रीवा

Rewa MP:अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट बेला की तानाशाही के खिलाफ किसानों मजदूरों समाजसेवियों ने खोला मोर्चा, दी चेतावनी।

अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट बेला की तानाशाही के खिलाफ किसानों मजदूरों समाजसेवियों ने खोला मोर्चा, दी चेतावनी।

 

विराट वसुंधरा
रीवा। जिले के किसानों मजदूरों और समाजसेवियों ने 1 मई मजदूर दिवस के अवसर पर अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट बेला रीवा की तानाशाही और मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है कंपनी द्वारा किए जा रहे शोषण के विरोध में एक जनसभा का आयोजन किया गया जनसभा को संबोधित करते हुए किसान और मजदूर नेताओं ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि कंपनी अपनी शर्तों के अनुसार काम नहीं कर रही है स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा और जिन्हें रोजगार दिया भी गया है उनका शोषण किया जा रहा है कंपनी के आसपास के गांव में जल संकट की समस्या है प्रदूषण के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं ब्लास्टिंग से घरों को नुकसान हो रहा है और कंपनी प्रबंधन मौन धारण किए हुए हैं यह अन्याय अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सभा को सम्बोधित करने वालों में पूर्व जनपद अध्यक्ष रीवा लालमणि पांडेय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय त्रिपाठी बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी पंकज सिंह पटेल कांग्रेस नेता गुरुमीत सिंह मंगू पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक सिंह एनएसयूआई के अध्यक्ष पंकज उपाध्याय कम्युनिस्ट पार्टी के गिरिजेश सिंह सेंगर किसान नेता रामजीत सिंह मंगलेश्वर सिंह भोलगढ़ सरपंच लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी के के शुक्ला बंकुइया ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष संतोष सोहगौरा सेमरिया विधायक प्रतिदिन अनिल त्रिपाठी भक्त राज सिंह राकेश सिंह प्रदीप त्रिपाठी मुनेंद्र सिंह दिलीप बडगैया धर्मेंद्र सिंह हिम्मत द्विवेदी दिलीप तिवारी महिला मोर्चा से डॉक्टर सविता मिश्रा प्रभा सोहगौरा राखी पांडे विजयलक्ष्मी मिश्रा लालमणि उपाध्याय अनिल सिंह गोमती तिवारी मध्येपुर सरपंच पति प्रभुनाथ कोल पंकज त्रिपाठी बलेंद शुक्ला और काफी संख्या में मजदूर किसान शामिल रहे।

जनसभा में लोगों ने अल्ट्राटेक कंपनी के मैनेजमेंट के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया सभा समाप्त के बाद नायब तहसीलदार बांकुइया विंध्या मिश्रा को 21 सूत्रीय क्षेत्रीय मुद्दों का ज्ञापन सौंप कर एक महीने का अल्टीमेटम देते हुए कहा गया है कि अगर एक महीने के अंदर शासन प्रशासन अल्ट्राटेक के मैनेजमेंट से क्षेत्रीय समस्याओं का मुद्दा हल नहीं करवाती तो हम सारे मजदूर किसान नेता एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधि मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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