Rewa news:फसलों पर बोल रहे धावा, गौशालाएं हुईं अनुपयोगी,आवारा मवेशियों के आतंक से जिलेभर के अन्नदाता परेशान प्रशासन बेपरवाह!
रीवा. रबी के सीजन में जिलेभर के किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। जिलेेभर के किसान आवारा मवेशियों की आतंक से परेशान हैं। मवेशियों का झुण्ड किसानों के खेतों में अचानक धावा बोलता है और खड़ी फसल नष्ट कर रहा है। किसानाें ने कई बार इस मामले को शासन-प्रशासन के समक्ष उठाया लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकाला। उधर गौशालाएं भी इस समस्या का हल नहीं दे पा रही हैं।
जानकारी के अनुसार जिले के सेमरिया, सिरमौर, अतरैला, डभौरा, रामबाग, जवा, त्योंथर, रायपुर सोनौरी, कटरा, गढ़, गंगेव, मनगवां, देवतालाब, नईगढ़ी, मऊगंज, हनुमना, गुढ़, गोविंदगढ़, रायपुर कर्चुलियान आदि क्षेत्रों में आवारा मवेशियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। किसान शोभानाथ कुशवाहा ने बताया कि इस समय रबी की फसलें खेताें में लहलहा रही हैं। लेकिन किसानों को रातदिन उनकी रखवाली भी करनी पड़ रही है। क्योंकि झुंड में मवेशी पहुंच रहे हैं और फसलों को चट कर जाते हैं। लगभग जिलेभर के हर ब्लाक एवं अधिकांश पंचायतों में गौशालाएं बनाई गईं लेकिन, गौशालाओं में भी आवारा मवेशियों को जगह नहीं मिल पा रही है। अधिकांश जगह तो गौशालाएं आधी-अधूरी हैं, जिससे मवेशी खेतों और सड़कों पर अपना जमघट लगाए रहते हैं। किसान जहां परेशान हैं वहीं प्रशासन आवारा मवेशियों को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं बना पा रहा है।
अस्थाई गौशालाओं का पता नहीं
रीवा और मऊगंज जिले में आवारा मवेशियों के व्यावस्थापन के लिए कलेक्टर ने सख्त आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि स्थानीय अधिकारी आवारा मवेशियों को गौशालाआें में व्यवस्थित कराने का काम करें और जहां गौशालाएं नहीं हैं वहीं सड़कों के किनारे अस्थाई गौशालाएं बनाकर मवेशियों का व्यवस्थापन कराया जाए। लेकिन कलेक्टर के इस आदेश का भी पालन नहीं किया गया और मवेशी सड़काें पर विचरण कर रहे हैं।
मांगे जा रहे रुपए
रायपुर कर्चुलियान ब्लाक अंतर्गत ग्राम मनिकवार नंबर एक, देवरा फरेदा, उलही कला, उलही खुर्द, हिनौती इत्यादि गांवों में गौशालाएं नहीं हैं। किसान रामनुज जायसवाल, अनिल पटेल, रामकलेश पटेल आदि ने बताया कि आवारा मावेशियों को पास की गौशालाओं में लेकर जाते हैं तो किसानों से खुरागी के नाम पर 200 रुपए प्रति मवेशी के हिसाब से लिया जाता है। इस संबंध एसडीएम पीएस त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा गया था। समस्या का समधान नहीं हुआ।
गौशालाएं ही विकल्प
संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह, किसान रामजीत सिंह, किसान सुब्रतमणि आदि का कहना है कि आवारा मवेशियों के व्यवस्थापन का एकमात्र विकल्प व्यवस्थित गौशालाएं ही हैं। शान-प्रशासन को चाहिए कि गांव-गांव में गौशालाओं का निर्माण कराया जाए और उनमें मवेशियों के लिए पर्याप्त चारा-पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं गांव के लोगों को अपने मवेशी आवारा नहीं छोड़ने के लिए जागरुक किया जाना चाहिए।