Rewa MP: महाकुंभ मेले में भीड़ के चलते रीवा में रोके गए हजारों वाहन चाकघाट बॉर्डर से प्रति एक घंटे में निकल रहे 12 सौ से अधिक वाहन।
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में जाने वालों की अभी भी कतार लगी हुई है मेला स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने के कारण सुबह 10 बजे से 10:45 बजे तक रीवा जिले के गंगेव, गढ़ के कलवारी मोड़ , सोहागी और चाकघाट में वाहनों को रोक दिया गया था करीब 45 मिनट तक श्रद्धालुओं को रीवा जिले के अलग-अलग जगह बनाए गए पॉइंट पर रोका गया और उन्हें भोजन पानी सहित अन्य सुविधाएं दी गई इसके बाद जब सिग्नल मिला तब वाहनों को रवाना किया गया भारी भीड़ और जाम की स्थिति में गंगेव में यात्रियों को परेशान भी होना पड़ा भोजन पानी की व्यवस्था थी जरूर लेकिन भीड़ उम्मीद से ज्यादा अधिक जुड़ गई थी।
बताया जाता है कि आज दिनांक 8/ 2/ 2025 को एकादशी पर्व पर भीड़ अधिक होने के कारण सुबह 9:00 बजे प्रयागराज प्रशासन से मध्य प्रदेश रीवा प्रशासन को सूचना दी गई कि भीड़ को अभी कुछ देर तक रोक कर रखा जाए क्योंकि प्रयागराज में सभी पार्किंग स्थल खचाखच भरे हुए थे और मेला परिसर में काफी भीड़ हो गई थी।
इन राज्यों का रीवा के रास्ते प्रयागराज जा रहे श्रद्धालु।
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्राप्त सूचना पर रीवा जिले में गंगेव, कलवारी, और चाकघाट में बनाए गए प्वाइंट पर सभी वाहनों को रोक दिया गया इस दौरान तीर्थयात्रियों को भोजन पानी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई लगभग 45 मिनट बाद एक एक कर वाहनों को रवाना किया गया हालांकि यह माना जा रहा था कि मौनी अमावस्या के बाद भीड़ का दवाब कम हो जाएगा लेकिन ऐसा होता अभी दिखाई नहीं दे रहा मध्यप्रदेश के रीवा जिले से लगभग आधा दर्जन से अधिक जिसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात , तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, जैसे राज्यों से श्रद्धालुओं का भारी संख्या मे आना-जाना लगा हुआ है।
144 साल में अमृत स्थान।
ऐसा महाकुंभ का आयोजन 12 पूर्ण कुंभ के बाद हर 144 साल में प्रयागराज में महाकुंभ लगता है जिसे कुंभ मेले का सबसे पवित्र और महत्त्वपूर्ण रूप माना जाता है इसका प्रचार प्रसार काफी हुआ और महाकुंभ में पवित्र अमृत स्नान करने के लिए देश और विदेशों से श्रद्धालुओं का प्रयागराज आना जारी है जहां गंगा मैया की रेती सनातन धर्म और आस्था में डूब गई है चार हजार हेक्टेयर में बसाया गया महाकुंभ नगर दिव्यता और भव्यता का प्रदर्शन कर रहा है।