MP सरकार की दोहरी संविदा नीति से उपेक्षित स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों का सौंपा ज्ञापन।

MP सरकार की दोहरी संविदा नीति से उपेक्षित स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों का सौंपा ज्ञापन।
मध्य प्रदेश सरकार में संविदा कर्मचारियों का चलन करीब दो दशक से चल रहा है इस संविदा नीति में सरकार का दोहरा मापदंड साफ-साफ दिखाई देता है जहां एक तरफ शिक्षा विभाग में संविदा कर्मचारियों को शिक्षा विभाग से जोड़कर स्थाई कर्मचारी का लाभ दिया जा रहा है तो वहीं विगत 20 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सक से लेकर विभिन्न पदों तक संविदा कर्मचारी भर्ती किए गए हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग में संविलियन नहीं किया जा रहा है और प्रदेश भर में ऐसे हजारों कर्मचारी हैं जो 20 वर्ष से सेवाएं दे रहे हैं एक प्रकार से यह कहा जा सकता है कि शासन की संविदा नीति से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का जमकर शोषण किया जा रहा है हालाकि विधानसभा चुनाव 2023 से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों की पंचायत बुलाकर उनके हक में सरकार द्वारा नीति बनाए जाने सहित विभिन्न वादे किए गए थे लेकिन प्रदेश में फिर से भाजपा सरकार आने पर डॉ मोहन यादव की सरकार ने संविदा पंचायत में की गई घोषणा पर अमल नहीं किया य यूं कहें कि संविदा कर्मचारियों की फजीहत पहले से भी अधिक शुरू हो गई संविदा कर्मचारियों द्वारा कई बार अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन प्रदर्शन किए गए धरना दिए गए हर बार उन्हें आश्वासन मिला लेकिन मांगे पूरी नहीं हुई अब एक बार फिर पूरे मध्य प्रदेश में संविदा कर्मचारी लामबंद होकर सरकार का दरवाजा खटखटा रहे हैं इसी कड़ी में रीवा जिले के स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश के नाम कलेक्ट्रेट रीवा में पहुंचकर ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगे रखी गई है।
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश के अन्तर्गत 20 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत् लगभग 32000 कर्मचारी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ सुचारू रूप से देते आ रहे हैं, कोरोनाकाल जैसे गंभीर महामारी में भी अपने परिवार एवं जीवन की परवाह किए बगैर सेवाएँ दी हैं। कर्मचारियों ने याद दिलाते हुए कहा कि हमारे सेवा भाव को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बीते वर्ष दिनांक 04.07.2023 को भोपाल में महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएँ की थी। जिसके परिपालन मे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23.07.2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति की सौगात दी गई, लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के द्वारा संविदा कर्मचारियों को दी गई सुविधाओं में कटौती की गई है।
👉विभाग में रिक्त पदों पर 50 प्रतिशत पद संविदा से संविलियन किया जाकर, नियमित किया जाये जिसका प्रावधान है परन्तु विभाग द्वारा संविलियन नहीं किया
जा रहा है।
👉पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ई.एल. एवं मेडिकल को पृथक कर दिया है अनुबंध प्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है,
👉अप्रेजल जैसी कुरीति को यथावत रखा गया है।
👉सेवा निवृत्ति की आयु में 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष किया गया है, एन.पी.एस., ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा एवं डी.ए. की सुविधा से वंचित रखा गया है,
👉शासन द्वारा समकक्षता (वेतन विसंगति) का निर्धारण है, जिसमें पुनः विचार कर संशोधन किया जावें.
👉गलत तरीके से किया गया निष्कासन सपोर्ट स्टॉफ एवं मलेरिया एमपीडब्ल्यू की एनएचएम में पुनः वापसी की जाए।
स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने कहा कि सरकार अगर हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लेती और संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हित में फैसला नहीं लेती तो आने वाले समय में प्रदेश व्यापी आंदोलन करने के लिए हमें विवस होना पड़ेगा ज्ञापन सौंपने वालों में संविदा चिकित्सक और विभिन्न पदों के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल रहे।