रीवा

Rewa MP: राजस्व न्यायालयों में हो रही दलाली, भ्रष्टाचार से वकालत पेशे की पक्षकारों की नजर में गिर रही साख।

Rewa MP: राजस्व न्यायालयों में हो रही दलाली,भ्रष्टाचार से वकालत पेशे की पक्षकारों की नजर में गिर रही साख।

तहसील न्यायालय में चल रही तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिवक्ताओं ने खोला मोर्चा।

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रीवा। राजस्व न्यायालयों में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार कितनी हावी है यह बताने की जरूरत नहीं हालात ऐसे हो चले हैं कि पक्षकारों द्वारा सुविधा शुल्क देने का रिवाज बन चुका है रिश्वत देने वाले पक्षकारों द्वारा सीधे पटवारी आर आई और वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से सिक्कों की खनक के दम पर अपना काम करवा लेते हैं तो वहीं राजस्व न्यायालयों में पक्षकारों की पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं को राजस्व न्यायालयों में हो रही घूसखोरी के कारण न सिर्फ उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है बल्कि पक्षकारों को समय पर सही न्याय नहीं दिला पाने की स्थिति में वकालत पेशे की उपयोगिता और गरिमा दोनों का हनन होता है इस खबर में हम दो खबरें दिखा रहे हैं जो राजस्व न्यायालय की पारदर्शिता और न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं पहली खबर में अधिवक्ताओं द्वारा राजस्व न्यायालय में चल रही भर्रेशाही के खिलाफ अधिवक्ताओं का मुखरित होना है और दूसरी खबर में एक पड़ोसी द्वारा दूसरे के मकान जो किराए पर लिया था उसे अपने घर में दीवार तोड़कर शामिल करके कब्जा कर लिया गया है तहसीलदार द्वारा मौका मुआयना भी किया गया है सब कुछ पीडि़त फरियादी के पक्ष में होते हुए भी तहसील न्यायालय से न्याय नहीं मिल पा रहा है इस मामले में न्याय आईने की तरह साफ है लेकिन तहसील कार्यालय द्वारा की जा रही लेट लतीफी से सर फुटावल की स्थिति बनी हुई है।

रीवा जिला सत्र न्यायालय के अधिवक्ता हरीश कुमार पांडेय द्वारा तहसील न्यायालय हुजूर में हो रहे भ्रष्टाचार और पक्षपात पूर्ण न्याय को लेकर जिला कलेक्टर रीवा को शिकायत पत्र सौंपकर लिखा है कि तहसील हुजूर में वर्तमान समय में भ्रष्टाचार चरम पर है जिसके संबंध में अभिभाषक समुदाय के अलावा आमजन मानस वाकिफ नहीं हो सकता है, तहसीलदार रविशिवशंकर शुक्ला द्वारा पंजीकृत विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण, बटवारा के प्रकरण धारा 178 एवं धारा 178 (e), तथा सीमाकंन के मामले जो मामले अधिवक्ताओं द्वारा पेश किए जाते है
उन्हें किसी न किसी कारण से निरस्त कर दिए जाता है इसके विपरीत जो मामले पटवारी के माध्यम से आते है उन्हें स्वीकार किया जाता है जिससे अधिवक्ताओं के प्रोफेशन पर बुरा असर पड रहा है एवं आम जनमानस मजबूरी में दलालों, पटवारियों के चक्कर में आकर लुट रही है इसी तरह वृत्त बनकुइयाँ, गोबिन्दगढ एवं नायब तहसीलदार नगर के न्यायालय का है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि मामलों में श्री शिवशंकर शुक्ला द्वारा निर्णय के लिए सुरक्षित रखने के बाद छः-छः माह तक आदेश पारित नहीं किए जाते किसान अधिवक्ता के पास आते हैं फाइले बस्तों में बधी रखी हुई और पूछते हैं कि हमारे मामले में साहब फैसला नहीं हुआ तो अधिवक्ता मजबूर हो जाते हैं क्या जबाव दें तहसील में जब तक घूँस न दी जाय तब तक आदेश पारित नहीं होते हैं बल्कि यदि मामला आवेदक के पक्ष में हो तो दूसरे पक्ष से घूँस लेकर मामला अदम पैरवी में खारिज कर दिया जाता है जो कि गंभीर चिंतन का विषय है धारा 250
बनकुइयाँ सर्किल में श्री बिनोद शुक्ला (चैनमैन) बाबू का काम देखने के साथ-साथ नायब तहसीलदार श्रीमती विंध्या मिश्रा की तरफ से पैसे के लेन-देन का काम देख रहा है जो किसानो से पैसा लेकर स्थगन आदेश जारी करवाने एवं खारिज करवाने एवं प्रकरणो में फैसला
पक्ष-विपक्ष में करवाने का काम देख रहा है।

अतः महोदया को इस पत्र के माध्यम से सूचित कर विनम्र
प्रार्थना की जा रही है कि यदि तहसील हुजूर रीवा में व्याप्त भ्रष्टाचार का सुधार का नहीं किया गया तो मजबूर होकर में माननीय राजस्व मंत्री महोदय के भोपाल स्थित आवास में धरना पर बैठूंगा ।

इसी तरह दूसरा मामला भी हुजूर तहसील अंतर्गत है जहां आवेदक यादवेन्द्र सिंह तनय स्व हीरा सिंह, निवासी इन्दिरा नगर रीवा के है उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी और कलेक्टर रीवा को आवेदन पत्र दिया है कि उनका एक मकान द्वारिका नगर वार्ड क्र. 24 तहसील हुज़ूर जिला रीवा में स्थित है उक्त मकान नगर निगम रीवा, से विधिवत नक्शा, पास करा कर अनुमति ले कर निर्माण कार्य कराया गया था तथा मकान का विधिवत बिजली का कनेक्शन एवं जल का कनेक्शन कराया गया था। मकान का विधिवत सभी टैक्स व कर जमा किया जाता
है उन्होंने उक्त मकान को जमीला अंसारी व उनके पति उमेश चन्द्र बैस LI-C द्वारा लीज में किराया से दिया गया था अब उनके मकान में जबरन किरायेदारों द्वारा कब्जा किया गया है किरायेदार की भूमि बगल में है किराएदार ने अपना मकान बनाया और मेरे मकान को पीछे से दीवार तोड़कर दरवाजा लगाकर अपने कब्जे में ले लिया गया है।

पीडि़त फरियादी द्वारा बताया गया कि उनके घर पर अपने घर से जोड़कर किराएदार ने आधिपत्य कर लिया है जिसकी लिखित शिकायत पर तहसीलदार तहसील हुज़ूर रीवा एवं थाना प्रभारी अमहिया द्वारा मौका निरीक्षण 28-8-24 को निरीक्षण कर सम्बंधित अनावेदक को किसी प्रकार का निर्माण कार्य ना करने तथा आगामी आदेश तक किसी प्रकार का निर्माण व आवेदक की भूमि पर किसी प्रकार का हस्ताक्षेप ना करने की हिदायत की गई थी | साथ ही मौका स्थल का राजस्व निरीक्षक व हल्का पटवारी द्वारा वरिष्ठ अधिकारी राजस्व तहसीलदार के समक्ष सीमांकन किया गया एवं सम्बंधित अनावेदक को एवं आवेदक को दो सप्ताह के अन्दर आदेश पारित करने की बात कही गई की परंतु आज दिनांक तक आवेदक के आवेदन पर किसी प्रकार का आदेश पारित नहीं किया गया।

अभी तक का कहना है कि तहसील न्यायालय से आदेश पारित नहीं होने के कारण दूसरे पक्ष के लोग जबरन उनके मकान पर कब्जा करके रह रहे हैं शासन प्रशासन की अधिकारियों को जांच के बाद यह पता है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने गलत कृत्य किया है बावजूद इसके बीते 8 माह से वादी के पक्ष में सब कुछ होते हुए भी आदेश पारित नहीं किया जा रहा है पीडि़त फरियादी का कहना है कि तहसील न्यायालय से न्याय नहीं मिलने के कारण वह व्यथित हैं और विरोधी पक्ष से लगातार जान माल का खतरा बना हुआ है।

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