Rewa MP : सीएम और सुप्रीम कोर्ट / हाई कोर्ट के न्यायाधीशगणों ने किया जिला न्यायालय के भव्य नवीन भवन का लोकार्पण।

Rewa MP, सीएम और सुप्रीम कोर्ट / हाई कोर्ट के न्यायाधीशगणों ने किया जिला न्यायालय के भव्य नवीन भवन का लोकार्पण।

👉 रीवा का न्यायालय प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ जिला न्यायालय में से एक – डॉ मोहन यादव।

👉 मध्यप्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है – श्री सूर्य कांत।

👉 करूणा, विवेक और न्याय से भव्य भवन की आत्मा जागृत होगी – श्री माहेश्वरी।

👉 लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए उच्च न्यायालय में 32 जजों की नियुक्ति आवश्यक – श्री कैत।

👉 रीवा के लिए न्यायालय भवन की सौगात गौरव और खुशी लेकर आई है – उप मुख्यमंत्री

विराट वसुंधरा
रीवा। जिले के विकास में एक और कड़ी जुड़ गई है विंध्य प्रदेश की राजधानी कहा जाने वाला रीवा विकास के नित नई ऊंचाई को छू रहा है इसी कड़ी में रीवा जिले के विश्वविद्यालय मार्ग पर नवनिर्मित जिला एवं सत्र न्यायालय भवन का लोकार्पण अवसर 4 मई को ऐतिहासिक पल को सदियों तक याद किया जाएगा देखा जाए तो रीवा में यह पहला अवसर रहा है जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश गण हाई कोर्ट जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायाधीश गण उप मुख्यमंत्री तथा रीवा जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश गण एक साथ एक ही मंच पर उपस्थित होकर नवीन भवन के लोकार्पण अवसर को ऐतिहासिक बना दिये हैं।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश गण श्री सूर्य कांत, श्री जे.के. माहेश्वरी श्री सतीश चन्द्र शर्मा, एवं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत तथा न्यायाधीश गण के कर कमलों से भव्य जिला न्यायालय भवन का लोकार्पण किया गया इस पाँच मंजिला भवन के तीन खण्डों में 40 कोर्ट रूम तथा 750 वकीलों के बैठने की व्यवस्था है। इसकी कुल लागत 96 करोड़ रुपए है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि नवीन भवन से रीवा ही नहीं पूरा मध्यप्रदेश गौरवान्वित हुआ है। यह प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ जिला न्यायालय भवन है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीश गणों की गौरवमयी उपस्थिति ने इसके लोकार्पण की गरिमा को दुगना कर दिया है। रीवा में 1834 में तब के महाराजा ने दरबार से बाहर दो तरह के न्यायालयों की व्यवस्था की थी। उस समय आमजनता को न्याय सुलभ कराने का जो संकल्प लिया गया था उसे हम पूरा कर रहे हैं। हमारे देश में राजा हरिश्चन्द्र और महाराजा विक्रमादित्य जैसे प्रतापी और न्यायप्रिय राजाओं की परंपरा रही है। जिन्होंने सदैव जनहित और देशहित में निष्पक्ष होकर न्याय किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने न्यायिक प्रणाली को अधिक कारगर बनाने के लिए नये कानून बनाए। नये कानूनों से न्यायिक प्रणाली और लोकतंत्र दोनों समृद्ध हुए हैं। प्रधानमंत्री जी की पहल पर तीन तलाक के कानून को समाप्त किया गया। इससे महिलाओं की बेहतरी हुई। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के संबंध में सराहनीय निर्णय देकर 500 साल के विवाद का अंत किया। इसके लिए न्यायालय का अभिनंदन है। रीवा में न्याय की गौरवशाली परंपरा रही है। भगवान राम ने अपने वनवास के 11 वर्ष रीवा राज्य के ही चित्रकूट में बिताकर इस धरती को धन्य किया है। उनकी प्रेरणा से ही राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने का बल मिला है।

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समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री सूर्य कांत ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार के सक्रिय सहयोग से 30 नवीन न्यायालय भवनों की सौगात मिली है। रीवा का नवीन न्यायालय भवन में न्यायालयीन प्रणाली से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी। नवीन भवन में मानवीय मूल्यों की स्थापना हो और कारगर न्यायप्रणाली से निष्पक्ष न्याय मिले। देश की प्रगति के लिए मजबूत न्याय प्रणाली का होना आवश्यक है।

समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री जे.के. माहेश्वरी ने कहा कि रीवा में राजा विश्वनाथ सिंह ने वर्षों पहले दो न्यायालयों का गठन किया था। मेताक्षरा न्यायालय में हिन्दू धर्म की परंपराओं के अनुसार तथा धर्मसभा में धार्मिक आधार पर न्याय किया जाता था। नवीन न्यायालय भवन बघेली स्थापत्य और आधुनिकता का अनूठा संगम है। इस भवन में जब करूणा, विवेक और न्याय होगा तभी इसकी आत्मा जागृत होगी।

समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री सतीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि रीवा में विधि का इतिहास बहुत महत्वपूर्ण है। इसी माटी से निकलकर श्री जीपी सिंह हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा जस्टिस जेएस वर्मा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। यहाँ के कई जज और अधिवक्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रतिभा की चमक बिखेर रहे हैं।

समारोह में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय रीवा के नवीन भवन का लोकार्पण करने के अवसर को सुनहरा पल बताया और अपने संबोधन में कहे कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रयासों से प्रदेश को 30 नये भवन मिले हैं श्री कैत ने कहा कि रीवा के भव्य न्यायालय भवन में 40 कोर्ट और 750 वकीलों के बैठने की व्यवस्था है उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में प्रकरण अधिक हैं लेकिन जजों की संख्या कम है इस समय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चार लाख 78 हजार से अधिक मामले लंबित हैं। इनके निराकरण के लिए हाईकोर्ट में 32 नये जजों की नियुक्ति किया जाना आवश्यक है।

समारोह में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रीवा के लिए नवीन जिला न्यायालय भवन की सौगात खुशी और गौरव लेकर आई है। रीवा ही नहीं पूरा विन्ध्य तेजी से विकास कर रहा है। यहाँ 40 मिलियन टन सीमेंट और 15 हजार मेगावाट बिजली के उत्पादन सहित अत्यधिक मात्रा में कोयले का भी उत्पादन होता है। विन्ध्य में रेलवे लाइन, फोरलेन सड़कों और एयरपोर्ट निर्माण के साथ हर क्षेत्र में विकास में तेजी आई है। नवीन भवन के लोकार्पण में मुख्यमंत्री जी और न्यायाधीशगणों ने शामिल होकर हमारा गौरव बढ़ा दिया है। हमारी न्याय प्रणाली सुदृढ़ होगी तो हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बनेगा।

समारोह में हाईकोर्ट के पोर्टफोलियो जज श्री संजीव सचदेवा ने कहा कि रीवा की न्यायिक प्रणाली देश के संविधान से भी पुरानी है। यहाँ राजशाही विन्ध्य प्रदेश के समय भी मजबूत न्याय व्यवस्था थी। रीवा हाईकोर्ट से बघेलखण्ड और बुंदेलखण्ड के 21 जिलों के प्रकरणों का निराकरण होता था। नवीन न्यायालय भवन से रीवा की न्यायालयीन परंपरा को नया आयाम मिलेगा।

समारोह में स्वागत उद्बोधन हाईकोर्ट के न्यायाधीश श्री संजय द्विवेदी ने दिया। समारोह में हाईकोर्ट के न्यायाधीश श्री विशाल मिश्रा, एडवोकेट जनरल श्री प्रशांत सिंह, प्रमुख सचिव न्याय विभाग श्री एनपी सिंह, सांसद जनार्दन मिश्र, विधायक सिरमौर दिव्यराज सिंह, विधायक मनगवां इंजीनियर नरेन्द्र प्रजापति, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, भाजपा जिला अध्यक्ष वीरेन्द्र गुप्ता उपस्थित रहे।

समारोह में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राकेश मोहन प्रधान ने स्मृति चिन्ह भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में कमिश्नर बीएस जामोद, आईजी गौरव राजपूत, कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, स्टेट बार काउंसिल के सदस्य एड अखण्ड प्रताप सिंह, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एड राजेन्द्र पाण्डेय, एड रावेन्द्र मिश्र एड नरेन्द्र सिंह बघेल, एड लक्ष्मीनारायण मिश्रा, एड शिवेन्द्र उपाध्याय, एड सुशील तिवारी, एड घनश्याम सिंह तथा बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

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