Rewa MP: प्रशासन तंत्र को चकमा देकर रीवा और मऊगंज जिले में बड़े पैमाने हुआ धान खरीदी घोटाला, देखिए पूरी खबर।

Rewa MP: प्रशासन तंत्र को चकमा देकर रीवा और मऊगंज जिले में बड़े पैमाने हुआ धान खरीदी घोटाला, देखिए पूरी खबर।
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रीवा और मऊगंज जिले में धान खरीदी अंतिम चरण में चल रही है खरीदी केंद्रों में एक तरफ जहां अनियमितता के आरोप लगते रहे तो वहीं दूसरी तरफ खरीदी केदो में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन तंत्र लगातार संघर्ष करता नजर आया दोनों जिलों में लगभग अधिकांस वेयरहाउस राजनेताओं और प्रभावशाली लोगों के हैं ऐसे में धान की खरीदी में की जा रही अनियमिताओं पर अंकुश लगाना सहज नहीं है इस खबर के साथ हम जो वीडियो दिखा रहे हैं वह मऊंगंज कलेक्ट्रेट से महज 50 मीटर की दूरी पर कौशल गुप्ता के घर से 300 बोरी खाखरा एवं बालू मिट्टी मिलाई हुई धान तहसीलदार मऊगंज द्वारा पकड़ी गई है कितने ताज्जुब की बात है कि व्यापारी द्वारा बेखौफ होकर रात दस बजे से पूरी रात मिलावट का काम किया जा रहा था और किसी अधिकारी कर्मचारी को इसकी भनक नहीं लगी या फिर मिलीभगत थी कुछ भी कहा जा सकता है।
इस मिलावटखोरी का विराट वसुंधरा समाचार पत्र के ब्यूरो और अन्य पत्रकारों ने बिना डर भय स्टिंग ऑपरेशन किया और इस घटना से प्रशासन को अवगत कराया तब बीते दिन तहसीलदार ने छापामार कार्यवाही करते हुए खाखरा वाली धान लगभग 300 बोरी जप्त कर पंचनामा बनाया, खाखरा में मिट्टी बालू मिलकर बजन बढ़ाया जाता है बताया जाता है कि व्यवसाई कौशल गुप्ता एवं के पी गुप्ता दोनों बाप बेटे बड़े शातिर है, इनका कनेक्शन कई समितियों एवं अधिकारियों से है जहां पर खाखरा वाली धान में मिट्टी बालू मिलाकर कई सालों से यह गोरख धंधा किया जा रहा है इनकी धान सप्लाई रीवा जिले के मनगवां त्योंथर क्षेत्र सहित अन्य जगहों पर की जाती है इसके लिए दलाल भी लगाए गए हैं।
ज्ञात हो कि ओपन खरीदी केदो में लूज धान पाला प्रभावित के नाम पर काफी खेल किया गया है खरीदी से अतिरिक्त स्टॉक बढ़ गए हैं और अब गोदामों में डंप किया जा रहा है बोरियों में किसान कोड 50% से अधिक अंकित नहीं है विचलियों द्वारा समिति प्रबंधकों स्थानीय अधिकृत जांच टीम और सर्वेयरों से मिलीभगत करके खरीदी में पूरा खेल करते हैं खरीदी केंद्रों में शाम के बाद देर रात तक व्यापारियों की धान खरीदी होने के आरोप है जबकि स्थानीय राजस्व विभाग की टीम सहकारिता विभाग खाद्य विभाग की टीम की निगरानी रहती है।
देखा जाए तो खरीदी केंद्रों में हो रही अनियमितता पर लगाम लगाने संबंधित विभाग पूरी तरह नाकाम रहा है कई जगह स्वयं रीवा और मऊगंज जिले के कलेक्टर ने कार्यवाही भी की है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार व्यापारियों और दलालों द्वारा खरीदी केंद्रों के प्रभारियों और समिति प्रबंधकों की मिली भगत से शासन को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं।