Rewa news:काम नहीं आई जागरूकता सालभर में 1369 सड़क हादसे, 379 ने गंवाई जान!

Rewa news:काम नहीं आई जागरूकता सालभर में 1369 सड़क हादसे, 379 ने गंवाई जान!

 

 

 

 

 

ये रहे हादसे के कारण

सड़कों पर रफ्तार की वजह से सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। तेज रफ्तार सड़कों पर दौड़ते वाहन अचानक बेकाबू होकर दूसरे के लिए काल बन जाते हैं।

हाइवे पर चलने वाले ज्यादातर वाहन चालक पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं। समय पर माल पहुंचाने के लिए वे रात भर ट्रक चलाते हैं और अचानक झपकी की वजह से वे हादसे का शिकार हो जाते हैं।

हाइवे पर नशाखोरी करने के बाद वाहन चलाने वालों की वजह से भी हादसे होते हैं। कुंभ के चलते पुलिस ने नशाखोरी करने वालों की जांच की तो प्रतिदिन पांच से छह वाहन चालक नशे में मिले।

सड़क पर नो-पार्किंग में वाहन खड़ा करना और यातायात नियमों की अनदेखी भी हादसे का कारण बनते हैं।

हाइवे पर घूमने वाले आवारा जानवर हादसे का प्रमुख कारण बनकर सामने आए हैं। कुछ दिन पूर्व मऊगंज में मवेशी को बचाने अचानक ट्रक चालक ने वाहन रोक दिया तो पीछे से कार आकर घुस गई जिसमें एक महिला की मौत हो गई।

 

 

 

 

 

रीवा. सड़क हादसों को कम करने के लिए शासन स्तर पर जागरूकता के कई अभियान चलाए गए, लेकिन उनका ज्यादा असर सामने नहीं आया है। गत वर्ष 2024 में सड़क हादसों में वृद्धि हुई है। कई जिंदगियां काल के गाल में समा गईं। इनमें बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है जो अब हादसे का दर्द झेलेंगे।

 

 

 

 

 

2022 में 1231 सड़क दुर्घटनाएं हुईं थीं, जिसमें 354 की मौत हुई थी। 27 गंभीर रूप से घायल हुए थे। 2023 में सड़क हादसों की संख्या तो बढ़ी लेकिन मृतकों की संख्या में कमी आई। 1248 सड़क हादसों में 349 लोगों की मौत हुई, जबकि 30 गंभीर रूप से घायल हुए। 2024 में हादसों की संख्या में दोनों साल की अपेक्षा वृद्धि हुई है। 1369 सड़क हादसे सालभर में हुए जिसमें 379 लोगों की मौत हो गई जबकि 48 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सड़क हादसों में सबसे ज्यादा रफ्तार ने लोगों की जिंदगियां छीनी है। अन्य मार्गों की अपेक्षा हाइवे पर सर्वाधिक सड़क हादसे हुए हैं।

 

 

 

 

 

जीवनभर भुगतेंगे दर्द

इन सड़क हादसों में घायल 48 ऐसे लोग हैं जिनको अब जीवनभर दर्द भुगतना पड़ेगा। हादसे ने इनको अपाहिज बना दिया। हादसे में किसी का अंग भंग हो गया तो कोई महीनों से कोमा में रहा। गंभीर रूप से घायल लोग अभी भी हादसे के दर्द से उबर नहीं पाए हैं।

 

 

 

 

सड़क हादसों में हर साल कई लोग काल के गाल में समा जाते हैं। हादसों को कम करने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। लोगों को नियमों का पालन करने की समझाईश दी जाती है। हादसों के कारणों का पता लगाकर उनको रोकने का प्रयास किया जाएगा।

अनिल सोनकर, एएसपी रीवा

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