मिलती है मकर संक्रांति के अवसर पर लाई और तिल का लड्डू गन्ना बच्चों के लिए खिलौने कृषि कार्य एवं अन्य दैनिक उपयोग की दुर्लभ वस्तुएं यहां मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र होती हैं।

पुलिस का रहता है मेले में पहरा।

क्योटी जलप्रपात में आयोजित होने वाले मकर संक्रांति के ऐतिहासिक मेला की व्यवस्था में स्थानीय राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन द्वारा मेले की व्यवस्था में पर्याप्त निगरानी की जाती है आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारियों सहित कई थाना प्रभारी और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाता है मेला शुरू होने से पहले ही पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों जनपद पंचायत के सीईओ और स्थानीय ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव की निगरानी में सभी तैयारियां की जाती है और 18 जनवरी को मेला उठने के बाद तक पुलिस तैनात रहती है।

इनकी रही मौजूदगी।

एसडीओपी पुलिस सिरमौर उमेश प्रजापति एवं मनगवां ओम प्रकाश IPS, थाना प्रभारी गढ़ अवनीश पांडेय, थाना प्रभारी सिरमौर जेपी पटेल, थाना प्रभारी बैकुंठपुर विजय सिंह बघेल, सगरा थाना प्रभारी अंकिता मिश्रा, सेमरिया थाना श्रृंगेश सिंह राजपूत, चौकी प्रभारी लालगांव आरबी सिंह सहित सभी थाना की पुलिस टीम और रीवा जिला मुख्यालय से भेजी गई स्पेशल पुलिस टीम तैनात रही इसके साथ ही राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा जनपद पंचायत गंगेव के अधिकारी कर्मचारी स्थानीय सरपंच एवं सचिव की मेले में मौजूदगी रही।

इनका कहना है।

मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाले क्योटी मेले में हजारों लोग मेला करने आते हैं व्यापारियों और आमजनों की सुरक्षा व्यवस्था में चाक चौबंद व्यवस्था पुलिस द्वारा की गई है अप्रिय घटनाओं को रोकने हमारी पुलिस टीम मेला परिसर के चप्पे-चप्पे में तैनात रहती है जिससे की मेले में आने वाली महिलाओं सहित उनके परिवार के लोगों बच्चों को मेले का भरपूर आनंद बिना डर-भय ले सकें, मेला अभी 18 जनवरी तक चलेगा मेला उठने तक पुलिस की तैनाती आवश्यकता अनुसार जारी रहेगी।

उमेश प्रजापति
एसडीओपी पुलिस सिरमौर

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