Rewa MP मऊगंज जिले में कथित मूसा गैंग से कानून के रखवाले को खतरा।

Mauganj news:थाना प्रभारी को जान का खतरा मऊगंज थाने में घंटों चला था हंगामा, शराब पी कर घुसे थे 50 से ज्यादा लोग!

 

 

 

 

 

 

सीसीटीवी कैमरे में कैद सच, फिर पता करने में लग रहा समय

थाने में घुसकर दबंगों ने पुलिसकर्मियों को धमकाया, थाना प्रभारी से अभद्रता; टीआइ ने रोजनामचे में दर्ज की रिपोर्ट, 4 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं।

मध्य प्रदेश के नवगठित मऊगंज जिले के विकास से अधिक वहां होने वाले हंगामों और राजनीतिक रसूख को लेकर अधिक चर्चा होती है महादेवन मंदिर की घटना हो या फिर लौर थाना क्षेत्र का लव जिहाद मामला य फिर आए दिन शराब कारोबारियों से जुड़ी अपराधिक घटनाएं हो मऊगंज जिला ऐसी घटनाओं को लेकर काफी चर्चाओं में रहा है अब एक और मामला सामने आया है जिसमें कथित रूप से मूसा गैंग सक्रिय होने की बात कही जा रही है हालांकि यह मूसा गैंग पंजाब से तालुकात रखती है इसका कोई प्रमाण नहीं है हमारे सूत्र बताते हैं कि मऊगंज थाना प्रभारी द्वारा कथित मूसा गैंग से अपनी जान का खतरा होना बताया गया है और एफआईआर में मूसा गैंग का जिक्र किया गया है ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अब कानून के रखवाले भी सुरक्षित नहीं है मऊगंज जिले में जिस तरह से कानून व्यवस्था पर राजनीति हावी हो चुकी है ऐसे में उम्मीद भी क्या की जा सकती है।

मऊगंज . अपने थाने में जब पुलिस खुद सुरक्षित न हो तो वह दूसरे की सुरक्षा क्या करेगी। मऊगंज थाना में घटी घटना कुछ ऐसा ही संकेत दे रही है। दबंगों ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों को धमकाया और थाना प्रभारी अभद्रता की। हालत यह रही कि थाना प्रभारी को रोजनामचा में शिकायत दर्ज करनी पड़ी। चार दिन बाद भी अधिकारी अपनी पुलिस को न्याय नहीं दिला पाए।

 

 

 

 

 

दरअसल, मऊगंज थाना में करीब 50 से 60 की संख्या में लोग रात में शराब का सेवन कर पहुंच गए। मारपीट के एक मामले को लेकर उक्त लोगों ने थाने में जमकर हंगामा किया। विपु त्रिपाठी, अशोक चौरसिया, आशुतोष तिवारी, लल्लू पाण्डेय, संतोष तिवारी सहित अन्य ने हंगामे के साथ ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को धमकियां दी। हद तो तब हो गई जब थाना प्रभारी के कक्ष में घुसकर उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किया। गाली-गलौज की। आरोपी घंटों थाने में हंगामा मचाते रहे और पुलिस लाचार बनकर बैठी। थाना प्रभारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी तो एएसपी पहुंचे और थाने में अतिरिक्त बल भेजने के बजाय मामले को रफादफा कर दिया। हालांकि इस बीच थाना प्रभारी ने रोजनामचा में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट भी डाली, जिसमें उन्होंने आरोपियों से जान का खतरा बताया। अब एसपी ने पूरे मामले की जांच एएसपी अनुराग पाण्डेय को सौंपी है। वे चार दिनों से जांच कर रहे हैं। पुलिस अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है।

 

एएसपी को दी जानकारी, आरोपियों तक कैसे पहुंची बात

घटना के बाद थाना प्रभारी ने एएसपी को फोन पर जानकारी दी कि विपु त्रिपाठी द्वारा फोन पर थाना प्रभारी के साथ गाली-गलौज की गई है। यह बात आरोपियों तक पहुंच गई और उसके बाद आरोपियों ने थाने में आकर हंगामा किया। हैरानी की बात यह कि एएसपी को दी जानकारी आरोपियों तक कैसे पहुंच गई। इस पूरे मामले की जांच भी एएसपी द्वारा ही की जा रही है।

मनीष सोनी निवासी रघुनाथगंज के साथ चाक मोड़ पर ईशू सोंधिया सहित अन्य लोगों ने मारपीट की थी। इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई। पुलिस ने पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया। पीड़ित की ओर से कुछ लोग एक बगिया में चले गए, जहां पर आरोपी काम करता था। उस बगिया में कई लोग बैठकर शराबखोरी कर रहे थे, जिन्हें देखकर वे भड़क गए। पीड़ित युवक वहां से भाग आए और वहीं से विपु त्रिपाठी ने थाना प्रभारी को फोन लगाकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। बाद में जब उक्त लोगों ने थाने में हंगामा किया तो पीड़ित पक्ष थाने से भाग गया और आरोपी की शिकायत पर फरियादी पर ही मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया।

 

 

 

 

 

 

थाने में हुए बवाल की जांच भी संदेह के दायरे में है। थाने में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है, लेकिन इस कैमरे को चेक कर सत्यता का पता लगाने में पुलिस अधिकारियों को चार दिन से ज्यादा का समय लग गया। सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना रिकार्ड है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।

 

 

 

 

 

 

मऊगंज थाने का एक मामला आया था। कुछ लोगों ने थाने में आकर हंगामा किया था। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

साकेत प्रकाश पाण्डेय, डीआईजी रीवा

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