जन आक्रोश आंदोलन रैली: कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भाजपा व सरकारी नुमाइंदों पर जमकर बरसे
Singrauli News: जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार, विस्थापन, बेरोजगारी, प्रदूषण को लेकर ऊर्जाधानी में कांग्रेस ने जन आक्रोश आंदोलन किया। मुय अतिथि हरीश चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार को मुयमंत्री मोहन यादव नहीं चला रहे हैं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के उद्योगपति दोस्त चला रहे हैं।
दौलत की ताकत से मप्र का फैसला पूंजीपति ले रहे हैं। उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने व किसानों और भू-स्वामियों के शोषण के लिए प्रदेश सरकार एक नया कानून लाई है। इसमें बिना एक रुपए मुआवजा का भुगतान किए भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। केंद्र सरकार को घेरते हुए राष्ट्रीय महासचिव चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2013 में नया भू-अर्जन अधिनियम लागू किया था। इसमें भू-मालिक व किसान को बाजार का चार गुना मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन जैसे ही केंद्र में मोदी सरकार बनी उसके बाद नए भू-अधिग्रहण अधिनियम को बदलने का प्रयास किया गया। हालांकि राहुल गांधी ने मजदूरों, किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सपोर्ट से पदयात्रा निकाल केंद्र सरकार के मंसूबे पर पानी फेर दिया। केंद्र सरकार जब यहां सफल नहीं हुई तो भाजपा शासित राज्यों को अलग से भू-अधिग्रहण का अधिकार दे दिया। इसका नतीजा यह है कि उद्योगपतियों से पूछ कर कानून बनाया जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण मध्यप्रदेश है। वहां हाल ही में बगैर मुआवजा दिए अधिग्रहण हो जाएगा।
उद्योगपतियों का साथ, जनता का विनाश: जीतू
सुविधाओं के अभाव पर कसा तंज
जिले में व्याप्त बेरोजगारी से हो रहे विस्थापन से किसानों के शोषण, प्रदूषण व मूलभूत सुविधाओं के अभाव पर तंज कसते हुए चौधरी ने कहा कि इंदौर के बाद सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाला सिंगरौली अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है। सिंगरौली के डीएमएफ के पैसे को कहीं और खर्च किया जा रहा है। चौधरी यहीं नहीं रुके, बल्कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकऱी को घेरते हुए कहा कि अमेरिका जैसे देश में सडक़ व लाई ओवर बनाने का दम भरने वाले गडकऱी सीधी-सिंगरौली की सडक़ पिछले डेढ़ दशक में पूरा नहीं करा पाए। इस दौरान जिला प्रभारी कविता पाण्डेय, कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल, ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र द्विवेदी, पूर्व विधायक सरस्वती सिंह, मानिक सिंह, देवेन्द्र पाठक, प्रवीण सिंह चौहान, सूर्या द्विवेदी आदि मौजूद रही।
सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा की स्थिति बदतर: कमलेश्वर
यह स्थिति उस जिले की है जहां अनगिनत औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं। सीएम ने कई बार अपने घोषणा में कहा कि स्थानीय युवाओं व बेरोजगारों को 70 प्रतिशत रोजगार देंगे लेकिन सच्चाई क्या है सबको पता है। जिले में केवल लूट मची है। मोटी रकम की चढोत्तरी देकर प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस विभाग के लोग आ रहे हैं और यहां के भाजपा जनप्रतिनिधि के साथ मिलकर खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
सरकार के इशारे पर काम कर रहा प्रशासन: अजय
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस व प्रशासन काम कर रहा है। विस्थापितों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक में कई सबसे अधिक विस्थापन सिंगरौली मेें हुआ है लेकिन यहां विस्थापितों को उनका हक शासन व प्रशासन ने छीन लिया है। उनकी आवाज को दबा रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने केंद्र सरकार के 10 वर्ष पूर्व दिए गए नारे सबका साथ सबका विकास पर तंज कसते हुए कहा कि जनता का विकास तो नहीं हुआ लेकिन मोदी के उद्योगपति दोस्तों का चहुंमुखी विकास हुआ। इस हिसाब से सही नारा उद्योगपति दोस्तों का विकास जनता का विनाश सटीक बैठता है। केंद्र व प्रदेश सरकार अदाणी व अंबानी का साथ दे रही है। प्रदेश सरकार हर वर्ष एक लाख बेरोजगार को रोजगार देने की बात कहती है लेकिन आज तक किसी को कोई नौकरी नहीं दी। प्रदेश सरकार 31 लाख करोड़ का इन्वेस्टर मीट आयोजित करती है और इस दौरान भी कहती है कि एक लाख लोगों को रोजगार देंगे लेकिन किसी को रोजगार मिलना तो दूर जिनके हाथ में रोजगार था वह भी छीनता जा रहा है। देश में सबसे अधिक कहीं बेरोजगारी है तो मप्र के सिंगरौली जिले में हैं।
29/03/2025
सिंगरौली. जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार, विस्थापन, बेरोजगारी, प्रदूषण को लेकर ऊर्जाधानी में कांग्रेस ने जन आक्रोश आंदोलन किया। मुय अतिथि हरीश चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार को मुयमंत्री मोहन यादव नहीं चला रहे हैं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के उद्योगपति दोस्त चला रहे हैं।
दौलत की ताकत से मप्र का फैसला पूंजीपति ले रहे हैं। उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने व किसानों और भू-स्वामियों के शोषण के लिए प्रदेश सरकार एक नया कानून लाई है। इसमें बिना एक रुपए मुआवजा का भुगतान किए भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। केंद्र सरकार को घेरते हुए राष्ट्रीय महासचिव चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2013 में नया भू-अर्जन अधिनियम लागू किया था। इसमें भू-मालिक व किसान को बाजार का चार गुना मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन जैसे ही केंद्र में मोदी सरकार बनी उसके बाद नए भू-अधिग्रहण अधिनियम को बदलने का प्रयास किया गया। हालांकि राहुल गांधी ने मजदूरों, किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सपोर्ट से पदयात्रा निकाल केंद्र सरकार के मंसूबे पर पानी फेर दिया। केंद्र सरकार जब यहां सफल नहीं हुई तो भाजपा शासित राज्यों को अलग से भू-अधिग्रहण का अधिकार दे दिया। इसका नतीजा यह है कि उद्योगपतियों से पूछ कर कानून बनाया जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण मध्यप्रदेश है। वहां हाल ही में बगैर मुआवजा दिए अधिग्रहण हो जाएगा।